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विश्व समुद्र दिवस: हरित जहाज़रानी के लिये नवीन प्रौद्योगिकी पर ज़ोर

यूएन एजेंसी ने सरकारों से समुद्री नाविकों को ज़रूरी कामगारों का दर्जा दिये जाने का आग्रह किया है.
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यूएन एजेंसी ने सरकारों से समुद्री नाविकों को ज़रूरी कामगारों का दर्जा दिये जाने का आग्रह किया है.

विश्व समुद्र दिवस: हरित जहाज़रानी के लिये नवीन प्रौद्योगिकी पर ज़ोर

जलवायु और पर्यावरण

गुरूवार को विश्व समुद्र दिवस के अवसर पर मुख्य ज़ोर, सर्वजन के लिये ज़्यादा टिकाऊ भविष्य में जहाज़रानी के और ज़्यादा योगदान के उपायों पर ग़ौर करने पर रहा है.

इस वर्ष की थीम है – हरित जहाज़रानी के लिये नवीन प्रौद्योगिकियाँ – ऐसे नवाचार व समाधानों को प्रोत्साहन जिनसे इस क्षेत्र में परिवर्तन को समर्थन मिले.

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, विश्व समुद्री दिवस पर अपने सन्देश में कहा है कि समुद्री परिवहन, वैश्विक व्यापार के 80 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है.

इस बीच, यूक्रेन युद्ध, और काला सागर अनाज निर्यात पहल ने, दुनिया भर में लोगों के लिये खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने में, जहाज़रानी या समुद्री परिवहन की अहम भूमिका को रेखांकित किया है.

जहाज़रानी उत्सर्जन में कमी

यूएन प्रमुख ने कहा, “जहाज़रानी मानवता का आपस में जुड़ाव जारी रखे हुए है, इसे टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी अहम भूमिका निभानी होगी और दुनिया भर के तमाम लोगों व पृथ्वी ग्रह के लिये एक न्यायसंगत व समृद्ध भविष्य बनाना होगा.”

यूएन महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि समुद्री परिवहन क्षेत्र को, “कार्बन उत्सर्जन में कमी करने के लिये अपनी गति बढ़ानी होगी”.

उन्होंने आगाह किया कि अगर ठोस वैश्विक कार्रवाई नहीं की गई तो समुद्री परिवहन क्षेत्र से, कार्बन उत्सर्जन बहुत ज़्यादा मात्रा में बढ़ने का अनुमान है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “देशों की सरकारों और निजी क्षेत्र की कम्पनियों को डिजिटल व स्वचालन जैसी नवाचार प्रौद्योगिकियों का प्रयोग आसान बनाने के लिये साथ मिलकर काम करना होगा और ऐसा न्यायसंगत परिवर्तन सम्भव बनाना होगा जिसमें विकासशील देश भी शामिल हों और उससे अक्षय ऊर्जा व वैकल्पिक ईंधनों को प्रोत्साहन मिले.”

“इस दशक में तैनात किये जाने वाले जहाज़ों से निर्धारित होगा कि जहाज़रानी क्षेत्र, वर्ष 2030 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करेगा या नहीं. हरित और शून्य कार्बन वाले जहाज़ ही, सामान्य पसन्द बनने चाहिये और 2030 तक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हों.”

समुद्री नाविकों के लिये चिन्ताएँ

विश्व समुद्र दिवस के समारोह, समावेशी समुद्री नवाचार, शोध व विकास, और नवीन प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन और उपयोग को दिखाने का एक मंच भी हैं.

अन्तरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के महासचिव किटैक लिम का कहना है कि इस साल की थीम इस बारे में वृहत्तर विमर्श के लिये स्थान खोलती है कि समुद्री परिवहन की मंज़िलें क्या हैं, और डिजिटल व स्वचालन प्रौद्योगिकियाँ किस तरह इस क्षेत्र को समर्थन दे सकती हैं.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “मगर स्वच्छ, सुरक्षित और ज़्यादा टिकाऊ जहाज़रानी के लिये, प्रौद्योगिकीय समाधानों से, लोगों का भी भला होना चाहिये.”

“इस सम्बन्ध में, नाविकों और अन्य समुद्री कर्मचारियों पर पड़ने वाले प्रभाव को भी विचाराधीन रखना होगा, जिसमें उनकी प्रशिक्षण ज़रूरतें भी शामिल हैं.”