सीरिया: 12 वर्ष से जारी युद्ध के कारण, 70 फ़ीसदी आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र विशेष दूत गेयर पैडरसन ने कहा है कि देश में गृहयुद्ध को 12 वर्ष होने जा रहे हैं, मगर स्थानीय नागरिक अब भी बुरी तरह विभाजित हैं, विशाल स्तर पर विस्थापन व आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और संकट का हल तलाश करने की दिशा में सीमित प्रगति हुई है. यूएन अधिकारियों ने बताया कि देश में 70 प्रतिशत आबादी को अब मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
सीरिया के लिए यूएन के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने कहा, “2023 में दाख़िल होते हुए, सीरियाई लोग गहरे मानवीय, राजनैतिक, सैन्य, सुरक्षा, आर्थिक व मानवाधिकार संकट में फँसे हैं, जोकि अत्यधिक जटिल है और जिसका स्तर अकल्पनीय है.”
उन्होंने हाल के दिनों में घटनाक्रम से अवगत कराते हुए, ज़मीन पर शान्ति स्थापित किए जाने, सीरियाई संवैधानिक समिति की अवरुद्ध प्रक्रिया को सदभाव के साथ फिर आगे बढ़ाए जाने और सुरक्षा परिषद द्वारा अति-आवश्यक मानव कल्याण समर्थन की अपनी अपील दोहराई.
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गेयर पैडरसन ने कहा कि पहली प्राथमिकता, देश में राष्ट्रव्यापी युद्धविराम लागू करना है, ताकि हिंसक टकराव का हल तलाश किया जा सके.
उनके अनुसार, वर्ष 2022 में अलग-अलग अवसरों पर अपेक्षाकृत शान्ति देखी गई, मगर कुछ मौक़ों पर हालात भड़के. जनवरी 2023 में अभी तक एक मिलीजुली तस्वीर सामने आई है.
पश्चिमोत्तर सीरिया में हवाई हमलों की घटनाओं में कमी आई है और देश के पूर्वोत्तर में गहन सैन्य टकराव भी अब धीमा हुआ है.
विशेष दूत ने सचेत किया कि इसके बावजूद, अन्य मामलों में देश की तस्वीर गम्भीर है और बमबारी, रॉकेट हमलों और रुक-रुककर होने वाली झड़पें जारी हैं, जिनमें अनेक तत्व शामिल हैं.
इसके अलावा, आइसिल संगठन देश में सक्रिय है और इसके सदस्य सैन्यकर्मियों व आम लोगों - दोनों की हत्याएँ कर रहे हैं.
विशेष दूत ने सीरिया में विशाल मानवीय संकट का उल्लेख करते हुए, इस महीने सर्वमत से प्रस्ताव 2672 (2023) पारित करने के लिए सुरक्षा परिषद का आभार प्रकट किया.
इस प्रस्ताव का छह महीने के लिए नवीनीकरण किया गया है, और इस व्यवस्था के ज़रिये तुर्की की सीमा पर स्थित चौकी से होकर, सीरिया में भोजन, दवाओं और अन्य अहम सामग्रियों की आपूर्ति की जाएगी.
गेयर पैडरसन ने ज़ोर देकर कहा कि सीरिया में आवश्यकताओं का स्तर, युद्ध शुरू होने के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है.
देश में निर्धनता, खाद्य असुरक्षा अपने रिकॉर्ड स्तर पर है और आर्थिक संकट के बीच बुनियाती सेवाओं की उपलब्धता लड़खड़ा रही है.
विशेष दूत पैडरसन के साथ, मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय की उपनिदेशक ग़ादा ऐलताहिर मुदावी ने भी सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया और कहा कि सीरियाई जनता को, वैश्विक समुदाय से अर्थपूर्ण समर्थन की अपेक्षा है.
उन्होंने कहा कि 12 वर्षों से हिंसक टकराव, मानवीय संकट को सहने के बाद उनके लिए यह सबसे ख़राब साल है. डेढ़ करोड़ लोग, यानि सीरिया की लगभग 70 फ़ीसदी आबादी को, मानव कल्याण सहायता की ज़रूरत है.
विस्थापितों के लिए बनाए गए शिविरों में भीड़भाड़ है, जहाँ उन्हें ईंधन की क़िल्लत, खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में उछाल और हैज़ा के प्रकोप के बीच कठोर सर्दी में जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है.
यूएन अधिकारी ने कहा कि दानदाताओं से अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता होगी. वर्ष 2022 के लिए यूएन की मानवीय राहत योजना में प्रस्तावित कुल धनराशि में से केवल 47 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया था.
विशेष दूत गेयर पैडरसन ने कहा कि एक अन्य अहम प्राथमिकता, सीरिया में संवैधानिक समिति प्रक्रिया को फिर से शुरू होते देखना है, ताकि हिंसक टकराव के हल की दिशा में ठोस प्रगति की जा सके.
इस समिति को 2019 में अथक प्रयासों के बाद गठिक किया गया था, जिसमें तीन अहम घटक हैं – सीरियाई सरकार, विरोधी गुट और नागरिक समाज.
इस समिति की कार्रवाई मई 2022 में आठवीं बैठक के बाद से ही अवरुद्ध है.
बताया गया है कि रूस द्वारा समिति के आयोजन स्थल की आलोचना किए जाने और सीरियाई सरकार के प्रतिनिधियों के जिनीवा ना पहुँचने के बाद से कोई प्रगति नहीं हुई है.