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WHO: घातक हैज़ा मामले बढ़े,नवीनतम वैश्विक स्वास्थ्य जानकारी

पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में एक ग्रामीण लड़की, एक नल से पानी भरकर अपने घर को ले जाते हुए.
© UNICEF/Asad Zaidi
पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में एक ग्रामीण लड़की, एक नल से पानी भरकर अपने घर को ले जाते हुए.

WHO: घातक हैज़ा मामले बढ़े,नवीनतम वैश्विक स्वास्थ्य जानकारी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को बताया है कि इस समय यूगाण्डा में इबोला का सामना करने में वहाँ की सरकार को समर्थन दिया जा रहा है और योरोप में कोविड-19 महामारी के मामलों में कुछ चिन्ताजनक बढ़ोत्तरी देखी गई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ने बुधवार को जिनीवा में, दुनिया भर में नवीनतन स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जानकारी देते हुए ये बात कही है.

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उन्होंने बताया कि यूगाण्डा में चार ज़िलों में इबोला संक्रमण के 63 पुष्ट व सम्भावित मामले सामने आए हैं, जिनमें 29 लोगों की मौत भी हुई है.

इन मामलों में 10 संक्रमित स्वास्थ्यकर्मी भी हैं जिनमें से चार की मौत हो गई है, चार लोग संक्रमण से उबर गए हैं और वो लगातार स्वास्थ्य देखभाल में हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने जिनीवा में प्रैस वार्ता में बताया, “WHO ने आपदाओं के लिये त्वरित कोष (CFE) से 20 लाख डॉलर की रक़म जारी की है, और हम अतिरिक्त विशेषज्ञ, चिकित्सा सामग्रियाँ व संसाधन भेज रहे हैं.”

पाकिस्तान: बाढ़ पश्चात बीमारियाँ

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि पाकिस्तान में कई महीनों से आई घातक बाढ़ का पानी वैसे तो बढ़ना बन्द हो गयाहै , मगर अन्य ख़तरे बढ़ रहे हैं.

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “बाढ़ के कारण 1,500 से भी ज़्यादा लोगों की मौत हुई है, मगर आने वाले सप्ताहों के दौरान फैलने वाली बीमारियों के मद्देनज़र, अगर एक वृहद व तत्काल अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई नहीं की गई तो और भी ज़्यादा लोग अपनी ज़िन्दगी गँवा सकते हैं.”

पाकिस्तान में आई इस त्रासदीपूर्ण जलवायु आपदा ने देश में लगभग 10 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया है जिसके कारण लाखों-करोड़ों लोग, चिकित्सा देखभाल, चिकित्सा सामग्रियों और सेवाओं से वंचित हो गए हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन, मलेरिया, हैज़ा और डेंगू बुख़ार के फैलाव के नए मामलों को देखते हुए, ऐसे लोगों को सहायता मुहैया करा रहा है जो शिविरों में, सड़क-रास्ते किनारे रह रहे हैं और जो बाढ़ के पानी के कारण अलग-थलग पड़ गए हैं. मदद पाने वालों में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो बाढ़ में तबाह हो चुके अपने गाँवों और घरों को वापिस लौट रहे हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने आपदा राहत कोष से एक करोड़ डॉलर की रक़म जारी करने के अलावा, इस अभूतपूर्व संकट का सामना करने के प्रयासों के अन्तर्गत, टीकाकरण और अन्य जीवनरक्षक स्वास्थ्य सेवाओं में जान फूँकने के लिये, 8 करोड़ 15 लाख डॉलर की सहायता अपील भी जारी की है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने यूएन प्रमुख के शब्दों का सन्दर्भ देते हुए कहा, “ये दयालुता के बारे में नहीं है, ये न्याय के बारे में है.”

ओमिक्रॉन: छाया का पीछा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया ने मीडिया को बताया कि योरोप के अनेक देशों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है, जिनमें मरीज़ अस्पतालों में भर्ती होने और कुछ मौतों के मामले भी शामिल हैं. मगर अब वैक्सीन और अन्य चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होने के कारण, मौतें ज़रूरी नहीं हैं.

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि ओमिक्रॉन अब भी दुनिया भर में प्रबल वायरस बना हुआ है. इस समय वैसे तो दुनिया भर में कोरोनावायरस के 300 से ज़्यादा रूप मौजूद हैं, कमज़ोर निगरानी, कमज़ोर परीक्षण और वायरस की कमज़ोर चिकित्सा निगरानी के कारण, इस वायरस का पीछा करना, “छाया का पीछा करने जैसा है”.

उन्होंने ये भी बताया कि उत्तरी गोलार्द्ध में फ़्लू की मौसम भी शुरू हो रहा है. कोविड-19 पर क़ाबू पाने के प्रयासों से, फ़्लू को कम करने में भी मदद मिलती है.

उन्होंने सभी से, फ़्लू की रोकथाम वाली वैक्सीन का टीका लगवाने का भी आग्रह किया.

हैज़ा की दुखद वापसी

दुनिया भर में अनेक वर्षों तक हैज़ा के मामलों में कमी होने के बाद, अब इसका घातक फैलाव देखा जा रहा है जो बहुत चिन्ताजनक है. इस वर्ष भी जनवरी से 27 देशों में हैज़ा के मामले सिर उठा चुके हैं.

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सीमित आकड़ों से मालूम होता है कि इस वर्ष अभी तक हैज़ा की घातकता की औसत दर, पिछले पाँच वर्षों की तुलना में तीन गुना ज़्यादा है.

उन्होंने बताया, “सीरिया में, पिछले केवल छह सप्ताहों के दौरान, हैज़ा संक्रमण के 10 हज़ार से भी ज़्यादा मामले दर्ज किये गए हैं. हेती में पिछले तीन वर्षों में हैज़ा संक्रमण का एक भी मामला नहीं दर्ज किया गया, मगर केवल इसी सप्ताह दो मामले दर्ज किये गए हैं.”

डॉक्टर ने हालाँकि ये भी माना कि बहुत से देशों के पास अति गम्भीर मामलों का सामना करने के लिये, वैक्सीन, स्वच्छ पानी और स्वच्छता के साधन व ज़रूरी चिकित्सा सामग्रियों का अभाव हो सकता है.

उन्होंने कहा, “हैज़ा निर्धनता और लड़ाई-झगड़ों के हालात में ज़्यादा फलता-फूलता है मगर अब इसमें जलवायु परिवर्तन की वजह से भी उभार आने लगा है.”

घातक चिकित्सा ऐलर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की एक कम्पनी मेयडेन फ़ार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharmaceuticals Limited) द्वारा निर्मित, खाँसी व सर्दी से बचाने का दावा करने वाले चार सीरपों के बारे में चिकित्सा उत्पाद ऐलर्ट जारी किया है. इन सीरपों का सम्बन्ध गाम्बिया में किडनी की अति गम्भीर बीमारियों के साथ बताया गया है, जिनमें 66 बच्चों की मौत होना भी शामिल है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, भारत में इस निर्माता कम्पनी नियामक अधिकारियों के साथ जाँच-पड़ताल कर रही है, इस बीच अन्य तमाम देशों से इन उत्पादों को तुरन्त वापिस लेने या इनकी मौजूदगी ख़त्म करने की सिफ़ारिश की गई है.

उन्होंने कहा, “आपदाएँ, जीवन की दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई हैं. हम कुछ आपदाओं को रोकने में सक्षम हो सकते हैं, मगर हम सभी आपदाओं को नहीं रोक सकते.”

“मगर हम स्थानीय स्तरों पर मज़बूत स्वास्थ्य सेवाओं में संसाधन निवेश करके, आपदाओं के प्रभावों को कम कर सकते हैं और बहुत से लोगों की ज़िन्दगियाँ बचा सकते हैं.”