बेलारूस: नोबेल पुरस्कार विजेता आलेस बियालियात्सकी पर मुक़दमा ‘राजनीति से प्रेरित’

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता, आलेस बियालियात्सकी पर मुक़दमे को राजनैतिक रूप से प्रेरित बताया है, और उन्हें रिहा किये जाने की मांग की है.
आलेस बियालियात्सकी लम्बे समय से मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के प्रयासरत हैं, और ‘वियासना’ (वसन्त) नामक एक नागरिक समाज संगठन के संस्थापक हैं.
उन्हें जुलाई 2021 में कर (टैक्स) देने से बचने के आरोप में अन्य दो कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ़्तार किया गया था.
#Belarus: We are gravely concerned by the trial of Ales Bialiatski. 2 other @viasna96 reps also face prison sentences. We call for the charges against them to be dropped, and their immediate release from detention. https://t.co/bnQMYXU5Hy https://t.co/vjJjgTf12a
UNHumanRights
बताया गया है कि राजधानी मिन्स्क की एक जेल में उन्हें बेहद कठिन परिस्थितियों में रखा गया है, और उन पर मुक़दमे की कार्रवाई गुरूवार को शुरू हुई.
यूएन कार्यालय प्रवक्ता जर्मी लॉरेंस ने कहा, “नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता आलेस बियालियात्सकी पर मुक़दमे की कार्रवाई से हमें गम्भीर चिन्ता है, जोकि गुरूवार को आरम्भ हुई है.”
“बियालियात्सकी को जेल में 12 साल तक [की सज़ा] का सामना करना पड़ सकता है.”
मानवाधिकार कार्यालय प्रवक्ता ने बताया कि वियासना मानवाधिकार केन्द्र के दो अन्य प्रतिनिधियों को भी जेल की सज़ा सुनाई जा सकती है.
“हम उनके इस मुक़दमे के तौर-तरीक़ों पर गम्भीर चिन्ताएँ हैं. हम उनके विरुद्ध आरोपों को वापिस लेने और उनकी हिरासत से तत्काल रिहाई की अपील करते हैं.”
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की ओर से यह अपील बेलारूस में उन सख़्त क़ानूनों की पृष्ठभूमि में जारी की गई है, जिनसे नागरिक व राजनैतिक अधिकारों पर पाबन्दी लगने की आशंका जताई गई है.
अगस्त 2020 में राष्ट्रपति चुनावों के नतीजे पर हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध जताया था, जिसके बाद सुरक्षा बलों द्वारा उन पर दमनात्मक कार्रवाई की गई.
प्रवक्ता जर्मी लॉरेंस ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि यूएन मानवाधिकार कार्यालय इस मामले पर क़रीबी से नज़र बनाए हुए है और बेलारूस प्रशासन के साथ भी सम्पर्क व बातचीत की गई है.
“यह कहना पर्याप्त होगा कि हम इन्हें मनमाने ढँग से की गई गिरफ़्तारी, मनमाने ढँग से हिरासत में रखा जाना मानते हैं, और इन आरोपों को केवल राजनीति से प्रेरित मानते हैं.”
इससे पहले भी, यूएन के वरिष्ठ मानवाधिकार विशेषज्ञों ने आलेस बियालियात्स की रिहाई के लिये अपील जारी की हैं, और उनकी गिरफ़्तारी को उन नीतियों का हिस्सा बताया है, जिससे मानवाधिकार के रक्षकों की आवाज़ दबाने की कोशिश हो रही है.
उनका कहना है कि इन कोशिशों से बेलारूस में नागरिक समाज के लिये स्थान का उन्मूलन किया जा रहा है.
मानवाधिकार विशेषज्ञों के अनुसार, आलेस बियालियात्सकी को जब हिरासत में लिया गया, तो वे मानवाधिकारों के लिये जायज़ काम कर रहे थे.
उन्होंने बेलारूस में प्रशासन को उनके दायित्वो के प्रति ध्यान दिलाते हुए कहा है कि राजनैतिक रूप से प्रेरित मामलों में हिरासत में लिये गए सभी कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की जानी होगी.