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सीरिया: सुरक्षा परिषद से, सीमा पार सहायता आगे बढ़ाने की अपील

सीरिया के पूर्वी ग्रामीण इलाक़े - रक़्क़ा की एक अनौपचारिक बस्ती में, एक महिला अपने बच्चे के साथ, सर्दियों के कपड़े लेने के इन्तेज़ार में.
© UNICEF/Delil Souleiman
सीरिया के पूर्वी ग्रामीण इलाक़े - रक़्क़ा की एक अनौपचारिक बस्ती में, एक महिला अपने बच्चे के साथ, सर्दियों के कपड़े लेने के इन्तेज़ार में.

सीरिया: सुरक्षा परिषद से, सीमा पार सहायता आगे बढ़ाने की अपील

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की अनेक एजेंसियों के प्रमुखों ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद से, सीरिया के उत्तरी इलाक़े में, सीमा पार से उपलब्ध कराई जाने वाली मानवीय सहायता सुनिश्चित करने वाले प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की अपील की है, जिसकी समय सीमा 10 जनवरी को समाप्त होने वाली है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के कार्यालय (OCHA), अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM), यूएन बाल कोष – यूनीसेफ़, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA), और यूएन शरणार्थी एजेंसी- UNHCR, के प्रमुखों ने ये अपील की है.

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संयुक्त राष्ट्र के इन शीर्ष अधिकारियों ने रेखांकित किया है कि अगर सुरक्षा परिषद अपने प्रस्ताव 2642 को आगे बढ़ाने में नाकाम रहती है तो, सीरिया में सरकार के नियंत्रण से बाहर के इलाक़ों में रहने वाले लगभग 41 लाख लोगों के लिये, बहुत भीषण परिणाम होंगे.

जीवन है दाँव पर

इन एजेंसी प्रमुखों के वक्तव्य में कहा गया है, “सर्दियों के चरम और हैज़ा के गम्भीर फैलाव के बीच, महिलाएँ और बच्चे, जनसंख्या का ऐसा बड़ा हिस्सा है, जिन्हें जीवित रहने के लिये सहायता की आवश्यकता है.”

वक्तव्य के अनुसार, “सीमा पार से सहायता अभियानों के अभाव में, लाखों लोगों को कड़ाके की सर्दी के हालात का सामना करने के लिये, खाद्य और आश्रय तक पहुँच हासिल नहीं होगी, और इनमें विशेष रूप से वर्षों से व अनेक बार विस्थापित हुए लोगों की बड़ी संख्या है.”

वक्तव्य में कहा गया है कि हैज़ा की रोकथाम के लिये निगरानी, उपचार और परीक्षण क्षमता बढ़ाने, सुरक्षित पानी तक पहुँच सम्भव बनाने और लिंग आधारित हिंसा से संरक्षण मुहैया कराने की भी ज़रूरत है.

प्रस्ताव संख्या 2642 को आगे बढ़ाने में नाकामी का मतलब ये भी होगा कि सीमा पार से सहायता के लिये, संयुक्त राष्ट्र निगरानी प्रणाली (UNMM) भी रुक जाएगी, जोकि मानवीय सहायता सामग्रियों के परिवहन की पुष्टि करती है.

सतत व स्पष्ट रुख़

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है, “हमारा रुख़ सतत और स्पष्ट है: मानवीय सहायता और संरक्षण सेवाएँ उन लोगों तक अवश्य पहुँचनी चाहिये जिन्हें इनकी ज़रूरत है, और वो भी सुरक्षित, सर्वाधिक सीधे और कुशल मार्ग के ज़रिये.”

उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 के दौरान, साझीदारों के साथ मिलकर, सीरिया में हर महीने लगभग 27 लाख लोगों तक, तुर्की के रास्ते से सहायता पहुँचाई गई, जिनमें देश भर में समुदायों को मज़बूती देने के लिये आजीविका समर्थन भी शामिल था.

अपरिहार्य जीवनरेखा

यूएन एजेंसियों के प्रमुखों ने कहा है कि अतीत में कुछ प्रस्तावों के ज़रिये सीमा पार अभियानों को 12 महीनों से आगे बढ़ाया गया था, मगर सुरक्षा परिषद की हाल ही की मंज़ूरी केवल छह महीने के लिये बढ़ाई गई थी.

इस कारण अतिरिक्त ढाँचागत और अभियानजनक चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं, जिनसे लागत बढ़ी है, जिसने ज़रूरत के अनुसार मानवीय सहायता पहुँचाने के लिये, साझीदारों की क्षमता को सीमित किया है.

एजेंसियों के वक्तव्य में कहा गया है कि सीमा पार से आने वाली सहायता सामग्री पर निर्भर रहने वाले लाखों लोगों की ख़ातिर, इस प्रस्ताव को बिना देरी के बढ़ाए जाने की आवश्यकता है.