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फफूंद-रोधी प्रतिरोध से निपटने के लिये, 19 ख़तरनाक फफूंदों की सूची तैयार

फंगल रोगजनक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा ख़तरा हैं क्योंकि वे तेज़ी से सामान्य और उपचार के लिए प्रतिरोधी होते जा रहे हैं.
WHO/Oscar ZaragozaFungal Infection
फंगल रोगजनक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा ख़तरा हैं क्योंकि वे तेज़ी से सामान्य और उपचार के लिए प्रतिरोधी होते जा रहे हैं.

फफूंद-रोधी प्रतिरोध से निपटने के लिये, 19 ख़तरनाक फफूंदों की सूची तैयार

स्वास्थ्य

क्या आप जानते हैं कि विश्व में कुछ सबसे ख़तरनाक, जानलेवा फफूंद रोग (fungal disease) कौन से हैं?  

यदि नहीं, तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आपकी जानकारी के लिये, 19 प्रकार के फफूंद के नामों की एक सूची तैयार की है, जोकि मौजूदा समय में सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य ख़तरे को दर्शाती है.

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इन फफूंद रोगजनकों (pathogens) को सूचीबद्ध करने का उद्देश्य, शोध को बढ़ावा देना और फफूंद संक्रमणों व फफूंद-रोधी प्रतिरोध (antifungal resistance) से निपटने के उपायों को मज़बूती देना है.

रोगजनकों को तीन प्राथमिकता समूहों में बाँटा गया है – अति महत्वपूर्ण, उच्च और मध्यम.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, उन लोगों के लिये सबसे अधिक जोखिम है, जो पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है.

कोविड-19 महामारी ने इस मुद्दे की गम्भीरता को रेखांकित किया, जब अस्पताल में भर्ती मरीज़ों में आक्रामक फफूंद संक्रमण (invasive fungal infections) के मामलों में उभार देखा गया, जिसके अक्सर अति गम्भीर नतीजे सामने आए.

संगठन ने मंगलवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि, "उन नए समूहों की लगातार पहचान की जा रही है, जिन्हें आक्रामक फफूंद रोग होने का जोख़िम है."

यूएन एजेंसी के अनुसार, candida oral और vaginal thrush जैसे आम संक्रमणों की वजह बनने वाली फफूंदों में उपचार के लिये प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है.

इसके परिणामस्वरूप, आम आबादी में संक्रमण के अधिक आक्रामक रूपों के विकसित होने के ख़तरे भी बढ़ रहे हैं.

बढ़ती स्वास्थ्य चिन्ता

अभी तक केवल चार प्रकार की फफूंद-रोधी दवाएँ ही उपलब्ध हैं, जोकि एक समस्या है, चूँकि फफूंद संक्रमण के मामले आम होते जा रहे हैं और उनमें उपचार के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित हो रही है.

WHO के अनुसार, इससे भी अधिक चिन्ताजनक तथ्य यह है कि "अधिकांश फफूंद रोगजनकों के त्वरित और संवेदनशील निदान की कमी होती है, और जो (दवाएँ) मौजूद हैं, वे भी व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है या फिर लोग उन्हें ख़रीदने में असमर्थ हैं.”

आक्रामक फफूंद संक्रमण से सबसे ज़्यादा ख़तरा उन लोगों को हैं जो कैंसर, एचआईवी या एड्स, अंग प्रत्यारोपण, लम्बे समय से साँस लेने में कठिनाई झेल रहे और तपेदिक से पीड़ित हैं.

नवीनतम आँकड़ो के अनुसार, विश्व भर में फफूंद रोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि, और अन्तरराष्ट्रीय यात्रा व व्यापार में वृद्धि समेत अन्य कारण इसके लिये ज़िम्मेदार हैं.

WHO ने बताया कि फफूंद संक्रमण से उपजने वाले सम्भावित जोख़िम का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि दवा-प्रतिरोधी जीवाणु संक्रमण पहले से ही सीधे तौर पर 12 लाख 70 हज़ार मौतों के लिये ज़िम्मेदार है, और हर वर्ष लगभग 49 लाख अन्य मौतों की वजहों में भी है.

मज़बूत निगरानी पर बल

यूएन एजेंसी ने फफूंद रोग से निपटने की तैयारियों में जुटे देशों के लिये अपनी सिफ़ारिशें प्रस्तुत की हैं.

इनमें संक्रमण और फफूंद-रोधी प्रतिरोध को बेहतर तरीक़े से समझने के लिये प्रयोगशालाओं और निगरानी क्षमताओं को मज़बूत बनाने का आग्रह किया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, "फफूंद-रोधी दवाओं का प्रतिरोध कुछ हद तक फफूंद-रोधी के अनुचित इस्तेमाल के कारण होता है."

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की नवीनतम सूची, फफूंद रोगजनकों पर केन्द्रित है जोकि ऐसे आक्रामक फफूंद संक्रमणों का कारण बन सकते हैं, जिन पर उपचार भी बेअसर साबित होता है.

फफूंद रोगजनकों पर अधिक जानकारी यहाँ उपलब्ध है.