वैश्विक ख़तरों के बावजूद, 'टिकाऊ विकास प्रतीक्षा नहीं कर सकता है'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और यूएन महासभा के 77वें सत्र के लिये अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने सोमवार को विश्व नेताओं व सदभावना दूतों के साथ मिलकर, एक बेहतर विश्व के निर्माण पर केन्द्रित टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये वैश्विक पुकार लगाई है.
उन्होंने कहा कि ये लक्ष्य हासिल करते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पीछे ना छूटने पाए.
'2022 SDG Moment' नामक इस कार्यक्रम में 2030 एजेण्डा के तहत उन 17 वैश्विक लक्ष्यों और उनकी अहमियत को रेखांकित किया जाता है, जिन पर देशों ने दिसम्बर 2015 में सहमति व्यक्त की थी.
इस वर्ष, यह कार्यक्रम एक ऐसे समय में आयोजित हुआ है जब यूक्रेन में युद्ध और कोविड-19 महामारी के कारण, विश्व भर में महंगाई बढ़ी है और जीवन-व्यापन मुश्किल हुआ है.
विकासशील और निम्न-आय वाले देशों में हालात विशेष रूप से विकट है जहाँ विकास के रास्ते में अवरोध नज़र आ रहे हैं.
महासचिव गुटेरेश ने विश्व नेताओं को बताया, “दुनिया के सामने, उन चीज़ों की एक लम्बी सूची है, जिन्हें पूरा किया जाना होगा.”
इस क्रम में, उन्होंने सार्वजनिक व निजी सैक्टर से बढ़ती आवश्यकताओं के मद्देनज़र, अधिक वित्त पोषण व निवेश किये जाने का आग्रह किया है.
विशाल जोखिम का क्षण
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने आगाह किया कि यह क्षण, विश्व के लिये एक बेहद जोखिम भरा लम्हा है. हिंसक संघर्ष व टकराव, जलवायु बर्बादी, विभाजन, बेरोज़गारी, व्यापक विस्थापन और अन्य चुनौतियों से विश्व के अनेक देश त्रस्त हैं.
महासचिव ने कहा कि इन परिस्थितियों में दीर्घकालिक नीतियों को किनारे पर रख देने का प्रलोभन हो सकता है, मगर विकास प्रतीक्षा नहीं कर सकता है.
“हमारे बच्चों की शिक्षा प्रतीक्षा नहीं कर सकती. गरिमामय रोज़गार प्रतीक्षा नहीं कर सकते. महिलाओं व लड़कियों के लिये पूर्ण समानता प्रतीक्षा नहीं कर सकती.”
“व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल, अर्थपूर्ण जलवायु कार्रवाई, जैवविविधता संरक्षण – इन सभी को कल के लिये नहीं छोड़ा जा सकता है.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन सभी क्षेत्रों में युवजन और भावी पीढ़ी आगे बढ़कर अब कार्रवाई की माँग कर रही है.
महासचिव ने विश्व नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम उन्हें निराश नहीं कर सकते हैं. “यह एक निर्धारक क्षण है...हम जिन जोखिमों का सामना कर रहे हैं, एकजुट विश्व के सामने वे कोई मायने नहीं रखते हैं...आइये, हम दुनिया को पटरी पर ले आएं.’
वैश्विक चुनौतियों के समाधान
यूएन महासभा के 77वें सत्र के लिये अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने, यूएन प्रमुख के शब्दों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि यह सामयिक व आवश्यक है कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये फिर से समर्पण भाव से जुटा जाए.
“वैश्विक महामारी भविष्य से एक पोस्टकार्ड था, आपस में गुंथे हुए वैश्विक संकटों के कारण एक अंधकारमय भविष्य का.”
“एक ऐसा भविष्य जिससे हम बचना चाहते हैं और जिससे हम बच सकते हैं. अब हमें अपनी अकर्मण्यता और महामारी के कारण सुस्त हो गई गति को बढ़ाना होगा. समाधान मौजूद हैं.”
महासभा अध्यक्ष के अनुसार यह समय, विश्व को बचाने के लिये गम्भीर होने का है, और यूएन के सदस्य देशों को अपने वादों को पूरा करना होगा.
सदभावना दूतों की भागीदारी
कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) समर्थक ऐमेण्डा गॉरमैन ने इस अवसर पर अपनी एक रचना को प्रस्तुत किया, जोकि नेताओं की जवाबदेही, निर्धनता के अन्त व पृथ्वी की रक्षा पर केन्द्रित थी.
वहीं, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के पैरोकार और के-पॉप सुपरस्टार ‘ब्लैकपिन्क’ ने अपने एक वीडियो सन्देश में दुनिया से जलवायु परिवर्तन से निपटने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिये कार्रवाई का आहवान किया.
यूनीसेफ़ की सदभावना दूत और भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनास ने इस कार्यक्रम की मेज़बानी की.
उन्होंने प्रतिभागियों को ध्यान दिलाया कि समय बीता जा रहा है, और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की वर्ष 2030 प्राप्ति के लिये तय समयसीमा, में से आधा समय निकल चुका है.
प्रियंका चोपड़ा ने महासभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सभी एक न्यायोचित, सुरक्षित व स्वस्थ विश्व में रहने के हक़दार हैं, और वर्तमान व भविष्य अब आप सभी के हाथों में है.