वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

पूर्व जर्मन चांसलर ऐंगेला मैर्केल को ‘नेनसन’ शरणार्थी पुरस्कार

जर्मनी की पूर्व चांसलर डॉक्टर एंगेला मर्केल
© Bundesregierung/Steffen Kugler
जर्मनी की पूर्व चांसलर डॉक्टर एंगेला मर्केल

पूर्व जर्मन चांसलर ऐंगेला मैर्केल को ‘नेनसन’ शरणार्थी पुरस्कार

प्रवासी और शरणार्थी

शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) ने सीरिया में शरणार्थी संकट के दौरान 'नैतिक व राजनैतिक साहस' दिखाने के लिये, जर्मनी की पूर्व चांसलर ऐंगेला मैर्केल को, वर्ष 2022 के लिये UNHCR ‘नेनसन’ शरणार्थी पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की घोषणा की है.

नेनसन पुरस्कार चयन समिति ने कहा कि पूर्व जर्मन नेता को उनके नेतृत्व, साहस और करुणा के लिये चुना गया है, जिससे शरण की तलाश कर रहे लाखों हताश लोगों का संरक्षण सुनिश्चित करने में मदद मिली.

यह पुरस्कार हर वर्ष नॉर्वे के वैज्ञानिक, राजनयिक और मानव कल्याण कार्यों के लिये समर्पित फ़्रिडजोफ़ नेनसन की स्मृति में दिया जाता है.

Tweet URL

इस पुरस्कार से एक ऐसे व्यक्ति, समूह या संगठन को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपने आम दायित्व से ऊपर उठते हुए शरणार्थियों, अन्दरूनी विस्थापितों और देशविहीन लोगों की रक्षा के प्रयास किये हैं.

शरणार्थी संरक्षण के लिये प्रयास

पूर्व जर्मन चांसलर ऐंगेला मर्केल के नेतृत्व में जर्मनी ने वर्ष 2015 और 2016 में 12 लाख से अधिक शरणार्थियों व शरण की तलाश कर रहे लोगों का स्वागत किया.

ये शरणार्थी सीरिया समेत अन्य स्थानों पर हिंसक संघर्ष व टकराव से जान बचाने के लिये जर्मनी पहुँचे थे.

पूर्व चांसलर को जिनीवा में 10 अक्टूबर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

यूएन शरणार्थी एजेंसी के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने शरणार्थियों की रक्षा, मानवाधिकारों व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के समर्थन में खड़े होने के लिये पूर्व चांसलर के संकल्प की सराहना की.

“10 लाख से अधिक शरणार्थियों की ज़िन्दगी बचाने और पुनर्निर्माण में मदद करके, ऐंगेला मैर्केल ने विशाल नैतिक व राजनैतिक साहस का परिचय दिया.”

जर्मन नेता ने उस समय कहा था कि जिस तरह से इस स्थिति [शरणार्थी संकट] ने योरोपीय मूल्यों की परीक्षा ली है, वैसा बहुत कम ही हुआ है.

उन्होंने इसे एक मानव कल्याण अनिवार्यता क़रार देते हुए जर्मन नागरिकों से विभाजनकारी राष्ट्रवाद को नकारने और करुणा व खुली सोच दर्शाने का आहवान किया था.

जबरन विस्थापन

विश्व भर में जबरन विस्थापन का शिकार हुए लोगों की संख्या में वृद्धि जारी है, और इस वर्ष यह पहली बार था, जब यह संख्या 10 करोड़ से भी ज़्यादा हो गई.

फ़िलिपो ग्रैण्डी ने कहा, “उन्होंने दिखाया कि जब राजनीतिज्ञ सही रास्ते पर चलते हैं और दूसरों पर ज़िम्मेदारी डालने के बजाय, विश्व चुनौतियों के समाधान ढूंढने के लिये काम करते हैं तो क्या-कुछ हासिल किया जा सकता है.”

बताया गया है कि पूर्व जर्मन चांसलर ने युद्ध, उत्पीड़न और मानवाधिकारों के हनन से जान बचाकर भाग रहे लोगों की रक्षा के साथ-साथ, उनके स्वागत व समाज में एकीकरण के लिये भी अहम भूमिका निभाई.  

इसके लिये शिक्षा व प्रशिक्षण कार्यक्रमों, रोज़गार योजनाओं व श्रम बज़ार एकीकरण जैसे कार्यक्रम शुरू किये गए.

चयन समिति के अनुसार पूर्व चांसलर ने मानव कल्याण के क्षेत्र में जर्मनी को एक भरोसेमन्द, सक्रिय व ठोस साझीदार के रूप में स्थापित करने में योगदान किया.