डीपीआरके द्वारा मिसाइल परीक्षण, ‘चिंताजनक गतिविधियों की श्रृंखला में नवीनतम कड़ी’

राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की यूएन प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए बताया कि कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य (डीपीआरके) ने पिछले शुक्रवार को एक नई प्रकार की अन्तर-महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था.
डीपीआरके की आधिकारिक न्यूज़ एजेंसी और अनेक सरकारी स्रोतों का उल्लेख करते हुए, यूएन की शीर्ष अधिकारी ने कहा कि स्थानीय समयानुसार सुबह 10.15 बजे, तथाकथित Hwasong-17 मिसाइल दागी गई, जिसने छह हज़ार किलोमीटर से अधिक ऊँचाई पर उड़ते हुए एक हज़ार किलोमीटर का रास्ता तय किया.
Pyongyang’s continued pursuit of a nuclear weapons program and launches of ballistic missiles blatantly violate relevant Security Council resolutions and have led to a significant escalation of tensions. Council unity to reach a diplomatic solution is crucial.
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“बताया गया है कि यह डीपीआरके की विशालतम और सर्वाधिक शक्तिशाली मिसाइल का पहला सफल परीक्षण है, जोकि पूरे उत्तर अमेरिका तक पहुँच सकती है.”
रोज़मैरी डीकार्लो के अनुसार उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के सिलसिले में, यह चिंताजनक गतिविधियों की श्रृंखला में नवीनतम कड़ी है.
उन्होंने बताया कि इस वर्ष बैलेस्टिक मिसाइल टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल से 60 से अधिक मिसाइल दागी गई हैं, जिनमें से दो तथाकथित मध्यम दूरी तक मार करने वालीं और तीन अन्तर-महाद्वीपीय थीं.
अन्य मामलों में कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल थीं, जोकि बैलेस्टिक टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करती हैं.
इसके अलावा, उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइल टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल से तथाकथित हाइपरसोनिक हथियारों और सैटेलाइट प्रणालियों का भी परीक्षण किया है.
यूएन अवर महासचिव ने कहा कि इन मिसाइलों को छोड़े जाने के दौरान, डीपीआरके की ओर से वायु या समुद्री सुरक्षा के लिये कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई, जोकि अन्तरराष्ट्रीय नागरिक विमानन और समुद्री यातायात के लिये एक गम्भीर ख़तरा है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने डीपीआरके द्वारा अन्तर-महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किये जाने की कठोर निन्दा की थी, जोकि एक महीने में दूसरी बार हुआ.
उन्होंने बताया कि उत्तर कोरिया ने अपना परमाणु हथियार कार्यक्रम जारी रखा है और बैलेस्टिक मिसाइल को दोगा जाना, सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का खुला उल्लंघन है, जिससे तनाव भड़कता है.
अवर महासचिव डीकार्लो ने उत्तर कोरिया से इन भड़काऊ गतिविधियों से परहेज़ बरतने और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत तय किये गए अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन करने का आग्रह किया.
राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख ने कहा कि डीपीआरके अपना परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ाने के लिये सक्रिय है.
उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख द्वारा पिछले बुधवार को जारी किये गए वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें उत्तर कोरिया में पुन्गग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण की तैयारी बनाए रखने की बात कही गई है.
इसके अलावा, यूएन एजेंसी ने योन्गब्योन परमाणु केन्द्र पर निर्माण व अन्य गतिविधियों को देखा है, जोकि संकेत है कि पाँच मेगावाट का यह परमाणु रिएक्टर अब भी सक्रिय है.
“2022 में यह दसवीं बार है जब परिषद में डीपीआरके पर चर्चा के लिये बैठक हुई है, इसके बावजूद, कोरियाई प्रायद्वीप पर हालात का ग़लत दिशा में आगे बढ़ना जारी है.”
उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण डीपीआरके के साथ आधिकारिक व अनाधिकारिक सम्पर्क में अवरोध पैदा हुए हैं, जिससे कूटनैतिक प्रयास जटिल हो गए हैं.
अवर महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि यह बहुत अहम है कि तनाव में कमी लाई जाए और हालात भड़कने से रोके जाएं.
इस क्रम में, उन्होंने संचार व्यवस्था को बेहतर बनाने पर बल दिया है, विशेष रूप से सैन्य स्तर पर, ताकि किसी भी प्रकार की ग़लती के जोखिम को कम किया जा सके.
रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप पर सतत शान्ति और परमाणु हथियारों से मुक्ति के लिये सम्वाद फिर से शुरू करने की दिशा में तत्काल क़दम उठाये जाने होंगे.
अवर महासचिव के अनुसार, इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में एकता बेहद अहम है और एक कूटनैतिक समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.