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बुर्कीना फ़ासो: सशस्त्र ताक़त से, सत्ता पर क़ब्ज़े के किसी भी प्रयास की निन्दा

बुर्कीना फ़ासो की राजधानी में, शान्ति को प्रोत्साहन देने वाला एक बिल बोर्ड.
IRIN/Chris Simpson
बुर्कीना फ़ासो की राजधानी में, शान्ति को प्रोत्साहन देने वाला एक बिल बोर्ड.

बुर्कीना फ़ासो: सशस्त्र ताक़त से, सत्ता पर क़ब्ज़े के किसी भी प्रयास की निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुर्कीना फ़ासो में तेज़ी से बदलते घटनाक्रम पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है, जहाँ मीडिया ख़बरों के अनुसार, सैन्य अधिकारियों के एक समूह ने, उस व्यक्ति को सत्ता से बेदख़ल कर दिया है जिसने केवल 9 महीने पहले ही, एक विद्रोह के ज़रिये सत्ता पर क़ब्ज़ा किया था.

तथाकथित कैप्टेन इब्राहीम त्रेओरे ने शुक्रवार को राष्ट्रीय टैलीविज़न पर आकर घोषणा की कि लैफ़्टिनेण्ट कर्नल पॉल हैनरी सैण्डाओगे डैमीबा को सत्ता से हटा दिया गया है. लैफ़्टिनेण्ट कर्नल पॉल हैनरी सैण्डाओगे डैमीबा ने देश में लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए राष्ट्रपति को, जनवरी 2022 में सत्ता से हटाया था.

अब लैफ़्टिनेण्ट कर्नल पॉल हैनरी सैण्डाओगे डैमीबा को सत्ता से हटाने का कारण ये दिया गया है कि वो आतंकवादी हिंसा को रोकने में नाकाम रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप 20 लाख लोगों को अपने घर छोड़ने के लिये विवश होना पड़ा है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से प्रकाशित एक वक्तव्य में, हथियारों की ताक़त के बल पर, सत्ता पर क़ब्ज़ा करने के किसी भी प्रयास की कड़ी निन्दा की है, और तमाम पक्षों से हिंसा से बचने और संवाद का सहारा लेना का भी आहवान किया है.

यूएन महासचिव ने देश में संवैधानिक व्यवस्था त्वरित गति से बहाल करने की दिशा में क्षेत्रीय प्रयासों को भी पूर्ण समर्थन दिया है.

उन्होंने कहा, “बुर्कीना फ़ासो को, देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय आतंकवादी समूहों और आपराधिक नैटवर्क का मुक़ाबला करने के लिये, शान्ति, स्थिरता और एकता की आवश्यकता है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने, देश में टिकाऊ शान्ति व स्थिरता की दिशा में लोगों की बढ़त में साथ देने के लिये, संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

लगातार जारी संकट

मीडिया ख़बरों के अनुसार, बुर्कीना फ़ासो की राजधानी ओवागैडाऊगाऊ में शनिवार को बन्दूकें चलने की आवाज़ें सुनी गईं और असामान्य सैन्य गतिविधि के दौरान, शहर की अनेक सड़कें बन्द कर दी गई हैं.

बुर्कीना फ़ासो में मानवीय संकट बरक़रार है और देश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी को सहायता की ज़रूरत है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के कार्यालय OHCHA के अनुसार, बुर्कीना फ़ासो में लगातार बढ़ती असुरक्षा के हालात के कारण, जून 2022 तक 15 लाख लोग विस्थापित हो चुके थे. विस्थापित लोगों में लगभग आधी संख्या बच्चों की है.