तूफ़ान फ़ियोना: कैरीबियाई क्षेत्र में तबाही के बाद, कैनेडा और अमेरिका की ओर

संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम संगठन (WMO) ने कहा है कि समुद्री तूफ़ान – फ़ियोना, 140 किलोमीटर प्रति घंटा की गति वाली हवाओं के साथ, पुएर्तो रीको और अन्य कैरीबियाई द्वीपों में तबाही मचाने के बाद, शुक्रवार और शनिवार को कैनेडा में पहुँचने वाला है.
विश्व मौसम संगठन (WMO) की प्रवक्ता क्लेयर नूलिस ने बताया है, “फ़ियोना एक शक्तिशाली समुद्री ताक़त वाले तूफ़ान के रूप में, कैनेडा के अटलांटिक इलाक़ों के कुछ हिस्सों को प्रभावित करने वाला है...जिसमें तेज़ गति वाली हवाएँ और भारी बारिश शामिल होगी.”
यूएन मौसम एजेंसी ने कहा है कि अगले कुछ दिनों के दौरान अमेरिका, बहामास, बरमूडा और कैनेडा के पूर्वी तट पर जीवन को जोखिम में डालने वाली लहरें भी उठने की अपेक्षा है.
इस तूफ़ान से अब तक पुएर्तो रीको में पाँच लोगों की मौत होने की ख़बरें हैं, जहाँ इसने गत रविवार दस्तक दी थी.
सहायता एजेंसियों के अनसार, एक पर्वतीय क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है जिससे व्यापक नुक़सान हुआ है.
इसमें बिजली कटौती, भूस्खलन, पेड़ों और बिजली की लाइनों का गिरना शामिल है, साथ ही सड़कें अवरुद्ध हो गईं और एक पुल भी गिर गया.
प्रवक्ता क्लेयर नूलिस ने कहा कि पुएर्तो रीको में द्वीप का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा, 15 इंच बारिश से ढक गया. कुछ स्थानों पर 32 इंच तक भी बारिश देखी गई, कहने का मतलब ये है कि बहुत बड़े पैमाने पर बारिश हुई है.
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने इस बीच बताया है कि तूफ़ान – फ़ियोना ने टर्क्स और काइकॉस द्वीपों को भी, मंगलवार को, तृतीय श्रेणी के तूफ़ान के रूप में प्रभावित किया है, जिसके बाद वो बहामास में दाख़िल हुआ और फिर बरमूडा की तरफ़ मुड़ गया.
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने इस बीच बताया है कि तूफ़ान – फ़ियोना ने टर्क्स और काइकॉस द्वीपों को भी, मंगलवार को, तृतीय श्रेणी के तूफ़ान के रूप में प्रभावित किया है, जिसके बाद वो बहामास में दाख़िल हुआ और फिर बरमूडा की तरफ़ मुड़ गया.
एजेंसी के अनुसार, फ़ियोना तूफ़ान ने उससे पहले पुएर्तो रीको और डोमीनिकन गणराज्य में भी भारी प्रभाव छोड़ा है, जिसमें भूस्खलन, सम्पत्तियों को नुक़सान और बड़े पैमाने पर बिजली कटौती शामिल हैं.
एजेंसी ने कहा है कि नवीनतम आकलनों से संकेत मिलता है कि विभिन्न देशों की सरकारें इस स्थिति को संभाल सकती हैं, मगर ख़ासतौर से निम्न स्तर वाले कैरीबियाई द्वीपीय देशों की दीर्घकालीन कमज़ोर स्थिति, वार्षित समुद्री तूफ़ान मौसम को देखते हुए, ध्यान योग्य है.