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वैश्विक खाद्य संकट के कारण लाखों बच्चों का जीवन ख़तरे में

दक्षिण सूडान के जुबा में अल सब्बाह चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में अफरा, उसकी मां थेरेसी द्वारा आयोजित कुपोषण के लिए जाँच की जा रही है
© UNICEF/Ilvy Njiokiktjien
दक्षिण सूडान के जुबा में अल सब्बाह चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में अफरा, उसकी मां थेरेसी द्वारा आयोजित कुपोषण के लिए जाँच की जा रही है

वैश्विक खाद्य संकट के कारण लाखों बच्चों का जीवन ख़तरे में

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र की पाँच एजेंसियों ने 15 देशों में रह रहे लाखों कुपोषित बच्चों की रक्षा की ख़ातिर, तत्काल कारवाई की पुकार लगाई है. ये बच्चे अभूतपूर्व खाद्य और पोषण संकट का सामना कर रहे हैं.

पाँच साल से कम उम्र के तीन करोड़ से अधिक बच्चे, क़ीमतों में बढ़ोत्तरी, वर्तमान में चल रहे संघर्षों, कोविड-19 का प्रभाव और जलवायु परिवर्तन के कारण बाल दुर्बलता व गम्भीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं.  

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गम्भीर कुपोषण के शिकार बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली, बेहतर पोषित बच्चों की तुलना में कमज़ोर होती है और उन्हें सामान्य बीमारियों से मौत का ख़तरा अधिक होता है.

10 लाख बच्चे गम्भीर बाल दुर्बलता के शिकार हैं जोकि कुपोषण का सबसे जानलेवा रूप है.

इन कुपोषित बच्चों की मृत्यु होने की सम्भावना, बेहतर पोषित बच्चों की तुलना में 12 गुना अधिक होती है.

संकट गहराने की आशंका

ये अपील संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, UNHCR, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जारी की है.

यूएन की इन पाँच एजेंसियों ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि इस बढ़ते संकट को एक त्रासदी बनने से रोकने के लिये, बाल दुर्बलता पर वैश्विक कार्रवाई योजना की प्रगति को गतिशील करना होगा.

FAO के महानिदेशक, क्यू डोंगयू ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है की वर्ष 2023 में ये स्थिति बदतर होने की सम्भावना है.

उन्होंने कहा, “हमें बच्चों, लड़कियों और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिये किफ़ायती, स्वस्थ और टिकाऊ आहार तक पहुँच सुनिश्चित करनी होगी. हमें तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है. सभी क्षेत्रों में इन ज़िन्दगियों की रक्षा के लिये और कुपोषण के मूल कारणों से निपटने हेतु, हमें तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.”

पाँच प्राथमिकताएँ

वैश्विक कार्रवाई योजना ( The Global Action Plan ) का उद्देश्य, अफ़ग़ानिस्तान, बुर्कीना फासो, चाड, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, हेती, केनया, मेडागास्कर, माली, निजेर, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान और यमन में भुखमरी और कुपोषण के इस गम्भीर संकट से सबसे अधिक प्रभावित देशों में, बच्चों को तीव्र कुपोषण से बचाना और उनका उपचार करना है.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने इन बढ़ती ज़रूरतों को देखते हुए पाँच विशिष्ट कार्रवाइयों की एक रूपरेखा तैयार की है.

विश्लेषण, बचाव व सहयोग

इनमें निर्धारकों के विश्लेषण में तेज़ी लाना, नियमित जाँच आवश्यक प्रारम्भिक मातृ एवं बाल पोषण सुनिश्चित करना, और आपातकालीन खाद्य सहायता के रूप में विशेष पौष्टिक खाद्य उत्पाद प्रदान करना शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त, फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, “UNHCR में हम विश्लेषण और अपने लक्ष्यों में सुधार लाने के लिए, कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि हम आन्तरिक रूप से विस्थापित और शरणार्थी आबादी के अत्यधिक संवेदनशील बच्चों तक मदद पहुँचा सके."

भागीदारों ने ज़ोर देकर कहा कि समन्वित रूप से इन कार्रवाइयों का विस्तार, न केवल रोकथाम व उपचार, बल्कि जीवन बचाने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होगा.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख, डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, "वैश्विक खाद्य संकट भी एक स्वास्थ्य संकट है, और यह दुष्चक्र है: कुपोषण की वजह से बीमारी का ख़तरा होता है, और बीमारी से कुपोषण का जोखिम है."

उन्होंने कहा, “सबसे अधिक प्रभावित देशों में, बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिये, अब तत्काल समर्थन की आवश्यकता है, जिसमें ख़ासतौर पर महिलाओं व बच्चों के लिये स्वस्थ भोजन और पोषण सेवाओं तक महत्वपूर्ण पहुँच सुनिश्चित करना शामिल है."