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संयुक्त राष्ट्र की खाद्य सहायता एजेंसी - WFP, पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में सहायता पहुँचाने की मुहिम के तहत, बलूचिस्तान प्रान्त में खाद्य वितरण से पहले आकलन में जुटी हुई है.

पाकिस्तान: बाढ़ प्रभावित महिलाओं व लड़कियों को तत्काल स्वास्थ्य सेवाओं की दरकार 

WFP Pakistan
संयुक्त राष्ट्र की खाद्य सहायता एजेंसी - WFP, पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में सहायता पहुँचाने की मुहिम के तहत, बलूचिस्तान प्रान्त में खाद्य वितरण से पहले आकलन में जुटी हुई है.

पाकिस्तान: बाढ़ प्रभावित महिलाओं व लड़कियों को तत्काल स्वास्थ्य सेवाओं की दरकार 

मानवीय सहायता

पाकिस्तान में इस वर्ष जून महीने से मूसलाधार बारिश के कारण अनेक ज़िले भीषण बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और व्यापक पैमाने पर जान-माल की हानि हुई है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने मौजूदा हालात में मातृत्व व बाल स्वास्थ्य के लिये उपजी चुनौतियों पर चिन्ता जताते हुए, महिलाओं व लड़कियों के लिये तत्काल स्वास्थ्य व संरक्षण सेवाएँ सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. 

पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त में हरनाई की निवासी 32 वर्षीय बख़्तनामा ख़ैरुल्लाह ने कहा, "चूँकि बाढ़ ने मेरे गाँव और अस्पताल के बीच की सड़क को क्षतिग्रस्त कर दिया था. मुझे प्रसव पीड़ा में लगभग 35 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा."

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देश का एक तिहाई हिस्सा, मॉनसून के दौरान अभूतपूर्व बारिश की चपेट में आया है, और सबसे पहले प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में बख़्तनामा ख़ैरुल्लाह का इलाक़ा भी था. बख़्तनामा ख़ैरुल्लाह जिस पहाड़ी रास्ते से चल कर गईं, वो इलाक़ा सूखे दिनों में भी जोखिम से भरा है. 

एक महिला के लिये प्रसव पीड़ा के दौरान, बाढ़ के पानी से होकर गुज़रना, उनके जीवन के लिये बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता है.

ख़ैरुल्लाह, हरनाई के प्रसूति अस्पताल में 10 सितम्बर को स्वस्थ जुड़वाँ बच्चों को जन्म देने के बाद फ़िलहाल घर पर स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं, और वो स्वयं को भाग्यशाली मानती हैं. 

अपने साथ बर्बादी लाने वाली बाढ़ और उससे हुए भूस्खलन से 76 लाख लोगों के विस्थापित होने का अनुमान है. कम से कम डेढ़ हज़ार लोगों की मौत हुई है, लाखों लोगों ने अपने घर और अपने परिवारों का भरण-पोषण करने के साधन खो दिये हैं.

बलोचिस्तान और सिन्ध प्रान्तों में एक हज़ार 400 से अधिक स्वास्थ्य केन्द्र क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं, जिनमे वो प्रसूति अस्पताल भी है, जहाँ बख़्तनामा ख़ैरुल्लाह ने अपने बच्चों को जन्म दिया था. 

मातृ व नवजात शिशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर सरमद सईद ख़ान, अस्पताल में यूएन एजेंसी-समर्थित एक परियोजना के तहत सामुदायिक दाइयों के साथ काम करते हैं. 

डॉक्टर ख़ान  का कहना है कि “दाइयाँ इस आपात स्थिति के दौरान मातृत्व देखभाल व प्रजनन सेवाएँ प्रदान करने के लिये दिन-रात काम कर रहीं हैं. ये दाइयाँ अस्पताल में बाढ़ प्रभावित महिलाओं के लिये सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने में बहादुरी से जुटी हैं.”

सबसे भीषण बाढ़

बाढ़ से अब तक तीन करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 64 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है. 

इनमें प्रजनन आयु की 16 लाख से अधिक महिलाएँ हैं, जिनमें लगभग एक लाख 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं को तत्काल स्वास्थ्य सेवाओं की ज़रूरत है. 

मौजूदा संकट के दौरान ही, अगले तीन महीनों में 42 हज़ार से अधिक महिलाएँ माँ बनने वाली हैं.

पाकिस्तान में यूएन जनसंख्या कोष के कार्यवाहक प्रतिनिधि डॉक्टर बख़्तियोर कादिरोफ़ ने आगाह किया, "तत्काल समर्थन और चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच के अभाव में, इन महिलाओं का जीवन ख़तरे में पड़ जाएगा."

बाढ़ की चपटे में आई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं, पानी और बिजली के स्रोत उपयोग करने के लिये असुरक्षित हैं. चिकित्सा आपूर्ति व उपकरण बह गए हैं. 

निर्बल समुदायों का स्वास्थ्य केन्द्रों और अस्पतालों से सम्पर्क कट गया है, और 12 हज़ार किलोमीटर से अधिक सड़कों व दूरस्थ क्षेत्रों को आवश्यक सेवाओं से जोड़ने वाले सैकड़ों पुल टूटने के कारण, आपूर्ति मार्ग अवरुद्ध हैं.

इन परिस्थितियों में कुछ स्थानों पर गर्भवती महिलाओं का इलाज अस्थाई शिविरों में किया जा रहा है. मगर, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और आवश्यक दवाओं व चिकित्सा आपूर्ति तक पहुँच सीमित है.

कईं महिलाएँ और बच्चे अब कुपोषित हैं. वे हैज़ा, मलेरिया और पेचिश जैसी जल-जनित बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें इलाज के लिये घण्टों क़तार में खड़ा रहना पड़ रहा है.

बाढ़ से पहले भी, एशिया में पाकिस्तान की मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक थी, लेकिन इन परिस्थितियों में मातृ मृत्यु दर और अधिक बढ़ने की सम्भावना है, चूँकि महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच सीमित है. साथ ही, देश में कुपोषण, मातृ मृत्यु का एक प्रमुख कारण है.

पाकिस्तान में बाढ़ के पानी से गुज़रती एक लड़की.
UNICEF/Asad Zaidi
पाकिस्तान में बाढ़ के पानी से गुज़रती एक लड़की.

आपात सहायता अभियान का विस्तार 

यूएन एजेंसी ने विस्थापन शिविरों में लोगों तक सहारा पहुँचाने और गम्भीर मामलों को सुगम अस्पतालों में भेजने के लिये एक सचल स्वास्थ्य सेवा की स्थापना की है.

इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टैण्ट अस्पताल व जीवन रक्षक आपूर्ति भी प्रदान की जा रही है ताकि कुशल दाइयों से सहायता और आपातकालीन प्रसूति देखभाल जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ जारी रह सकें.

इस बीच आठ हज़ार से अधिक किट का वितरण शुरू किया गया है, जिसमें स्वच्छता बरतने के लिये साबुन, सैनेट्री पैड सहित साफ़-सफ़ाई के लिये ज़रूरी सामान का ध्यान रखा जा रहा है. 

नवजात शिशुओं के लिये ज़रूरी सामग्री की सात हज़ार किट वितरित की गई हैं. सिन्ध, बलोचिस्तान, ख़ैयबर पख़्तूनख़्वा व पंजाब प्रान्त में सुरक्षित प्रसव सुविधा के लिये छह हज़ार से अधिक किट्स का वितरण किया गया है. 

पाकिस्तान में जुलाई-अगस्त में भारी बढ़ से हुई भीषण तबाही का एक हवाई दृश्य. यूएन महासचिव ने देश के साथ एकजुटता दिखाने के लिये सितम्बर 2022 में बाढ़ प्रभावित कुछ इलाक़ों का दौरा किया.
UN Photo/Eskinder Debebe
पाकिस्तान में जुलाई-अगस्त में भारी बढ़ से हुई भीषण तबाही का एक हवाई दृश्य. यूएन महासचिव ने देश के साथ एकजुटता दिखाने के लिये सितम्बर 2022 में बाढ़ प्रभावित कुछ इलाक़ों का दौरा किया.

लिंग आधारित हिंसा में वृद्धि

महिलाओं और लड़कियों को लिंग आधारित हिंसा की घटनाएँ बढ़ने का भी सामना करना पड़ रहा है.

विस्थापितों के लिये बनाए केन्द्रों और वितरण स्थलों पर यौन उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और शोषण का जोखिम अधिक है, विशेष रूप से उन मामलों में जहाँ काम की तलाश में वयस्कों के बाहर जाने के बाद, लड़कियाँ अकेली रह जातीं हैं.

विस्थापितों को अस्थाई शिविरों में तंग जगह में रहने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है, जहाँ बेहद कम रौशनी होती है. पुरुषों और महिलाओं को अपने घर से दूर स्थित व गन्दगी भरे स्नान-घर साझा करना पड़ते हैं, जिससे हिंसा का जोखिम बढ़ता है. 

लैंगिक भेदभाव, युवा महिलाओं और लड़कियों को बाल विवाह या तस्करी के ख़तरे में धकेलता है. 

यूएन एजेंसी महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा के लिये सुरक्षित स्थान सुनिश्चित किये के समर्थन में है, जिसके लिये और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है.

यूएन जनसंख्या कोष ने पाकिस्तन में ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक सहायता व अतिआवश्यक आपूर्ति पहुँचाने के लिये 80 लाख डॉलर की सहायता धनराशि की अपील की है.

यह लेख पहले यहाँ प्रकाशित हुआ.