सऊदी अरब: ड्रग्स-सम्बन्धी अपराधों के लिये मृत्यु दंड फिर शुरू, रोक लगाए जाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने सऊदी अरब से आग्रह किया है कि मादक पदार्शों से सम्बन्धित अपराधों के लिये मृत्यु दंड दिये जाने पर स्वैच्छिक रूप से रोक लगाई जानी होगी. सऊदी अरब ने हाल के दिनों में ऐसे अपराधों के लिये मौत की सज़ा देनी फिर शुरू की है.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता लिज़ थ्रॉसेल ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि 21 महीने से मृत्युदंड पर आधिकारिक रोक के समाप्त होने के बाद पिछले दो हफ्तों से लगभग हर दिन मृत्युदंड दिया जा रहा है.
🇸🇦#SaudiArabia: The resumption of executions for drug-related offences is a deeply regrettable step. We call on the authorities to adopt a formal moratorium on executions for drug-related offences. https://t.co/E1mfkIvlSB
#EndDeathPenalty https://t.co/ucN4iD1yn4
UNHumanRights
"सऊदी अरब में ड्रग-सम्बन्धी अपराधों के लिये, फिर से मृत्युदंड शुरू किया जाना, एक बेहद अफ़सोस भरा क़दम है, विशेष रूप से तब जब हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अधिकांश देशों ने विश्व भर में मृत्युदंड पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने का आहवान किया था. "
सऊदी अरब में,10 नवम्बर के बाद से, अब तक 17 पुरुषों को तथाकथिक ड्रग व अन्य सम्बन्धित अपराधों के लिये मौत की सज़ा दी जा चुकी है, जिनमें से तीन मामले सोमवार के हैं.
मौत की सज़ा पाने वालों में चार सीरियाई, तीन पाकिस्तानी, तीन जॉर्डन के और सात सउदी अरब के नागरिक थे.
यूएन एजेंसी के पास यह जानकारी नहीं है कि देश में कितने लोगों को मौत की सज़ा दी जा सकती है, चूँकि मृत्युदंड दिये जाने के बाद ही उनकी पुष्टि की जाती है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता थ्रॉसेल ने बताया की कुछ रिपोर्टों के अनुसार, जॉर्डन के एक पुरुष, हुसैन अबो अल-ख़ैर, को मौत की सज़ा दिये जाने का जोखिम हो सकता है.
मनमाने ढंग से हिरासत में लिये जाने पर यूएन के वर्किंग समूह ने भी पहले ये मामला उठाया था और ये पाया की अबो अल-ख़ैर को किसी क़ानूनी आधार के बिना मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया था.
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने उनके लिये निष्पक्ष मुक़दमे की कार्रवाई सुनिश्चित किये जाने के अधिकार के सम्बन्ध में भी गम्भीर चिन्ता व्यक्त की थी.
मानवाधिकार प्रवक्ता ने अल-ख़ैर को तत्काल मौत की सज़ा दिये जाने की ख़बरों को ध्यान में रखते हुए, सऊदी सरकार से इसे रोकने का आग्रह किया है.
साथ ही, उनकी मौत की सज़ा के फ़ैसले को रद्द करने की कार्य समूह (Working group) की राय को मानने, उन्हें तुरन्त और बिना शर्त रिहा करने की बात कही गई है.
इसके अलावा, अल-ख़ैर के लिये चिकित्सा देखभाल, मुआवज़ा और अन्य क्षतिपूर्ति की भी व्यवस्था की जानी होगी.
यूएन एजेंसी की प्रवक्ता लिज़ थ्रॉसेल ने ज़ोर देकर कहा कि मादक पदार्थों के अपराधों के लिये मौत की सज़ा दिया जाना अन्तरराष्ट्रीय मानदंडों और मानकों के नज़रिये से अनुचित है.
उन्होंने सऊदी अधिकारियों से ड्रग-सम्बन्धी अपराधों के लिये मौत की सज़ा पर औपचारिक स्वैच्छिक रोक लगाने, ऐसे अपराधों के लिये मौत की सज़ा को कम करने, और सभी प्रतिवादियों के लिए निष्पक्ष मुक़दमे की कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.