नगरों में चुनौतियों पर पार पाने के लिये, ज़्यादा कार्रवाई व संसाधनों की आवश्यकता

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को विश्व पर्यावास दिवस पर कहा है कि मौजूदा चुनौतियों की लहर पर पार पाने में मदद के लिये, “ज़्यादा तत्काल कार्रवाई और कहीं ज़्यादा संसाधन निवेश” किया जाना अहम कुंजी है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि जलवायु संकटों से लेकर लड़ाई-झगड़ों और कोविड-19 महामारी तक जैसी मुसीबतों से, सबसे कमज़ोर हालात वाले लोग सर्वाधिक प्रभावित हैं.
This is the first time #WorldHabitatDay is taking place in the Eurasian continent. What better place to celebrate global efforts to narrow the gap between rich & poor than the city of Balikiser. This region of Turkey is known as one of the ‘tiger economies’ of the Marmara region. https://t.co/XlHGPjvEdH
MaimunahSharif
उन्होंने इस वर्ष की थीम - Mind the Gap. Leave No One and No Place Behind, को रेखांकित करते हुए, दुनिया भर में जीवन-यापन के हालात में बढ़ती विषमताओं की तरफ़ भी ध्यान दिलाया.
उन्होंने साथ ही कहा कि क़स्बों और शहरों का त्वरित और अनियोजित विकास, दरअसल हालात को और ज़्यादा बदतर बना रहा है.
यूएन प्रमुख ने कहा, “हमें सर्वजन के लिये सुलभ आवास उपलब्ध कराने के लिये तत्काल कार्रवाई करने और ज़्यादा संसाधन निवेश करने की ज़रूरत है – इनके साथ ही बिजली, पानी, स्वच्छता, परिवहन, और अन्य बुनियादी सेवाओं की उपलब्धता भी अनिवार्य है.”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना, 2030 के टिकाऊ विकास एजेंडा (SDGs) का प्रमुख संकल्प है.
यूएन प्रमुख ने कहा, “इसका मतलब है नगरों को महिलाओं व बच्चों के लिये लाभकारी बनाना और मौजूद खाइयों को पाटना: जो साधन सम्पन्न और वंचित लोगों के बीच मौजूद हैं; जो नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच हैं; जो विकसित और विकासशील क्षेत्रों के दरम्यान हैं.”
उन्होंने कहा कि स्थानीय कार्रवाई करना एक कुंजी है, और जनकेन्द्रित नीतियाँ बनाने और उन्हें लागू करने, उपभोग के टिकाऊ रुझानों को बढ़ावा देने के लिये, नवाचारी समाधान महत्वपूर्ण हैं. समावेशी, सुरक्षित, सहनशील और टिकाऊ नगर व मानव बस्तियाँ बहुत अहम हैं.
संयुक्त राष्ट्र की नगरीय विकास एजेंसी UN-Habitat की कार्यकारी निदेशक मायमूना मोहम्मद शरीफ़ इस दिवस के मौक़े पर एक दिन पहले इस्तान्बूल में दिये एक भाषण में कहा कि क़स्बों और नगरों के लिये, टिकाऊ होने के वास्ते, वहाँ सिंचाई की पूर्ण व्यवस्था और सुनियोजन होना ज़रूरी है, साथ ही उन्हें समावेशी, रचनात्मक और नवाचारी स्थान बनाना भी ज़रूरी है.
“हम ऐसा कर सकते हैं, बशर्ति की नीतियों को सही व प्रभावशाली तरीक़े से लागू किया जाए और धरातल पर ठोस कार्रवाई हो.”
नगरीय निर्धनता और विषमता से निपटना, एक वैश्विक प्राथमिकता बन गई है, और जटिल संकटों के हालात में, नगर और स्थानीय सरकारें, विकास और पुनर्बहाली कार्यों में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने कहा, “हम बढ़ती नगरीय समस्याओं का सामना करने के लिये, देशों की सरकारों और नगरों की मदद करना चाहते हैं.”
विश्व पर्यावास दिवस के साथ ही, यूएन पर्यावास एजेंसी का नगरीय अक्टूबर महीना भी शुरू हुआ है, जिस दौरान 31 दिनों तक, टिकाऊ नगरीय भविष्य को प्रोत्साहित किया जाएगा.
यूएन पर्यावास और उसके साझीदारों ने वर्ष 2021 के दौरान, दुनिया भर में नगरीय विषयों पर 300 भिन्न कार्यक्रम आयोजित किये. पूरे महीने के दौरान, दस हज़ार से ज़्यादा लोगों ने अहम कार्यक्रमों में शिरकत की.
मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने कहा, “विश्व पर्यावास दिवस पर, आइये, हम सभी, एक दूसरे के लिये, हमारी साझा ज़िम्मेदारी की कसौटी पर खरा उतरने का संकल्प लें.”