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भारत-यूएन विकास साझेदारी कोष की पाँचवी वर्षगाँठ

संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2030 टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर बैठक की तैयारी.
UN Photo/Manuel Elias
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2030 टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर बैठक की तैयारी.

भारत-यूएन विकास साझेदारी कोष की पाँचवी वर्षगाँठ

एसडीजी

विकासशील देशों में टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति पर केन्द्रित परियोजनाओं के लिये समर्थन सुनिश्चित करने की ख़ातिर, 2017 में भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष की स्थापना की गई थी. इस साझेदारी की पाँचवी वर्षगाँठ पर, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने शुक्रवार, 7 अक्टूबर को एक कार्यक्रम आयोजित किया है जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग यहाँ उपलब्ध है....

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इस कार्यक्रम में दक्षिण-दक्षिण सहयोग के ज़रिये टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिये कायापलट कर देने वाले बदलावों पर चर्चा हुई.

भारत-यूएन विकास साझेदारी कोष दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित विकासशील देशों के नेतृत्व और स्वामित्व में, विकासशील जगत में टिकाऊ विकास पर केन्द्रित परियोजनाओं को समर्थन प्रदान करने पर लक्षित है.

ये परियोजनाएँ, भारत सरकार के समर्थन व नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के सहयोग से लागू की जाती हैं.  

इस क्रम में, सबसे कम विकसित देशों और लघु द्वीपीय विकासशील देशों पर प्रमुखता से ध्यान केन्द्रित किया जाता है.

इस कोष के समर्थन से संचालित परियोजनाओं को संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के तहत, साझीदार देशों की सरकारों के साथ नज़दीकी सहयोग से आगे बढ़ाया जाता है.

यह यूएन प्रणाली में दक्षिण-दक्षिण सहयोग का एक उदाहरण, जिसके ज़रिये सभी 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति का लक्ष्य रखा गया है.

साझेदारी संकल्पबद्धता

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा काम्बोज ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत, दक्षिण-दक्षिण साझेदारी और विकास सहयोग में बहुत गहन बाध्यकारी रूप में संकल्पबद्ध है.

उन्होंने कहा कि भारत के लिये साझेदारी मित्रों के दरम्यान है, नाकि किसी दानदाता के रूप में. उन्होंने कहा कि भारत ने तमाम विकासशील दुनिया में देशों की मदद करने में, कभी भी भूगोल या अन्य तरह के कारकों की परवाह नहीं की है.

राजदूत रुचिरा काम्बोज ने कोविड-19 महामारी के सन्दर्भ में कहा कि भारत ने दुनिया भर में 100 से ज़्यादा देशों को, वैक्सीन की लगभग 24 करोड़ ख़ुराकें मुहैया कराईं, जोकि वैक्सीन समता को समर्थन देने के लिये एक अहम योगदान है.

उन्होंने बताया कि भारत-यूएन विकास साझेदारी के तहत, 15 लघु द्विपीय देशों और भूमिबद्ध देशों और कम विकसित देशों में विभिन्न विकास परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं.

सहयोग की एक मिसाल

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ अपनी विकास साझेदारी को रेखांकित करने के लिये, देश की स्वतंत्रत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के समारोहों के तहत, शनिवार 24 सितम्बर को, न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ, विभिन्न देशों की अहम हस्तियों ने शिरकत की. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस कार्यक्रम को भेजे अपने सन्देश में कहा कि भारत – यूएन साझेदारी, सहयोग का एक मज़बूत उदाहरण है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है. 

इस कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग यहाँ देखी जा सकती है.