अफ़ग़ानिस्तान: तालेबान के सत्ता नियंत्रण के बाद सार्वजनिक फाँसी की पहली घटना, 'बेहद चिन्ताजनक’
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय, (OHCHR) ने, अफ़ग़ानिस्तान में, अगस्त 2021 में, तालेबान द्वारा सत्ता पर नियंत्रण किए जाने के बाद सार्वजनिक फाँसी दिए जाने की पहली घटना की बुधवार को कड़ी आलोचना की है. प्रवक्ता जेरेमी लॉरेंस ने इसे "बेहद परेशान करने वाला" घटनाक्रम बताया.
यूएन मानवाधिकार एजेंसी के प्रवक्ता जेरेमी लॉरेंस ने कहा, यह घटना स्थानीय निवासियों और सत्तारूढ़ अधिकारियों के कुछ वरिष्ठ सदस्यों की उपस्थिति में हुई.
उन्होंने याद दिलाया कि सार्वजनिक फाँसी "क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक बर्ताव या दंड" का एक रूप है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसा बर्ताव "मनमानी प्रकृति दर्शाता है और नागरिक एवं राजनैतिक अधिकारों पर अन्तरराष्ट्रीय नियमों (International Covenant on Civil and Political Rights) के तहत जीवन की रक्षा के अधिकार के विपरीत है, जिसके लिये अफ़ग़ानिस्तान ने प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
समाचारों के अनुसार, जिस व्यक्ति को मौत की सज़ा दी गई थी, उस पर पश्चिमी फ़राह प्रान्त में हत्या करने का आरोप था. इससे 5 साल पहले भी उस पर एक अन्य व्यक्ति को घातक रूप से छुरा घोंपने का आरोप लगा था. कथित तौर पर तालेबान के एक प्रवक्ता ने कहा है कि पीड़ित व्यक्ति को फाँसी देने की घटना को, उस व्यक्ति के पिता ने अंजाम दिया.
माना जा रहा है कि उस समय तालेबान के अनेक वरिष्ठ अधिकारी वहाँ उपस्थित थे.
हाल के सप्ताहों में, देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी डकैती और व्यभिचार जैसे अपराधों के लिये पुरुषों एवं महिलाओं को सार्वजनिक कोड़े मारने की प्रथा दोबारा शुरू करने की घोषणा की है.
मृत्युदंड पर रोक लगाएँ
ओएचसीएचआर के प्रवक्ता जेरेमी लॉरेंस ने कहा कि मौत की सज़ा, मानवाधिकारों के मौलिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है, और इसका इस्तेमाल जीवन के अधिकार के प्रति पूर्ण सम्मान से मेल नहीं खाता है.
उन्होंने कहा, "हम सत्ताधीन शासकों से आग्रह करते हैं कि वे भविष्य में किसी भी अन्य व्यक्ति के लिये फाँसी पर अमल को तत्काल रोक दें, और मृत्युदंड पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की दिशा में तेज़ी से कार्रवाई करें."
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने भी सोशल मीडिया पर यही सन्देश दिया है.
UNAMA ने ट्वीट सन्देश में कहा, "संयुक्त राष्ट्र सभी परिस्थितियों में मृत्युदंड का कड़ा विरोध करता है."
उन्होंने "मौत की सज़ा को समाप्त करने की दृष्टि से" तालेबान से फाँसी की सज़ा पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह किया.