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ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ऐलिज़ाबेथ ट्रस ने पहली यूएन महासभा के वार्षिक सत्र के दौरान जनरल डिबेट को सम्बोधित किया.

ब्रिटेन: 2022, आक्रामकता के विरुद्ध आज़ादी की जद्दोजेहद की कहानी है!

UN Photo/Cia Pak
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ऐलिज़ाबेथ ट्रस ने पहली यूएन महासभा के वार्षिक सत्र के दौरान जनरल डिबेट को सम्बोधित किया.

ब्रिटेन: 2022, आक्रामकता के विरुद्ध आज़ादी की जद्दोजेहद की कहानी है!

यूएन मामले

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ऐलिज़ाबेथ ट्रस ने यूएन महासभा के 77वें सत्र की उच्च स्तरीय जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए कहा है कि योरोप में पूर्ण रूप से आक्रामकता भरा युद्ध जारी है. इस पृष्ठभूमि में यूएन महासभा की वार्षिक बैठक भूराजनैतिक युग के एक नए दौर में आयोजित हो रही है, जो ये मांग करता है कि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धान्तों में विश्वास करने वाले पक्ष, इस चुनौती से निपटने के लिये खड़े हों.

ऐलिज़ाबेथ ट्रस ने ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभालने के बाद, पहली बार महासभा को अपने सम्बोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों की रक्षा के लिये लड़ाई लड़नी होगी. 

उन्होंने एक ऐसे ब्लूप्रिंट का प्रस्ताव दिया है, जिससे ब्रिटेन में एक नए दौर का मार्ग प्रशस्त होगा, और दूसरे विश्व युद्ध के स्याह दिनों के बाद से जीवन को निर्धारित करने वाले उन सिद्धान्तों पर मरहम लगाया जा सकेगा, जिन्हें ठेस पहुँची है. 

ब्रिटेन में महारानी ऐलिज़ाबेथ द्वितीय की मौत के बाद एक अध्याय का अन्त हुआ है, और प्रधानमंत्री ट्रस ने उन्हें एक ऐसी शिला बताया जिस पर आधुनिक ब्रिटेन का निर्माण हुआ था.

उन्होंने उम्मीद जताई कि किंग चार्ल्स तृतीय के दौर में एक नया युग, नई साझेदारियों और आशा व प्रगति के लिये नए संकल्प पर आधारित होगा.  

लोकतंत्र व निरंकुशता

ब्रितानी प्रधानमंत्री के अनुसार इस संगठन....और स्वाधीनता के इतिहास में यह एक विभाजनकारी क्षण है.

उन्होंने लोकतंत्र के सिद्धान्तों को रेखांकित करते हुए कहा कि केवल उनके ज़रिये ही आर्थिक विकास व नागरिकों की आकांक्षाओं को साकार किया जा सकता है. 

मगर निरंकुश सत्ताएँ, दीर्घकालीन प्रगति के लिये आवश्यक आकांक्षाओं व सृजनात्मकता के दमन से “अपने पतन के बीज स्वयं ही रोपती हैं.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ब्रिटेन के लिये उनका पहला दीर्घकालिक लक्ष्य, 2.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करना है, ताकि गुणवत्तापरक रोज़गार व सार्वजनिक सेवाओं का वित्त पोषण किया जा सके. 

ब्रितानी प्रधानमंत्री ने साथ ही, अधिक ऊर्जा सहनक्षमता, और ईंधन व खाद्य आपूर्ति के लिये निरकुंश व्यवस्थाओं पर निर्भरता कम करने की हिमायत भी की.

उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को हथियार बनाने की चाह रहने वाले पक्ष, नागरिको को बन्धक ना बना पाएँ.

इस क्रम में, उन्होंने अन्य लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के साथ नई साझेदारियों और नए आर्थिक व सुरक्षा सम्बन्धों के निर्माण पर बल दिया है.

सामूहिक उद्देश्य की शक्ति

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध पर अन्तरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया ने दर्शाया है कि किस तरह त्वरित गति से कूटनैतिक कार्रवाई की जा सकती है और त्वरित सैन्य समर्थन दिया सकता है.

उनके मुताबिक़ यूक्रेन को सम्बल प्रदान करने वाले सामूहिक उद्देश्य की शक्ति को और अधिक समन्वित ढंग से इस्तेमाल किया जाना होगा, ताकि निरकुंश व्यवस्थाओं का विरोध किया जा सके. 

ब्रितानी प्रधानमंत्री ने उदाहरण दिया कि यदि कोई आक्रामक सरकार किसी अर्थव्यवस्था को निशाना बनाती है, तो फिर पीड़ित के समर्थन के लिये क़दम उठाए जाने होंगे.

इस क्रम में उन्होंने ‘आर्थिक NATO’ जैसी व्यवस्था का उल्लेख किया, ताकि सहनक्षमता निर्माण किया जा सके.  

प्रधानमंत्री ट्रस ने कहा कि रूस को कहीं से कोई ख़तरा नहीं है, लेकिन “लोगों को मारने के लिये बर्बर हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. महिलाओं का बलात्कार किया जा रहा है और परिवार तबाह हो रहे हैं.”

उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन द्वारा हाल ही में की गई घोषणा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विनाशकारी विफलताओं को न्यायोचित ठहराने का एक हताश प्रयास है. 

प्रधानमंत्री ट्रस ने कहा कि रूस की आक्रामकता के विरुद्ध एक मज़बूत अन्तरराष्ट्रीय गठबन्धन ने आकार लिया, चूँकि यूक्रेन ना केवल अपने मूल्यों के लिये, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा व मूल्यों की रक्षा कर रहा है.

उनके अनुसार यह समय कार्रवाई करने का है, सभी मोर्चों पर ताकि उद्देश्य की साझा शक्ति को मज़बूत किया जा सके.

ब्रिटेन ने वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत रक्षा मदद में व्यय करने की बात कही है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 को कुछ इस तरह बयान किया जा सकता था कि एक तानाशाह देश ने अपने एक शान्तिपूर्ण पड़ोसी की सीमा में प्रवेश करके, लोगों को अपने आधीन कर लिया. 

इसके बजाय, 2022, आक्रामकता के विरुद्ध आज़ादी की जद्दोजेहद की कहानी है!