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ईरान: हिजाब विवाद में महसा अमीनी की मौत की निष्पक्ष व त्वरित जाँच की मांग

ईरान में हिजाब पहने हुए एक लड़की एक दीवार के सामने से गुज़रते हुए जिस पर फ़ारसी भाषा में लिखा है - ईश्वर उन बच्चों को पसन्द करता है जो अपनी नमाज़ आदा करते हैं (फ़ाइल).
UNICEF/Aslan Arfa
ईरान में हिजाब पहने हुए एक लड़की एक दीवार के सामने से गुज़रते हुए जिस पर फ़ारसी भाषा में लिखा है - ईश्वर उन बच्चों को पसन्द करता है जो अपनी नमाज़ आदा करते हैं (फ़ाइल).

ईरान: हिजाब विवाद में महसा अमीनी की मौत की निष्पक्ष व त्वरित जाँच की मांग

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ईरान में एक 22 वर्षीय महिला महसा अमीनी की मौत की कड़ी निन्दा की है. महसा अमीनी को पुलिस ने कथित तौर पर सही तरीक़े से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ़्तार किया था और कुछ दिन बाद पुलिस हिरासत में ही अमीनी की मौत हो गई.

यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने गुरूवार को जारी एक वक्तव्य में कहा है, “हम महसा अमीनी की मौत पर बहुत दुखी और सदमे में हैं.”

उन्होंने कहा है कि महसा अमीनी महिलाओं पर ईरान के दमन व उनके ख़िलाफ़ व्यवस्थागत भेदभाव, व भेदभावपूर्ण परिधान संहिताएँ लागू किये जाने की एक अन्य पीड़ित हैं, जो महिलाओँ को उनकी शारीरिक स्वायत्तता और राय, अभिव्यक्ति व आस्था के अधिकार से वंचित करते हैं.

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घातक बल प्रयोग रोकें

यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ईरानी सुरक्षा बलों द्वारा, देश भर में शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और मानवाधिकार पैरोकारों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा की भी निन्दा की है.

ये प्रदर्शनकारी महसा अमीनी की मौत के लिये जवाबदेही निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं.

यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ईरानी अधिकारियों से आग अनावश्यक हिंसा से बचने और शान्तिपूर्ण सभाओं के लिये पुलिस प्रबन्धन के दौरान घातक बल प्रयोग को रोकने का आग्रह भी किया है.

'नैतिकता पुलिस' द्वारा गिरफ़्तारी

ख़बरों के अनुसार महसा अमीनी को ईरान की नैतिकता पुलिस ने 13 सितम्बर को गिरफ़्तार किया था और उन्हें हिरासत में लेते समय बुरी तरह मारा-पीटा गया था, जिसका ईरानी अधिकारियों ने खंडन किया है.

ईरानी अधिकारियों का दावा है कि महसा अमीनी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.

महसा अमीनी वोज़ारा बन्दी केन्द्र में कथित तौर पर बेहोश हो गई थीं और शुक्रवार, 16 सितम्बर को अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, “हम देश के अधिकारियों द्वारा तैयार अनिवार्य हिजाब नीतियों को लागू करते समय, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा प्रयोग और मूलभूत इनसानी गरिमा से वंचित किये जाने की कड़ी निन्दा करते हैं.”

“हम ईरानी अधिकारियों से, महसा अमीनी की मौत की परिस्थितियों के बारे में एक स्वतंत्र, निष्पक्ष व त्वरित कराए जाने, जाँच के नतीजे सार्वजनिक करने और दोषियों की जवाबदेही निर्धारित करने की मांग करते हैं.”

महिलाओं के लिये एकजुटता

शुक्रवार, 16 सितम्बर के बाद से, देश भर में हज़ारों लोग, युवा महिला महसा अमीनी की मौत के लिये जवाबदेही निर्धारित किये जाने की मांग के साथ, सड़कों पर उतर पड़े हैं. इनमें राजधानी तेहरान, इलम, इसफ़ाहान, करमानशाह, महाबाद, साक़ेज़, सानन्दाज़ और तबरिज़ नामक शहर भी शामिल हैं.

ये प्रदर्शनकारी, ईरान में महिलाओँ के विरुद्ध हिंसा और भेदभाव का ख़ात्मा करने की मांग कर रहे हैं, विशेष रूप से, जबरन बुर्क़ा सम्बन्धी नियमों के ख़िलाफ़.

यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों पर आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग किया गया है, जिनमें ईरानी सुरक्षा बलों ने धातु की गोलियों का भी प्रयोग किया है.

ख़बरों के अनुसार प्रदर्शनों के दौरान कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है जिनमें एक महिला और एक 16 वर्षीय किशोर है. अनेक अन्य लोग घायल भी हुए है और अनेक लोगों को सुरक्षा बलों ने गिरफ़्तार किया है.

मानवाधिकार विशेषज्ञ

विशेष रैपोर्टेयर और स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ, संयुक्त राष्ट्र की विशेष मानवाधिकार प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं. उनकी नियुक्ति जिनीवा स्थिति यूएन मानवाधिकार परिषद, किसी ख़ास मानवाधिकार मुद्दे या किसी देश की स्थिति की जाँच करके रिपोर्ट सौंपने के लिये करती है. ये पद मानद होते हैं और मानवाधिकार विशेषज्ञों को उनके इस कामकाज के लिये, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं मिलता है.

इस वक्तव्य पर दस्तख़त करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों के नाम यहाँ देखे जा सकते हैं.

'अनुमान से परे की आपदा': यूएन वीमैन

यूएन महिला संस्था – यूएन वीमैन ने भी महसा अमीनी की मौत के बारे में, गुरूवार को एक वक्तव्य जारी किया है जिसमें कहा गया है कि किसी युवजन की मृत्यु, विशेष रूप में एक युवा महिला की मौत, अन्दाज़े से भी परे की एक आपदा है. इस पूरे घटनाक्रम के इर्द-गिर्द की परिस्थितियाँ, विशेष चिन्ता का कारण हैं.

संस्था का कहना है कि वैसे तो महसा अमीनी की मौत के कारण व परिस्थितियाँ अभी अस्पष्ट हैं, मगर “जो स्पष्ट है वो ये है कि उन्हें हिरासत में लिया गया था और उनके साथ बिल्कुल मूलभूत अधिकारों के उल्लंघन वाला बर्ताव किया गया. ये घटना दुनिया भर में महिलाओं व लड़कियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को भी रेखांकित करती है.”