बहुत सी महिलाओं व लड़कियों के लिए उनका घर ही बना ‘सबसे ख़तरनाक स्थान’, यूएन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों ने बुधवार को प्रकाशित एक हैरान करने वाली नई रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2021 में हर घंटे औसतन पाँच से अधिक महिलाओं या लड़कियों की हत्या, उनके ही परिवार किसी सदस्य ने कर दी . संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स एवं अपराध निरोधक कार्यालय (UNODC) और यूएन महिला संगठन (UN Women) के एक नवीन अध्ययन में ये बात सामने आई है.
यूएनओडीसी और यूएन महिला संस्था ने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस के मौक़े पर, इस अध्ययन के नतीजे जारी किये हैं, जो हर वर्ष 25 नवम्बर को मनाया जाता है.
Gender-related killings and other forms of violence against women and girls are not inevitable.
They can and must be prevented.
👉JUST PUBLISHED: New report on Gender-related killings of women & girls: https://t.co/AP9AvAp94K
#16Days @UNODC https://t.co/M51WvmqzZS
UN_Women
वर्ष 2021 के दौरान, लगभग 81 हज़ार महिलाओं और लड़कियों की हत्या जान बूझकर की गई, जिनमें 45 हज़ार यानि लगभग 56 प्रतिशत महिलाओं व लड़कियों की हत्याएँ उनके अन्तरंग साथी या परिवार के अन्य सदस्यों के हाथों हुईं.
इस बीच, सभी महिला हत्याओं का 11 प्रतिशत निजी स्थान में किया जाता है जो दर्शाता है कि बहुत सी महिलाओं और लड़कियों के लिए उनका अपना घर ही सुरक्षित स्थान नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसम्बर 1999 में, 25 नवम्बर को, महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया था. इसमें सरकारों, अवितरराष्ट्रीय संगठनों और ग़ैर सरकारी संगठनों को भागीदार बनाने का आहवान किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन (UN Women) की कार्यकारी निदेशिका सिमा बाहौस का कहना है, “हर महिला की हत्या के आँकड़ों के पीछे एक महिला या लड़की की कहानी होती है जिसे नाकाम कर दिया गया गई है. ये हिंसा रोकी जा सकती है और ऐसा करने के लिए उपकरण व जानकारी पहले से मौजूद हैं.”
यह रिपोर्ट एक भयावह चेतावनी जारी करते हुए ध्यान दिलाती है की महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ यौन शोषण, उनके साथ एक व्यापक भेदभाव और मानवाधिकार उल्लंघन है.
आँकड़े दर्शाते हैं कि महिला हत्याओं की कुल संख्या पिछले एक दशक में बहुत हद तक अपरिवर्तित रही है. मौजूदा स्थिति, रोकथाम और मुक़ाबला करने की मज़बूत कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देती है.
रिपोर्ट के अनुसार, बहुत से पीड़ितों की गिनती नहीं हो पाती हैं. वर्ष 2021 में लगभग 10 में से चार महिलाओं और लड़कियों की जानबूझकर हत्या की गई, लेकिन उनकी मौतों को हत्या के रूप में दर्ज किए के लिए पर्याप्त जानकारी मौजूद नहीं है.
यूएनओडीसी की कार्यकारी निदेशिका ग़ादा वॉली ने कहा, "किसी भी महिला या लड़की को ये सोच कर असुरक्षित नहीं महसूस करना चाहिए के वो ख़ुद कौन हैं.”
"हमें महिलाओं और लड़कियों की लिंग आधारित हत्याओं के सभी रूपों को रोकने के लिए, हर जगह, हर पीड़ित की गिनना होगा, और महिलाओं की हत्या के जोखिमों व कारणों की समझ में सुधार लाना होगा ताकि हम बेहतर और अधिक प्रभावी रोकथाम और आपराधिक न्याय योजनाएँ बना सकें."
अलबत्ता, महिलाओं की हत्या हर देश की समस्या है, मगर ये रिपोर्ट क्षेत्रीय असमानताओं/विषमताओं की ओर भी इशारा करती है.
एशिया में वर्ष 2021 में निजी क्षेत्र में लिंग सम्बन्धी हत्याओं की सबसे बड़ी संख्या दर्ज की गई, जबकि अफ्ऱीका में महिलाओं और लड़कियों को उनके अन्तरंग साथियों (intimate partners) ने या परिवार के किसी अन्य सदस्य द्वारा मारे जाने का अधिक ख़तरा था.
पिछले साल, अफ्ऱीका में महिला जनसंख्या में इन हत्याओं की अनुमानित दर 2.5 प्रति एक लाख रही. अमेरिका में 1.4, ओशियाना में 1.2, एशिया में 0.8 और यूरोप में 0.6 दर्ज की गई.
यूएन एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वैसे तो लिंग सम्बन्धी हत्याएँ व महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ हिंसा के अन्य रूप अटल नहीं हैं. इन अपराधों से बचा जा सकता है, बशर्ते कुछ उपायों को अपना कर आगे बढ़ा जाए.
इन उपायों में, हिंसा से प्रभावित महिलाओं की शीघ्र पहचान की जाए और और पीड़ितों को त्वरित समर्थन और सुरक्षा तक पहुँच सुनिश्चित किए जाएँ.
महिला हत्या के आँकड़ों के संकलन को मज़बूती से पेश करना भी एक महत्वपूर्ण क़दम है - सम्बन्धित नीतियों और कार्यक्रमों को सशक्त बनाने में.
संयुक्त राष्ट्र महिला (UN Women) की कार्यकारी निदेशिका सीमा बाहाउस ने कहा, "महिला अधिकार संगठन पहले से ही आँकड़ों की निगरानी कर रहे हैं और नीति परिवर्तन व जवाबदेही का समर्थन कर रहे हैं."
"अब हमें सम्पूर्ण समाजों में एक संयुक्त व ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है जो महिलाओं और लड़कियों के घरों पर, सड़कों पर और हर जगह सुरक्षित महसूस करने और सुरक्षित रहने के अधिकार को पूरा कर सके."
ये रिपोर्ट लिंग आधारित हिंसा के ख़िलाफ़ 16 दिनों का सक्रियता अभियान शुरू करती है.
वार्षिक अन्तरराष्ट्रीय अभियान महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस - 25 नवम्बर को आरम्भ होकर, 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस पर सम्पन्न होगा.