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यूक्रेन: रूसी हमलों में जान-माल की व्यापक हानि, यूएन प्रमुख ने बताया अस्वीकार्य

यूक्रेन के इरपिन में क्षतिग्रस्त इमारतें.
© UNICEF/Anton Kulakowskiy
यूक्रेन के इरपिन में क्षतिग्रस्त इमारतें.

यूक्रेन: रूसी हमलों में जान-माल की व्यापक हानि, यूएन प्रमुख ने बताया अस्वीकार्य

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य स्थानों पर रूसी सेना द्वारा सोमवार को किये गए व्यापक हमले को स्तब्धकारी बताते हुए क्षोभ व्यक्त किया है कि नवीनतम घटनाक्रम से यह युद्ध जिस तरह एक बार फिर भड़का है, वो अस्वीकार्य है.

प्राप्त समाचारों के अनुसार इन हमलों से नागरिक आबादी वाले इलाक़ों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है और अनेक गम्भीर रूप से घायल हुए हैं.

यूएन प्रमुख के प्रवक्ता की ओर से जारी इस वक्तव्य में क्षोभ व्यक्त किया गया है कि हमेशा की तरह, ये हमले दर्शाते हैं कि 24 फ़रवरी को रूसी आक्रमण की सबसे बड़ी क़ीमत आम नागरिकों को चुकानी पड़ रही है.

इससे पहले, यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैंडी ने जिनीवा में बताया कि हिंसा में तेज़ी आई है और कीव, ड्निप्रो, लिविव, ज़ैपोरिझझिया, चेरनिहीव, ओडेसा पर भयावह हमले हुए हैं.  

शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त ने कहा कि यूक्रेन की जनता के लिये यह पीड़ा का एक और दिन है.

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लाखों लोग बेघर

फ़िलिपो ग्रैंडी ने ध्यान दिलाया कि युद्ध का दंश झेल रहे देश में हालात अब भी बेहद चिन्ताजनक हैं.

उन्होंने यूएन एजेंसी की वार्षिक कार्यकारी समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा, “कम से कम 62 लाख लोग आन्तरिक रूप से विस्थापित हैं, और अनेक अन्य को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.”

यूएन शरणार्थी एजेंसी प्रमुख ने सचेत किया कि शीत ऋतु से पहले यूक्रेन के लाखों नागरिकों, विशेष रूप से बुज़ुर्ग व विकलांगजन, उन सभी पर भरोसा कर रहे हैं.

मगर, उनके अनुसार मानवीय राहतकर्मी भी एक सीमा तक ही अपने प्रयास कर सकते हैं.

“हमें अपनी अपेक्षाओं को वास्तविक बनाना होगा.” उन्होंने कहा कि इसके लिये हरसम्भव प्रयास किये जाने होंगे.

“मैं विशेषज्ञता व संसाधनों वालों से अपील करता हूँ कि सर्दी के मौसम के लिये सरकारी योजनाओं के समर्थन में अपने प्रयास दोगुना किये जाएं.”

योरोपीय संघ की सराहना

यूएन शरणार्थी एजेंसी उच्चायुक्त ने कहा कि युद्ध के कारण, लोगों द्वारा अपने घर छोड़कर जाना जारी है और वे सीमा पार करके पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि योरोपीय संघ ने शरण की तलाश कर रहे लोगों को अस्थाई संरक्षण परमिट जारी किये हैं, जिसके लिये संघ सराहना का पात्र है.

इससे लाखों यूक्रेनी नागरिकों को तत्काल सुरक्षा पाना और अपने समर्थन नैटवर्क तक पहुँच पाना सम्भव होगा, और शरणार्थी प्रणाली पर कोई दबाव नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि योरोपीय संघ के एक नीतिगत निर्णय के ज़रिये ऐसे अनेक मिथक ध्वस्त किये गए हैं, जिनमें आशंका जताई गई थी कि अन्तरराष्ट्रीय संरक्षण की तलाश कर रहे लोगों के लिये देशों की सीमाओं को खोले जाने मे ख़तरे निहित हैं.

जर्मन अनुभव

फ़िलिपो ग्रैंडी ने जर्मनी की पूर्व चांसलर ऐंगेला मैर्केल के शब्दों का सन्दर्भ देते हुए कहा: “Wir schaffen das” (हम यह कर सकते हैं).

पूर्व जर्मन चांसलर ने वर्ष 2015 में अपने देश की सीमाओं को खोलने का निर्णय लेते हुए लाखों सीरियाई शरणार्थियों को जर्मनी में शरण दी थी.

यूएन शरणार्थी एजेंसी प्रमुख ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के वैश्विक नतीजों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह उनके कार्यकाल में पहली बार है कि UNHCR के महत्वपूर्ण कार्य के लिये अनुदान पर नकारात्मक असर नज़र आ रहा है.

फ़िलिपो ग्रैंडी ने आगाह कि यदि सबसे कम वित्त पोषित अभियानों के लिये, इस वर्ष के अन्त तक 70 करोड़ डॉलर का प्रबन्ध नहीं हो पाया, तो फिर संगठन को कटौती के लिये मजबूर होना पड़ेगा.

इससे शरणार्थियों व मेज़बान समुदायों पर नकारात्मक, गम्भीर नतीजे होने की आशंका है.