हेती: ईंधन संकट व हैज़ा का प्रकोप, राहत के लिये मानवीय गलियारे की अपील
संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठनों ने हेती में बढ़ते संकट के बीच एक मानवीय राहत गलियारा खोले जाने का आग्रह किया है. ग़ौरतलब है कि देश में बदतर आर्थिक हालात, असुरक्षा और जानलेवा हैज़ा के प्रकोप के बीच, हथियारबन्द गुटों ने मुख्य ईंधन टर्मिनल तक जाने का रास्ता अवरुद्ध किया हुआ है.
यह टर्मिनल हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रान्स में स्थित है, जोकि देश में ईंधन लाने के लिये मुख्य प्रवेश द्वार है. मगर, सशस्त्र गैंग ने मध्य-सितम्बर से ही प्रवेश को रोका हुआ है.
इस वजह से हेती में ईंधन की क़िल्लत पैदा हो गई है, अनेक अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्र बन्द करने पड़े हैं और जल वितरण सेवा भी प्रभावित हुई है.
हेती में यूएन की विशेष उप प्रतिनिधि और मानवीय राहत व रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर उलरिका रिचर्डसन ने राजधानी से बताया कि, “हमने एक मानव कल्याण गलियारा स्थापित किये जाने की अपील की है ताकि ईंधन शहर और देश के अन्य हिस्सों में भेजा जा सके और हम अपने जवाबी उपाय सुनिश्चित कर सकें.”
Cholera is treatable and preventable. Speed is of essence to save lives and to contain an outbreak. @UNHaiti and its humanitarian partners ask for a Humanitarian Corridor, to act now and keep Cholera from spreading in the country.
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#SaveLives #Cholera
UNHaiti
“ईंधन के बिना, स्वच्छ जल नहीं है. स्वच्छ जल के बिना, [हैज़ा के] और अधिक मामले होंगे और इसके फैलाव को रोक पाना और अधिक कठिन हो जाएगा.”
हेती सरकार ने रविवार को हैज़ा के दो मामलों की पुष्टि की थी, जिसके बाद ये संख्या बढ़कर 11 तक पहुँच चुकी है. सात लोगों की मौत हुई है और संदिग्ध मामलों की संख्या 111 है.
हैज़ा के वास्तविक मामलों की संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका जताई गई है और मौजूदा हालात में इसमें तेज़ वृद्धि हो सकती है.
आम जीवन पर असर
हेती में हाल के महीनों में असुरक्षा बढ़ी है, जिससे आम नागरिकों के जीवन पर असर हुआ है. उन्हें आवाजाही की पाबन्दियों, लूटपाट, यौन हिंसा और अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
ईंधन टर्मिनल पर जारी संकट के कारण, राजधानी में लोगों को काला बाज़ार में ऊँची क़ीमतों पर ईंधन ख़रीदने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है.
संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “साफ़-सफ़ाई और स्वास्थ्य देखभाल पर वास्तव में गम्भीर असर पड़ा है.”
“हिंसक हालात, सशस्त्र गुटों के कारण सड़क पर होने वाली हिंसा और ईंधन की क़िल्लत के कारण कई महीनों से कचरा भी नहीं उठाया गया है.”
बचाव उपाय अहम
हेती में गम्भीर मानवीय हालात को ध्यान में रखते हुए, स्थानीय लोगों की रक्षा के लिये उपाय किये जाने पर बल दिया गया है.
अगले तीन महीनों में, लगभग 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं और क़रीब इतनी ही संख्या में नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त ना हो पाने का जोखिम है.
लाखों बच्चों को शिक्षा हासिल नहीं हो पाई रही है चूँकि वे स्कूल जा पाने में असमर्थ हैं. पिछले महीने ही लगभग 30 स्कूल या तो लूटे गए हैं या फिर उन पर हमला हुआ है.
इसके अलावा, देश की 45 प्रतिशत आबादी (45 लाख लोग) को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है, जबकि यौन हिंसा के सात हज़ार पीड़ितों को आवश्यक सहायता नहीं मिल पाई है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस महीने हेती में सुरक्षा हालात पर एक बैठक बुलाई जाएगी. इससे पहले, देश में सम्पूर्ण यूएन प्रणाली हैज़ा के प्रकोप से निपटने के लिये प्रयासों को समर्थन दे रही है.
मानवीय राहत के लिये यूएन एजेंसी (OCHA) ने इस सिलसिले में समन्वय की ज़िम्मेदारी सम्भाली है, और अन्य यूएन एजेंसियाँ स्थानीय व अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों के साथ सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं.
अब तक, अति-आवश्यक दवाएँ और उपकरण वितरित किये गए हैं, हैज़ा उपचार केन्द्र स्थापित किये गए हैं और संक्रमण से बचाव के लिये क्षमता बढ़ाई गई है. साथ ही, साफ़-सफ़ाई और जल सुलभता में बेहतरी लाने के इरादे से क़दम उठाए गए हैं.
सामुदायिक स्तर पर लोगों से सम्पर्क साधा जा रहा है.
हेती में क़रीब 10 लाख लोगों को प्रति दिन मोबाइल पर सन्देश भेजे गए हैं और घर-घर जाकर सामग्री का वितरण किया गया है, जिनमें बचाव उपायों के सम्बन्ध में जानकारी दी जा रही है.