यूक्रेन में रूस के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में जनमतसंग्रह 'वैध नहीं'
संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में कहा है कि यूक्रेन में रूस के नियंत्रण वाले इलाक़ों में तथाकथित जनमत संग्रह को, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत वैध नहीं माना जा सकता है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी सुरक्षा परिषद में राजदूतों को सम्बोधित किया और नाराज़गी व्यक्त करते हुए, जनमत संग्रह को फ़र्जी क़रार दिया, अलबत्ता रूस ने वीडियो कान्फ्रेंस के ज़रिये उनकी इस शिरकत का विरोध किया.
As I just said at the Security Council, the so-called “referenda” in areas under Russian control and outside #Ukraine’s legal and constitutional framework cannot be called a genuine expression of the popular will. My full remarks: https://t.co/oHNmNL4AVZ pic.twitter.com/UVD4EYFb2A
DicarloRosemary
रूस के राजदूत वसीली नेबेन्ज़या ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति को, नियमों के अनुसार, इस बैठक में निजी रूप में शिरकत करनी चाहिये. उन्होंने कहा, “परिषद को राजनैतिक दिखावे या सिनेमा के एक मंच के रूप में तब्दील नहीं किया जा सकता.”
घर-घर मतदान
यूक्रेन में रूस के नियंत्रण वाले इलाक़ों – दोनेत्स्क, लूहांस्क, ख़ेरसन, और ज़ैपोरिझझिया में पिछले पाँच दिनों के दौरान निवासियों से इस मुद्दे पर मतदान कराया गया है कि क्या वो रूसी महासंघ का हिस्सा बनना चाहते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लों ने कहा कि मतदान निर्धारित केन्द्रों में हुआ, और साथ ही वहाँ प्रभावशाली रूसी अधिकारी, सैनिकों के साथ, मतपेटियाँ लेकर घर-घर मतदान कराने के लिये भी निकले.
उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ, जो जारी सशस्त्र युद्ध के दौरान, यूक्रेन में रूस के नियंत्रण वाले इलाक़ों में कराई गई हैं और ये यूक्रेन के क़ानूनी और संवैधानिक ढाँचे से बाहर हैं, इन्हें “लोगों की इच्छा की वास्तविक अभिव्यक्ति नहीं कहा जा सकता”.
यूक्रेन की सम्प्रभुता का सम्मान
संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की मुखिया रोज़मैरी डीकार्लो ने यूक्रेन की सम्प्रभुता, एकता, स्वतंत्रता, और क्षेत्रीय अखण्डता के लिये, संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण प्रतिबद्धता भी दोहराई.
उन्होंने रूस को उसके क़ब्ज़े वाले इलाक़ों के प्रशासन में, देश के क़ानूनों का सम्मान करने की उसकी ज़िम्मेदारी याद दिलाई.
ये ताज़ा घटनाक्रम, हाल के कुछ ऐसे क़दमों में से एक है जिससे इस युद्ध के और ज़्यादा भड़कने का जोखिम उत्पन्न हो गया है. याद रहे कि यूक्रेन युद्ध सातवें महीने में प्रवेश कर गया है.
रोज़मैरी डीकार्लो ने पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान, यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से में भारी लड़ाई होने, और दोनेत्स्क व लूहांस्क प्रान्तों में सैन्य अभियानों में बढ़ोत्तरी होने की जानकारी दी.
यूक्रेन की सेना ने भी, ख़ारकीयेव क्षेत्र में, रूस के नियंत्रण वाले ज़्यादातर इलाक़ों में, अपना नियंत्रण बहाल करने के लिये भी कुछ सफल प्रतिरोधी हमले किये हैं.
इस बीच, यूक्रेन के अनेक शहरों पर रोज़ाना होने वाले हमले जारी रहे हैं, जिनें दोनेत्स्क और लूहांस्क भी शामिल हैं. साथ ही नागरिक ऊर्जा और जल ढाँचों को भी निशाना बनाया गया है.
परमाणु ख़तरा बरक़रार
रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा, “हमने परमाणु हथियारों के प्रयोग के सम्बन्ध में बेहद चिन्ताजनक भड़काऊ बयान भी सुने हैं. ये अस्वीकार्य है.”
संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन में स्थित ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट जारी हमलों की ख़बरों पर गम्भीर रूप से चिन्तित है, और रोज़मैरी डीकार्लो ने लड़ाकों से, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “ये बहुत ज़रूरी है कि परमाणु सुविधाओं पर तमाम तरह के हमले बन्द हों, और इस तरह के संयंत्रों की विशुद्ध नागरिक प्रकृति फिर से स्थापित की जाए.”