वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

हम केवल स्मरण ही नहीं करें, बल्कि अपनी आवाज़ और रुख़ भी बुलन्द करें, यूएन प्रमुख

पोलैंड के आउशवित्ज़-बर्केनाउ में स्मारक और संग्रहालय के पास एक रेल ट्रैक पर पीड़ितों की स्मृति में गुलाब का फूल.
Unsplash/Albert Laurence
पोलैंड के आउशवित्ज़-बर्केनाउ में स्मारक और संग्रहालय के पास एक रेल ट्रैक पर पीड़ितों की स्मृति में गुलाब का फूल.

हम केवल स्मरण ही नहीं करें, बल्कि अपनी आवाज़ और रुख़ भी बुलन्द करें, यूएन प्रमुख

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि Antisemitism यानि यहूदीवाद विरोध को, स्वतंत्रता की कोयला खान में कनारी चिड़िया की तरह वर्णित किया गया है, और घृणा से भरे हुए कट्टरपंथियों व ख़तरनाक षडयंत्रकारियों को अब ऑनलाइन मंचों पर उनकी बात सुनने वाले मिल रहे हैं, हम जहाँ भी नफ़रत का अनुभव करें, वहाँ उसके ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करने का संकल्प लें, और सर्वजन के मानवाधिकारों व गरिमा के लिए उठ खड़े हों.

बुलन्द करने का संकल्प लें, और सर्वजन के मानवाधिकारों व गरिमा के लिए उठ खड़े हों.”

एंतोनियो गुटेरेश ने नात्सियों के ऑशवित्ज़ प्रताड़ना शिविर को आज़ाद कराए जाने की वर्षगाँठ के अवसर पर, शनिवार को न्यूयॉर्क के ऐतिहासिक पार्क ईस्ट सिनेगॉग में आयोजित वार्षिक समारोह में कहा, “हॉलोकास्ट, मानवता के लिए एक सबक़ के रूप में नहीं हुआ, बल्कि ये घटित हुआ. और चूँकि ये घटित हुआ, इसलिए ऐसा दोबारा हो सकता है.”

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “हमें अपनी चौकसी कभी कम नहीं करनी होगी. हमें सदैव ही चौकन्ने रहना होगा”, क्योंकि एक दर्दनाक वास्तविकता ये है कि आज भी यहूदीविरोधवाद हर जगह है. इतना ही नहीं, ये अपनी सघनता बढ़ा रहा है.

उससे भी ज़्यादा, यही वास्तविकता, नस्लभेद और नफ़रत के अन्य रूपों के बारे में सच है: मुस्लिम विरोधी कट्टरवाद, पूर्वाग्रह व नस्लवादी असहिष्णुता, होमोफ़ोबिया और स्त्रीद्वेष.

यूएन प्रमुख ने बताया कि दरअसल नव-नात्सी श्वेत वर्चस्ववादी आन्दोलन, आज अनेक देशों में सर्वोच्च आन्तरिक असुरक्षा का प्रतिनिधित्व करते हैं – और तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “उनका विष अब हाशिए के स्थानों से मुख्य धारा में अपनी जगह बना रहा है.” उन्होंने सन्दर्भ दिया कि स्वयं से अन्य लोगों का दानवीकरण, विविधता को असम्मान, लोकतांत्रिक मूल्यों का विघटन, और मानवाधिकारों की अनदेखी, “बुराइयों के रूप में, हमारे समय की कोई नई बात नहीं है. नई बात – उनकी पहुँच और उनकी गति है.”

नफ़रत के ख़िलाफ़ एकजुटता दिखाने के लिये, न्यूयॉर्क के एक यहूदी धर्मस्थल - सिनेगॉग में एक अन्तर धार्मिक सभा का आयोजन. (31 अक्तूबर 2018)
UN Photo/Rick Bajornas

नफ़रत को रोकें

यूएन मनहासचिव ने कहा कि जो नस्लभेदी कट्टरपंथी तत्व, अतीत में अपना विष केवल अपनी भोजन मेज़ तक ही फैला सकते थे, आज के दौर में उनके पास एक माइक्रोफ़ोन है जिसकी पहुँच वैश्विक है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “परिणाम चिन्ताजनक हैं क्योंकि वो ख़तरनाक हैं.” उन्होंने याद करते हुए बताया कि शुक्रवार को, यूएन महासभा के वार्षिक हॉलोकास्ट स्मरण समारोह में, उन्होंने नफ़रत को रोकने जाने और चौकसी बरतने के मानक स्थापित किए जाने की अपील जारी की है.

यूएन प्रमुख ने कहा, “मैं सोशल मीडिया मंचों, टैक्नॉलॉजी कम्पनियों और विज्ञापन दाताओं से, अपने लाभ के लिए झूठ के फैलाव में मिली भगत से बाहर निकल जाने की पुकार लगाता हूँ. मैं ज़िम्मेदारियाँ स्पष्ट करने के लिए क़ानून की पुकार लगाता हूँ. और मैं हम सभी से, नफ़रत के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने और मज़बूत रुख़ अपनाने का आहवान करता हूँ. हमें झूठ का मुक़ाबला तथ्यों से करना होगा, अज्ञानता का मुक़ाबला शिक्षा से, बेपरवाही का मुक़ाबला, संवाद व सम्पर्क के साथ करना होगा.”

धार्मिक नेतागण व सरकारों को कार्रवाई करनी होगी

एंतोनियो गुटेरेश ने यह भी कहा कि हर जगह के धार्मिक नेतागण का कर्तव्य है कि वो नफ़रत को एक हथियार बनने से रोकें और अतिवाद को उसके समर्थकों के बीच ही कमज़ोर करें. इसके साथ ही, हॉलोकास्ट की पीड़ाओं के बारे में जागरूकता फैलाना, सभी देशों की सरकारों की ज़िम्मेदारी है.

उन्होंने कहा, “ संयुक्त राष्ट्र अपने हॉलोकास्ट सम्पर्क कार्यक्रम के माध्यम से, इस अहम कार्य के अग्रिम मोर्चे पर है.”

हॉलोकास्ट की स्मृति के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर जिनीवा में एक कार्यक्रम.
UN Photo/Violaine Martin

स्मृतियों का सम्मान

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि जिन लोगों की ज़िन्दगियाँ समाप्त हो गईं, उनकी स्मृतियों का सम्मान करना हमारी ज़िम्मेदारी है, “मगर जो कुछ घटित हुआ, उसके सच के बारे में जानना भी, और ये सुनिश्चित करना भी हमारी ज़िम्मेदारी है कि ना तो हम, और ना ही भविष्य की पीढ़ियाँ, इसे कभी भूलें.”

“हर जगह ज़िम्मेदार तत्वों की दंडमुक्ति को नकारें. जो लोग हॉलोकास्ट का खंडन करते हैं, उसके बारे में भ्रामक जानकारी फैलाते हैं, या किसी अन्य तरीक़े से उसकी सघनता को कम करते हैं, उनके विरुद्ध खड़े हों.”

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि ये अध्याय वैसे तो 1930 के दशक में लिखा गया था, मगर ये आज भी ताज़ा नज़र आता है.

उन्होंने कहा, “हमारी जवाबी कार्रवाई स्पष्ट होनी चाहिए. हमें अपनी रक्षापंक्ति मज़बूत करनी होगी और उन लोगों को रद्द करना होगा जो भविष्य को आकार देने के लिए, अतीत को नकारते हैं. हमें केवल स्मरण के लिए ही संकल्प नहीं लेना होगा – बल्कि अपनी आवाज़ बुलन्द करने और कड़ा रुख़ अपनाने के लिए भी प्रतिबद्धता जतानी होगी.”

यूएन प्रमुख ने निष्कर्षतः कहा, “हम जहाँ भी नफ़रत देखे, वहाँ उसके ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बुलन्द करें और सर्वजन के मानवाधिकारों व गरिमा की ख़ातिर उठ खड़े हों – आज और आने वाले सभी दिनों के लिए.”