UNICEF - आपदाओं से निपटने के लिए नई बाल-केन्द्रित जलवायु पहल

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने देशों को जलवायु संकट के वर्तमान प्रभावों व बढ़ते ख़तरों का सामना करने और आपदाओं से निपटने के उपायों पर, बुधवार को एक नई जलवायु वित्तपोषण पहल शुरू की है.
यूनीसेफ़ के साझेदारी विभाग की उप कार्यकारी निदेशिका कैरिन हुलशॉफ़ ने कहा है, "हम जानते हैं कि और अधिक जलवायु आपदाएँ आ रहीं होगीं. हम नहीं जानते के वो कहाँ और कब हम पर मार करेंगी.”
“Today and Tomorrow initiative” नामक इस पहल में, बच्चों के लिए तत्काल सहनक्षमता बढ़ाने और जोखिम रोकथाम कार्यक्रमों के लिये वित्त पोषण को समाहित किया गया है. और इसी के साथ भविष्य के चक्रवातों से निपटने में मदद के लिए बीमा क्षेत्र से उपलब्ध होने वाली धनराशि को जोखिम हस्तान्तरण वित्त भी मुहैया होगा.
कैरिन हुलशॉफ़ का कहना है कि, "जलवायु परिवर्तन के जोखिम अब काल्पनिक नहीं रहे. वे हमारे बीच हैं और यहाँ तक कि जब हम जलवायु आपदाओं के ख़िलाफ समुदायों की सहनक्षमता निर्माण के लिए काम करते हैं, तो हमें अपने बच्चों के लिए जोखिमों को पहले से रोकने में बेहतर बनना होगा."
युवजन अतिसंवेदनशील आबादी है जो चरम मौसम की घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
यूनीसेफ़ के बाल जलवायु जोखिम सूचकांक (Children’s Climate Risk Index) ने अनुमान लगाया था कि वर्तमान में 40 करोड़ बच्चे चक्रवातों के उच्च जोखिम के दायरे में हैं.
इस पहल के प्रारम्भिक तीन साल के प्रयोग के दौरान, बांग्लादेश, कोमोरॉस, हेती, फिजी, मैडागास्कर, मोज़ाम्बीक़, सोलोमन द्वीप और वानुअतु पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.
यूनीसेफ़ फ़िलहाल परियोजना के लिए, तीन करोड़ डॉलर की रक़म जुटा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने निजी और सार्वजनिक भागीदारों को इस मुहिम में शामिल होने का आहवान किया है ताकि बच्चों और युवाओं के लिए आपदा सुरक्षा में बढ़ते मानवीय वित्तपोषण के इस अन्तर को कम किया जा सके.
हालाँकि चरम मौसम की घटनाओं के कारण होने वाली क्षति, पीढ़ी दर पीढ़ी असमानता व निर्धनता की स्थिति को और सघन बना देती है. मौजूदा जोखिम हस्तान्तरण तंत्र, करोड़ों बच्चों और युवाओं की विस्तृत आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रहा है.
‘Today and Tomorrow’ पहला पूर्व-व्यवस्थित और घटना-आधारित जलवायु आपदा जोखिम वित्तपोषण तंत्र है जो विशेष रूप से "बाल संरक्षण अन्तर"(child protection gap) को लक्षित करता है.
जर्मनी के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय के एक निदेशक हीक हेन उम्मीद करते हैं कि ये पहल ज्ञान-साझाकरण और जोखिम वित्तपोषण उपकरणों के क्षेत्रों में अपना योगदान करेगी और साथ ही विकास संस्थानों की बेहतर संघर्ष दृड़ता व "मुख्य रूप से बच्चों और माताओं के लिए" आपदा जोखिम सुरक्षा अन्तराल को ख़त्म करने में मदद करेंगी.
ब्रिटेन के विकास और अफ़्रीका मामलों की मंत्री एंड्रयू मिशेल ने मानवीय क्षेत्र के लिए पूर्व-व्यवस्थित और ट्रिगर-आधारित वित्तपोषण लाने का दृढ़ता से समर्थन किया है. साथ ही उन्होंने पूरे अफ़्रीका में डेढ़ करोड़ बच्चों, युवाओं और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए, कैरीबियाई, एशिया व प्रशान्त क्षेत्र में तीव्र चक्रवातों का सामना करने में तेज़ी से सहायता के प्रयासों को भी समर्थन दिया है.
एजेंसी के अनुसार, चक्रवात और उनके कारण होने वाली बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदाएँ, जलवायु-प्रभावित त्रासदियों तेज़ी से बढ़ रही हैं और वो, वैश्विक नुक़सान का एक प्रमुख कारण हैं.
यूनीसेफ़ के शोध से मालूम होता है कि चक्रवात और अन्य ख़तरों के जोखिम व नकारात्मक प्रभावों को कम करने वाले निवेश, समस्त रूप से लाखों बच्चों के लिए जलवायु जोखिम को काफ़ी हद तक कम कर सकते हैं.
यूनीसेफ़ ने ये भी गुहार लागाई कि नुक़सान और क्षति का सामना करने वाले लोगों का समर्थन करने के लिए समाधान ढूंढे जाएँ और धन राशि मुहैया कराई जाए ताकि प्रभावित समुदाय अनुकूलन कर सकें.