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यूएन शान्तिरक्षकों के विरुद्ध अपराधों की जवाबदेही के लिये नई पहल

यूएन मिशन MINUSMA में सेवाएँ प्रदान करते समय अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले दो शान्तिरक्षकों को श्रृद्धांजलि अर्पित की जा रही है. (फ़ाइल)
MINUSMA/Marco Dormino
यूएन मिशन MINUSMA में सेवाएँ प्रदान करते समय अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले दो शान्तिरक्षकों को श्रृद्धांजलि अर्पित की जा रही है. (फ़ाइल)

यूएन शान्तिरक्षकों के विरुद्ध अपराधों की जवाबदेही के लिये नई पहल

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र शान्ति अभियानों के प्रमुख ज़्याँ-पियेर लाक्रोआ ने कहा है कि शान्तिरक्षकों के विरुद्ध अपराधों के दोषियों की जवाबदेही तय किया जाना, शान्तिरक्षकों की बेहतर सुरक्षा व सलामती के लिये यूएन द्वारा किये जा रहे प्रयासों में एक अहम कड़ी है. इस क्रम में, उन्होंने गुरूवार को एक नए मित्र-समूह के गठन का स्वागत किया है, जोकि शान्तिरक्षकों के विरुध अपराधों के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने पर केन्द्रित है.

वर्ष 2018 के बाद से अब तक दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के कारण एक हज़ार से अधिक शान्तिरक्षकों की मौत हुई और तीन हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. यूएन अवर महासचिव लाक्रोआ ने कहा कि शान्तिरक्षकों के इस बलिदान को कभी नहीं भूलना होगा.

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बताया गया है कि शान्तिरक्षकों के विरुद्ध अंजाम दिये जाने वाले अपराधों के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाये जाने की दर बहुत कम है, जिससे दंडमुक्ति का एक माहौल पनपा है.

शान्तिरक्षकों के विरुद्ध अपराधों के लिये जवाबदेही को बढ़ावा देने के इरादे से, गुरूवार को एक मित्र-समूह की स्थापना की गई है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत, बांग्लादेश, मिस्र, फ़्राँस, मोरक्को और नेपाल के स्थाई मिशनों द्वारा यह पहल की गई है.

गुरूवार को आयोजित एक कार्यक्रम में, यूएन अवर महासचिव लाक्रोआ ने कहा कि बहुत कम मामलों में ही ऐसे अपराधों के ज़िम्मेदारों को न्याय के कटघरे में लाना सम्भव हुआ है, मगर वर्ष 2019 के बाद से इसमें कुछ हद तक सफलता मिली है.

उन्होंने मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) और माली का ज़िक्र किया, जहाँ इन अपराधों के दोषियों की शिनाख़्त करने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया है, और अन्य मामलों में भी जाँच की गई है.

उन्होंने बताया कि मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, डीआरसी, लेबनान और माली में यूएन शान्तिरक्षकों को जान से मारने के अपराध में 66 लोगों को दोषी पाया गया है.

यूएन अवर महासचिव ने आगाह किया कि हाल के समय में दर्ज की गई प्रगति के बावजूद, शान्तिरक्षकों के विरुद्ध गम्भीर अपराधों की जवाबदेही सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है.

विशाल चुनौतियाँ

उन्होंने कहा कि अक्सर इन अपराधों को ऐसे इलाक़ों में अंजाम दिया जाता है, जहाँ राज्यसत्ता का प्रभाव सीमित होता है, और कुछ मामलों में राजनैतिक इच्छाशक्ति के अभाव में ऐसे मामलों में कार्रवाई मुश्किल हो जाती है.

ज़्याँ-पियेर लाक्रोआ ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप, ऐसे अपराधों की जवाबदेही तय करना, यूएन शान्तिरक्षा अभियानों के मेज़बान देशों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.

अवर महासचिव लाक्रोआ ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2518 का उल्लेख किया, जोकि शान्तिरक्षकों की सलामती पर केन्द्रित है. इस प्रस्ताव में यूएन मिशन के सभी मेज़बान देशों से यूएन कर्मियों पर हमलों के दोषियों की तत्काल जाँच करने और उन पर क़ानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है.

शान्ति अभियान मामलों के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर सफलता के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन आवश्यक है – राजनैतिक समर्थन के साथ-साथ मेज़बान देशों को तकनीकी व अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जानी होगी.

इस क्रम में, उन्होंने मित्र-समूह के गठन का स्वागत किया, और भरोसा जताया कि इससे जवाबदेही को बढ़ावा देने, मेज़बान देशों में क्षमता-निर्माण करने और तकनीकी सहायता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.