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बाल अधिकारों के लिए सम्मान में त्वरित गिरावट

पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में विस्थापित बच्चे एक शिवार में बने शौचालय के बाहर, हाथ धोते हुए.
© UNICEF/Shehzad Noorani
पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में विस्थापित बच्चे एक शिवार में बने शौचालय के बाहर, हाथ धोते हुए.

बाल अधिकारों के लिए सम्मान में त्वरित गिरावट

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने सोमवार को जिनीवा में कहा है कि बाल अधिकार एक प्राथमिकता रहनी चाहिए और बच्चों की आवाज़ों को सुनने और उन पर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है.

वोल्कर टर्क ने बाल अधिकारों पर समिति के 92वें सत्र को सम्बोधित करते हुए ज़ोर दिया कि इस समिति का कामकाज अभूतपूर्व रूप से महत्वपूर्ण है.

ग़ौरतलब है कि इस वर्ष, मानवाधिकारों के सार्वभौमिक घोषणा-पत्र (UDHR) की 75वीं वर्षगाँठ है. मानवाधिकार उच्चायुक्त ने इस सन्दर्भ में ध्यान दिलाया कि उस दस्वातेवज़ ने सर्वजन के अधिकारों, गरिमा और समानता के लिए रास्ता बनाया है.

उन्होंने कहा, “उस घोषणा-पत्र के वर्ष भर चलने वाले समारोह मनाते हुए, आइए हम ये सुनिश्चित करने के प्रयास करें कि बाल अधिकार एक सामूहिक प्राथमिकता बनी रहें.”

सम्मान में गिरावट

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बताया कि दुनिया भर में बाल अधिकारों के लिए सम्मान में तेज़ी से कमी हो रही है.

उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी का सामना करने के प्रयासों का सबसे ज़्यादा नुक़सान बच्चों को उठाना पड़ा है, जिसमें उनके शिक्षा पाने के अधिकार पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ा. जलवायु परिवर्तन की वास्तविकता उनके आज के जीवन और भविष्य के लिए, जोखिम उत्पन्न कर रही है.”

इस बीच बाल अधिकारों के पैरोकारों अनेक देशों में बढ़े हुए दमन का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें विशेष रूप से लड़कियों और लिंग अपुष्ट बच्चों के अधिकार पैरोकार शामिल हैं.

बिल्कुल न्यूनतम से भी वंचित

दुनिया भर में बहुत से लड़के और लड़कियाँ युद्धग्रस्त क्षेत्रों में या अति गम्भीर मानवीय ज़रूरत की स्थितियों में रह रहे हैं, और तमाम संकटों में, बच्चे ही सर्वाधिक प्रभावितों में हैं.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा, “आँकड़े, दिल दहला देने वाली वास्तविकता उजागर करते हैं. दुनिया भर में जबरन विस्थापित हुए लगभग 10 करोड़ लोगों की संख्या में, क़रीब 41 प्रतिशत बच्चे हैं.”

“संकट प्रभावित 15 देशों में लगभग चार करोड़ बच्चे, गम्भीर कुपोषण से असुरक्षित हैं, उन्हें अपने बचपन में समुचित विकास और वृद्धि के लिए ज़रूरी पोषण में से बिल्कुल न्यूनतम भी हासिल नहीं हो रहा है.”

यूएन सन्धियों के लिए समर्थन

वोल्कर टर्क ने कहा कि उनका कार्यालय, एक ऐसी योजना को अन्तिम रूप दे रहा है जिससे बाल अधिकार समिति और अन्य यूएन सन्धि संस्थाओं के कामकाज में सुविधा होगी.

उन्होंने ये भी कहा कि वो इस बात से भी अवगत हैं कि सन्धि संस्था प्रणाली के लिए धन की लगातार भारी क़िल्लत रही है, जिसके कारण देश पक्षों की रिपोर्ट्स और व्यक्तिगत संचारों में ख़ासी देरी हुई है.

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि सन्धि आधारित मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए, सदस्य देशों से टिकाऊ धन योगदान की ज़रूरत है.

साथ ही, मानवाधिकारों के सार्वभौमिक घोषणा-पत्र की 75वीं वर्षगाँठ समारोहों के इर्द-गिर्द कुछ नए अवसर भी नज़र आ रहे हैं.

“इस अवसर से हमें अन्तरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मानवाधिकार प्रणालियों के दरम्यान, सहयोग और सम्पर्क मज़बूत करने का मौक़ा मिलता है. समिति के पास, बाल अधिकारों पर कन्वेन्शन के 196 सदस्य पक्षों के साथ, संवाद के माध्यम से बाल मुद्दों पर सम्पर्क स्थापित करने की विशाल सम्भावना मौजूद है.”