अमेरिका: रूस ने 'यूएन चार्टर का बेशर्मी से किया उल्लंघन', यूक्रेन के साथ एकजुटता का आग्रह
अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ़ बाइडेन ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी निन्दा की है. उन्होंने बुधवार को यूएन महासभा के 77वें सत्र के दौरान उच्चस्तरीय जनरल डिबेट में, सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए आगाह किया कि यदि कोई पक्ष बिना नतीजों का सामना किये, साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं के पीछे जाता है, तो फिर इस महान संस्थान के सभी मूल्य जोखिम में पड़ जाएंगे.
राष्ट्रपति बाइडेन ने ध्यान दिलाया कि पिछले एक वर्ष में दुनिया अनगिनत कठिनाइयों को सामना किया है – चरम मौसम घटनाओं से लेकर कोविड-19 महामारी, और भोजन व ईंधन की क़िल्लत तक.
“संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थाई सदस्य ने अपने पड़ोसी पर धावा बोल दिया...एक सम्प्रभु देश को मानचित्र से मिटा देने का प्रयास किया गया.”
उन्होंने कहा कि रूस ने बेशर्मी से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धान्तों का उल्लंघन किया है.
“आज ही, [रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर] पुतिन ने वैश्विक अप्रसार व्यवस्था की लापरवाही से अवहेलना करते हुए योरोप के विरुद्ध खुले तौर पर परमाणु धमकियाँ दी हैं.”
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि रूस अब अपने और ज़्यादा सैनिकों को तैनाती के लिये बुला रहा है और पूर्वी यूक्रेन में पहले से ही क़ाबिज़ इलाक़ों पर आधिपत्य जमाने के लिये एक ढोंग भरे जनमत संग्रह की तैयारी कर रहा है.
‘क्रूर, निरर्थक युद्ध’
“दुनिया को इन कृत्यों को उनके वास्तविक रूप में देखना होगा...किसी ने रूस को धमकी नहीं दी है. रूस यह हिंसक संघर्ष चाहता था. एक व्यक्ति यह क्रूर, बेसिरपैर का युद्ध चाहता था.”
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि सीधे, सरल शब्दों में यह युद्ध, यूक्रेन के एक देश के रूप में और यूक्रेनी नागरिकों के अस्तित्व को ख़त्म कर देने के लिये है.
“आप जहाँ भी हों, आप जहाँ कहीं भी रहें, आपका जो कुछ भी मानना हो...इससे आप को सुन्न हो जाना चाहिये.”
उन्होंने याद किया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस की आक्रामकता की निन्दा की थी, और इस हॉल में 40 से अधिक देशों ने यूक्रेन को अपने समर्थन में अरबों डॉलर का योगदान दिया है.
राष्ट्रपति बाइडेन के अनुसार, उनके देश ने इस आक्रमण के प्रति चेतावनी जारी की थी और युद्ध टालने के लिये भी विशाल प्रयास किये थे.
“आप में से बहुत की तरह, अमेरिका इस युद्ध का अन्त चाहता है और न्यायसंगत शर्तों पर अन्त चाहता है.”
उन्होंने यूएन के सदस्य देशों से आग्रह किया है यूएन चार्टर के सिद्धान्तों को बरक़रार रखने के लिये, स्पष्ट व अटल संकल्प दर्शाए जाने होंगे. यूक्रेन के पास भी अन्य किसी सम्प्रभु राष्ट्र की तरह अधिकार प्राप्त हैं.
“हम रूसी आक्रामकता के विरुद्ध एकजुटता में खड़े हैं, बस...आप किसी अन्य देश के क्षेत्र को बलपूर्वक अपने क़ब्ज़े में नहीं ले सकते.”
लोकतंत्र के समर्थन में
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि अमेरिका, दुनिया भर में लोकतंत्र के समर्थन और रक्षा के प्रयास जारी रखेगा, चूँकि उनका मानना है कि मौजूदा दौर की चुनौतियों से निपटने के लिये ये सबसे बड़ा साधन है.
अमेरिकी नेता ने जी7 समूह और अन्य समान विचारों जैसे देशों के साथ मिलकर काम करने की बात कही है, ताकि यह साबित किया जा सके कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ अपने नागरिकों व विश्व के साथ किये गए वादों को पूरा कर सकती हैं.
मगर, उन्होंने सचेत किया कि यूएन महासभा की बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब यूएन चार्टर, स्थिर अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था के मूल आधार पर उनके द्वारा हमला किया जा रहा है, जो इसे ध्वस्त करना चाहते हैं या फिर अपने लाभ के लिये तोड-मरोड़ना चाहते हैं.
इसके मद्देनज़र, उन्होंने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के सिद्धान्तों के लिये खड़ा रहेगा, और यही दायित्व हर एक सदस्य देश का है.