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कॉप27: मिस्र से सिविल सोसायटी की पूर्ण भागेदारी सुनिश्चित करने का आग्रह

स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में, नवम्बर 2021 में हुए यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप26 स्थल पर, प्रदर्शन करते हुए युवा जलवायु कार्यकर्ता.
UN News/Laura Quinones
स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में, नवम्बर 2021 में हुए यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप26 स्थल पर, प्रदर्शन करते हुए युवा जलवायु कार्यकर्ता.

कॉप27: मिस्र से सिविल सोसायटी की पूर्ण भागेदारी सुनिश्चित करने का आग्रह

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने शुक्रवार को मिस्र सरकार से ये सुनिश्चित करने के लिये कहा कि वहाँ नवम्बर में होने वाले यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप27 के दौरान, सिविल सोसायटी सुरक्षित और पूर्ण रूप से अपनी भागीदारी कर सके. इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने सम्मेलन से पहले ही अनेक तरह की पाबन्दियों पर चिन्ता जताई है.

इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने एक वक्तव्य में कहा है कि इन नई पाबन्दियों से पहले भी, सिविल सोसायटी और मानवाधिकार पैरोकारों पर लगातार दमन होता रहा है, और सार्वजनिक मामलों में उनकी भागेदारी के वैध अधिकार को कमज़ोर करने के लिये, सुरक्षा को एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया गया है.

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संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलन कॉप27, 6 से 18 नवम्बर तक, देश के एक पर्यटक स्थल – शर्म अल शेख़ में आयोजित होना है.

भय का वातावरण

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि गिरफ़्तारियों और बन्दीकरण, ग़ैर-सरकारी संगठनों की सम्पत्तियों को ज़ब्त किये जाने और उनके विघटन, मानवाधिकार पैरोकारों के विरुद्ध यात्रा पाबन्दियों ने, मिस्र के सिविल सोसायटी संगठनों में – कॉप27 के सन्दर्भ में सक्रिय होने के लिये एक भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है.

इन मानवाधिकार विशेषज्ञों के अनुसार, मिस्र के ग़ैर-सरकारी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करने के लिये, पहले भी उत्पीड़न, डराने-धमकाने और बदले की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है.

ये वक्तव्य जिन पाँच विशेष मानवाधिकार विशेषज्ञों ने जारी किया है, वो सभी विशेष रैपोर्टेयर हैं, और उनकी नियुक्ति, जिनीवा स्थित यूएन मानवाधिकार परिषद करती है.

एक अहम भूमिका

इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने में सिविल सोसायटी की अनिवार्य भूमिका को रेखांकित का है और मिस्र से, यूएन जलवायु सम्मेलन में सिविल सोसायटी की सुरक्षित व सार्थक भागेदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, जिननमें स्वतंत्र समूह भी शामिल हैं.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, “जलवायु अधिकारों पर काम करने वालों सहित, सिविल सोसायटी कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार पैरोकारों के अधिकारों को और ज़्यादा सीमित करने के बजाय, उन्हें उनके विचारों व सुरक्षा ज़रूरतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर दिया जाना ज़रूरी है.”

वक्तव्य में कहा गया है, “हमारा ये पक्का विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित कॉप27 को, सार्वजनिक मामलों के संचालन में, आम लोगों की भागेदारी के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिये, जैसाकि मिस्र भी मानता है.”

ये वक्तव्य जारी करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों की सूची यहाँ देखी जा सकती है.

स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों की नियुक्ति, यूएन मानवाधिकार परिषद, किसी विशेष मुद्दे पर या किसी देश की स्थिति की निगरानी करके, रिपोर्ट सौंपने के लिये करती है.

ये विशेष रैपोर्टेयर किसी देश या संगठन की सरकार से स्वतंत्र होते हैं, वो स्वैच्छिक आधार पर काम करते हैं, और अपनी निजी क्षमता में सेवा करते हैं. उन्हें उनके काम के लिये, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं दिया जाता है.