रूस: सुरक्षा बलों में भर्ती किये जाने की मुहिम का विरोध, गिरफ़्तारियों पर चिन्ता
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने मंगलवार को बताया कि रूस में सरकार ने, यूक्रेन में लड़ाई के लिये, सुरक्षा बलों में भर्ती किये जाने की मुहिम का विरोध कर रहे क़रीब 2,400 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने जिनीवा में एक नियमित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में ये गिरफ़्तारियाँ हुई हैं.
🇷🇺#Russia: We are deeply disturbed by the large number of people reportedly arrested for protesting after the Russian authorities announced partial mobilization of troops for #UkraineWar.We call for immediate release of all those arbitrarily detained: https://t.co/zGMkgY6Yed pic.twitter.com/gsXvkNGOG2
UNHumanRights
दागेस्तान की राजधानी मखाचकला से प्राप्त ख़बरों के अनुसार, विरोध प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रहे.
सड़कों पर उतरे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की पुलिसकर्मियों के साथ झड़पें हुईं और बड़ी संख्या में लोग गिरफ़्तार किये गए हैं.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा, “केवल शान्तिपूर्ण ढंग से एकत्र होने और अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिये, लोगों को गिरफ़्तार किया जाना, उन्हें उनकी स्वतंत्रता से मनमाने ढंग से वंचित करता है.”
“हम मनमाने ढंग से हिरासत में लिये गए सभी लोगों को तत्काल रिहा किये जाने, प्रशासन से अपने अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों का सम्मान करने, और अभिव्यक्ति की आज़ादी व शान्तिपूर्ण सभा के अधिकार को सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं.”
अनुचित क़दम
मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता ने कुछ मीडिया ख़बरों का हवाला दिया, जिनके अनुसार अतीत में कोई सैन्य प्रशिक्षण ना होने वाले लोगों को भी ग़लती से भर्ती होने के लिये बुलाया गया है.
बताया गया है कि अब इससे निपटने के लिये प्रशासन ने एक हॉलाइन स्थापित की है.
रवीना शमदासानी ने कहा कि सुरक्षा बलों में भर्ती की मुहिम से बचने के लिये युवाओं के, रूस छोड़कर जाने की ख़बरें हैं और ये स्थिति व्यथित करने वाली है.
उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून स्पष्ट है कि जब आम लोग, विवेकशील ढंग से किसी टकराव का विरोध करना चाहते हैं, तो प्रशासनिक एजेंसियों को उस अधिकार का सम्मान करना होगा.
उन्होंने बताया कि उनकी मुख्य चिन्ता क़ानून का पालन करने, मनमाने ढंग से क़दम ना उठाए जाने, विवेकशील विरोध की सम्भावना सुनिश्चित करने और सुरक्षा बलों में भर्ती किये जाने की मुहिम के तौर-तरीक़ों की एक स्वतंत्र समीक्षा किये जाने की आवश्यकता है.
बताया गया है कि अधिकांश विरोध-प्रदर्शन शान्तिपूर्ण रहे हैं, मगर कुछ मामलों में अनेक क्षेत्रों में, सैन्य व प्रशासनिक इमारतों को निशाना बनाया गया है.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने लोगों से विरोध प्रदर्शनों के दौरान शान्ति बनाए रखने और हिंसा से बचने का आग्रह किया है.