कड़ाके की सर्दी में, जबरन विस्थापित परिवारों के लिये बड़ा संकट

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि विश्व में जबरन विस्थापितों के लिये, आने वाला सर्दी का मौसम हाल के वर्षों की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण होगा. कईं विस्थापित परिवारों के पास भोजन और निवाच बनाए रखने में से किसी एक को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
उन्हें अपने आश्रय स्थलों में उचित तापमान बनाए रखने, गर्म कपड़ों का प्रबंध करने और गर्म खाना पकाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
यूक्रेन, अफ़ग़ानिस्तान और मध्य पूर्व में हिंसक संघर्ष या उत्पीड़न के कारण विस्थापन के लिये मजबूर हुए, लाखों लोगों के समक्ष कड़ाके की सर्दी की चुनौती खड़ी है.
⚠️ For millions of displaced people from Ukraine, Afghanistan and the Middle East, this winter will be extremely challenging. Many families will have to choose between food and warmth as they struggle to heat shelters, get warm clothing, and cook meals.
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Refugees
बढ़ती मंहगाई, कोविड-19 महामारी का प्रभाव और जलवायु संकट के कारण चरम मौसम की मार झेल रहे लोगों के लिये, जमा देने वाली सर्दी उनकी मुश्किलों को और अधिक गहरा करेगी.
यूएन एजेंसी के अनुसार, मध्य पूर्व में, अनेक विस्थापित सीरियाई और इराक़ी लोगों को एक बार फिर अत्यधिक ठंड और बर्फ़ीले तूफ़ान से जूझना पड़ सकता है.
यह लगातार 12वां साल होगा जब इनमें से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित के रूप में सर्दी में दिन गुज़ारेंगे.
UNHCR का अनुमान है कि 34 लाख सीरियाई और इराक़ी शरणार्थियों, और सीरिया, लेबनान, जॉर्डन, इराक़ और मिस्र में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को सर्दियों की तैयारी करने के लिये सहायता की आवश्यकता होगी.
गम्भीर आर्थिक संकट से गुज़र रहे लेबनान में, हर किसी के लिय़े दैनिक गुज़र-बसर कठिन है. देश में रह रहे हर दस में से नौ सीरियाई शरणार्थी पहले से ही अत्यधिक ग़रीबी में जीवन गुज़ार रहे हैं.
शरणार्थियों को अपनी भोजन की ख़पत कम करने और चिकित्सा देखभाल स्थगित करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है. अनेक लोग अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश में और कर्ज़ में डूब रहे हैं.
युद्ध के कारण बेघर होने वाले लाखों यूक्रेनी नागरिक, विस्थापन में सर्दी का सामना कर रहे हैं, और बड़ी संख्या में लोगों को क्षतिग्रस्त घरों व इमारतों में रहना पड़ रहा है.
इन परिस्थितियों में भीषण सर्दी से बच पाना बेहद मुश्किल है. साथ ही, उन्हें बिजली व जल आपूर्ति में व्यवधान और आजीविका का साधन ख़त्म हो जाने समेत अन्य चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है.
अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय तबाही को रोकने के लिये जारी प्रयासों के बीच, अचानक आई बाढ़ और सूखे कारण जीवन, सम्पत्ति और आजीविका संकट है, और देश के कुछ क्षेत्रों में नए सिरे से विस्थापन की ख़बरें मिली हैं.
बद से बदतर हो रहे मानवीय हालात व बढ़ती आवश्यकताओं के बावजूद,जीवनरक्षक सहायता कार्यक्रमों के लिये धनराशि जुटा पाना बहुत कठिन है. वित्तीय संसाधनों के अभाव में, यूएन एजेंसी को हाल के दिनों में अनेक देशों में अपने कार्यक्रमों में कटौती करनी पड़ी है.
UNHCR ने वर्ष के सबसे ठंडे महीनों के दौरान जबरन विस्थापित परिवारों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिये एक वैश्विक शीतकालीन अभियान शुरू किया है.
इससे प्राप्त धनराशि के ज़रिये, विस्थपितों को सर्दियों के गर्म कपड़े, थर्मल, कम्बल, सौर पैनल और लैम्प, गैस सिलेंडर और हीटर समेत अन्य आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिये नक़द सहायता प्रदान कर पाना सम्भव होगा.