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अतीत के आठ वर्ष, सर्वाधिक गर्म साल होने की राह पर, WMO की नई रिपोर्ट

कच्चे तेल के शोधन से निकलने वाले उत्सर्जन, जीवाश्म ईंधन के कुल उत्सर्जनों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
© Unsplash/Zbynek Burival
कच्चे तेल के शोधन से निकलने वाले उत्सर्जन, जीवाश्म ईंधन के कुल उत्सर्जनों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

अतीत के आठ वर्ष, सर्वाधिक गर्म साल होने की राह पर, WMO की नई रिपोर्ट

जलवायु और पर्यावरण

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रविवार को जारी एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले आठ वर्ष, रिकॉर्ड पर अब तक के सर्वाधिक गर्म साल के रूप में दर्ज किये जाने के रास्ते पर हैं, और ग्रीनहाउस गैस की सघनता में निरन्तर वृद्धि व उससे उपजी गर्मी से ये रुझान जारी है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस रिपोर्ट को मौजूदा जलवायु अराजकता का एक लेखा-जोखा बताते हुए महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई की पुकार लगाई है.

वैश्विक जलवायु हालात पर यह अन्तरिम रिपोर्ट है, जिसमें जलवायु आपात स्थिति को दर्शाने वाले नाटकीय संकेत प्रस्तुत किये गए हैं, जोकि लगातार बढ़ रहे हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार, समुद्री जलस्तर में वृद्धि की दर वर्ष 1993 के बाद से अब तक दोगुनी हो चुकी है, और योरोप में ऐल्प्स पर्वतीय क्षेत्र में अभूतपूर्व स्तर पर हिमनद पिघल रहे हैं.

यूएन एजेंसी की पूर्ण रिपोर्ट, अगले वर्ष जारी किये जाने की योजना है, मगर मिस्र में कॉप27 सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए अन्तरिम निष्कर्ष साझा किये गए हैं.

इसका उद्देश्य विश्व नेताओं के समक्ष वैश्विक चुनौतियों के विशाल स्तर के प्रति जागरूकता का प्रसार करना है, ताकि जलवायु संकट पर नियंत्रण पाने के लिये प्रयासों को मज़बूती दी जाए.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के महासचिव पेटेरी टालस ने शर्म अल-शेख़ में एक आयोजन के दौरान रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि वैश्विक तापमान में जितनी अधिक वृद्धि होगी, उसका असर उतना ही बदतर होगा.

बद से बदतर हो रहे हालात

अन्तरिम रिपोर्ट में विश्व भर में चिन्ताजनक जलवायु घटनाओं का विवरण दिया गया है, जोकि कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड के रिकॉर्ड स्तर की पृष्ठभूमि में घटित हो रही हैं.

ये वो तीन मुख्य ग्रीनहाउस गैस हैं, जोकि वैश्विक तापमान में वृद्धि के लिये ज़िम्मेदार हैं, जिसे फ़िलहाल पूर्व औद्योगिक काल के स्तर की तुलना में 1.15 डिग्री सेल्सियस अधिक आँका गया है.

दुनिया भर में जमे हुए पानी का पिघलना बढ़ रहा है, जिससे पिछले 30 वर्षों में समुद्री जलस्तर में भी वृद्धि हुई है, और यह निरन्तर तेज़ी से बढ़ रहा है.

महासागरों के तापमान में वृद्धि दर भी पिछले दो दशकों में असाधारण रूप से ऊँची आँकी गई है, समुद्री ताप लहरों की आवृत्ति बढ़ रही है और तापमान वृद्धि की ये दरें भविष्य में भी जारी रहने की सम्भावना है.

चरम मौसम घटनाएँ

रिपोर्ट में सूखे की घटनाओं और अत्यधिक बारिश होने से उपजी चुनौतियों का भी उल्लेख किया गया है. केनया, सोमालिया और इथियोपिया में औसत से कम बारिश होने के अनुमान के कारण, फ़सलें बर्बाद होने और खाद्य असुरक्षा गहराने का जोखिम है.

पाकिस्तान में इस वर्ष जुलाई और अगस्त महीने में मूसलाधार बारिश के कारण, देश का एक-तिहाई से अधिक हिस्सा भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया, जिससे लगभग 80 लाख लोग विस्थापन के लिये मजबूर हुए हैं.

दक्षिणी अफ़्रीका क्षेत्र में भी इस वर्ष की शुरुआत में सिलसिलेवार ढंग से चक्रवाती तूफ़ान का क़हर देखा गया. मैडागास्कर में मूसलाधार बारिश और विनाशकारी बाढ़ से बर्बादी हुई जबकि सितम्बर महीने में चक्रवाती तूफ़ान इयन के कारण क्यूबा और दक्षिण-पश्चिमी फ़्लोरिडा में जान-माल की हानि हुई.

योरोप में भी अनेक देशों ने अत्यधिक गर्मी का सामना किया. ब्रिटेन में 19 जुलाई को तब एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज किया गया, जब तापमान पहली बार 40 डिग्री सेल्सियस के आँकड़े को पार कर गया.

इसके साथ ही गम्भीर सूखा और जंगलों में आग लगने की घटनाएँ हुई हैं.

इथियोपिया के सोमाली क्षेत्र में सूखे से स्थानीय आबादी पर भीषण असर हुआ है.
UNICEF/Raphael Pouget
इथियोपिया के सोमाली क्षेत्र में सूखे से स्थानीय आबादी पर भीषण असर हुआ है.

समय पूर्व चेतावनी प्रणाली

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट को जलवायु अराजकता एक लेखा-जोखा क़रार दिया है.

उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन की विनाशकारी गति को दर्शाती है और जिससे हर महाद्वीप पर जीवन और आजीविकाएँ बर्बाद हो रही हैं.

महासचिव ने आगाह किया कि दुनिया भर में जलवायु झटकों और चरम मौसम की घटनाओं की संख्या बढ़ने की आशंका है.

इसके मद्देनज़र, यूएन महासचिव मिस्र में कॉप27 सम्मेलन के दौरान एक कार्रवाई योजना पेश करेंगे, जिसका उद्देश्य अगले पाँच वर्ष के भीतर सर्वजन के लिये समय पूर्व चेतावनी प्रणाली की व्यवस्था करना है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने बताया कि हर स्थान पर आमजन व समुदायों की रक्षा करने के लिये समय पूर्व चेतावनी अति आवश्यक हैं.

उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर दबाव बढ़ने के जो संकेत दिखाई दे रहे हैं, उनके जवाब में विश्व को ठोस उपाय, महत्वाकांक्षा, विश्वसनीय जलवायु कार्रवाई दर्शानी होगा और इसकी शुरुआत कॉप27 से ही की जानी होगी.