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इथियोपिया: रोकथाम-योग्य बीमारियों में भयावह वृद्धि पर चिन्ता

इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र में लड़ाई से उत्पन्न संकट ने, लाखों लोगों को आपात मानवीय सहायता के ज़रूरतमन्द बना दिया है.
© UNICEF/Christine Nesbitt
इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र में लड़ाई से उत्पन्न संकट ने, लाखों लोगों को आपात मानवीय सहायता के ज़रूरतमन्द बना दिया है.

इथियोपिया: रोकथाम-योग्य बीमारियों में भयावह वृद्धि पर चिन्ता

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) ने इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्रों में उन बीमारियों के मामलों में उछाल पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है, जिनकी रोकथाम की जा सकती है. टीगरे क्षेत्र में हालात विशेष रूप से चिन्ताजनक हैं, जोकि पिछले दो साल से हिंसक संघर्ष से गुज़र रहा है और जहाँ मानवीय सहायता पहुँचाए जाने के प्रयासों में मुश्किलें पेश आई हैं.

 

इथियोपिया के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपात अभियान इकाई की प्रमुख इल्हाम अब्देलहाई नूर के अनुसार, टीगरे में 52 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है. इनमें वे 38 लाख लोग शामिल हैं जिन्हें स्वास्थ्य सहायता की ज़रूरत है और हमें इन लोगों तक पहुँचना होगा.

अब्देलहाई नूर ने टीगरे के सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में बताया कि, "अमहारा और अफ़ार तक हमारी पहुँच है, इसलिये हम वहाँ की स्थिति के बारे में अधिक जानते हैं और वहाँ ज़रूरी उपाय करने व समर्थन करने में सक्षम थे."

“मगर, टीगरे हमारी पहुँच से बाहर है. पिछले छह सप्ताह से टीगरे में हवाई या सड़क मार्ग से कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा है.”

मलेरिया मामलों में वृद्धि

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में टीगरे में मलेरिया संक्रमण मामलों में 80 प्रतिशत और पड़ोसी क्षेत्र अमहारा में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, हालाँकि अमहारा में मामले घट रहे हैं.

लेकिन हिंसक संघर्षसे प्रभावित लाखों लोगों के लिये, मलेरिया अनेक अन्य घातक ख़तरों में से एक है और मानवीय एजेंसियों ने बार-बार चेतावनी भी जारी की हैं.

नवम्बर 2020 में टीगरे में इथियोपिया के सरकारी सुरक्षा बलों और अलगाववादियों के बीच लड़ाई शुरू हो गई थी.

टीगरे में सहायता पहुँचाना मुश्किल है, क्योंकि आधे से अधिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएँ बन्द हैं, जिससे सदमे का शिकार और घायलों को उपचार नहीं मिल पाया है.

साथ ही, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण, यौन व लिंग आधारित हिंसा, और मलेरिया व हैज़ा जैसे संचारी रोगों का भी इलाज नहीं हो पा रहा है. गैर-संचारी रोगों और मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के लिये उपचार तक पहुँच में भी कमी आई है.

टीगरे में विस्थापितों के लिये बनाए गए शिविर में माताएँ अपने कुपोषित बच्चो का इलाज कराते हुए.
© UNICEF/Nahom Tesfaye
टीगरे में विस्थापितों के लिये बनाए गए शिविर में माताएँ अपने कुपोषित बच्चो का इलाज कराते हुए.

संयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वय कार्यालय (OCHA) ने इस महीने के शुरू में बताया था कि अति आवश्यक मानवीय सहायता की प्रतीक्षा कर रहे लो,ग गोलीबारी की चपेट में आ गए थे.

यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि टीगरे के ज़ेलाज़ेले में विस्थापित हुए लोग "एक बेहद गम्भीर स्थिति में गुज़ारा कर रहे हैं, और अधिकांश लोगों को खुले क्षेत्रों में सोने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनके लिये ठंडे मौसम व अन्य संरक्षण जोखिमों की चपेट में आने की आशंका है.

WHO प्रमुख महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने अनेक बार टीगरे में हालात पर इस संकट के सिलसिले में अपनी चिन्ता व्यक्त की है. डॉक्टर टैड्रॉस ने पिछले सप्ताह दोहराया था कि क्षेत्र में जनसंहार को रोकने के लिये बहुत कम समय की ही गुंजाइश है.

बढ़ती खाद्य असुरक्षा

WHO ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि कि अमहारा और अफ़ार  में क्रमश: 19 प्रतिशत व 14 प्रतिशत मुख्यत: विस्थापित और पाँच साल से कम उम्र के बच्चे अब खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं.

वहीं टीगरे में 89 प्रतिशत आबादी खाद्य असुरक्षा का शिकार है और इनमें लगभग आधी आबादी गम्भीर खाद्य असुरक्षा से जूझ रही है.

यूएन एजेंसी में स्वास्थ्य आपात हस्तक्षेप के निदेशक अल्ताफ़ मुसानी ने जिनीवा में बताया कि, "टीगरे में पाँच साल से कम उम्र के हर तीन में से औसतन एक बच्चा कुपोषित है.

अल्ताफ़ मुसानी ने कुपोषण और बीमारी के बीच स्पष्ट सम्बन्ध को उजागर करते हुए बताया कि किस प्रकार से बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती की गई है.

आवश्यकताओं के वास्तविक स्तर को समझना इस वजह से भी जटिल हो गया है, चूँकि टीगरे में केवल 30 प्रतिशत स्वास्थ्य केन्द्र ही फ़िलहाल यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को मौजूदा हालात के बारे में जानकारी प्रदान करने में सक्षम हैं.