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यूक्रेन: पूर्वी इलाक़े में सामूहिक क़ब्रों की ख़बरों की जाँच

यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में, ख़ारकीव प्रान्त में, दोनेत्स नदी के किनारे एक शहर - इज़्यूम.
Unsplash/Oleksandr Brovko
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में, ख़ारकीव प्रान्त में, दोनेत्स नदी के किनारे एक शहर - इज़्यूम.

यूक्रेन: पूर्वी इलाक़े में सामूहिक क़ब्रों की ख़बरों की जाँच

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने कहा है कि यूक्रेन के इज़यूम शहर में सामूहिक क़ब्रें पाए जाने की ख़बरों की जाँच, यूएन मानवाधिकार पर्यवेक्षकों से कराई जाएगी.

ये ख़बर यूक्रेन के पूर्वी इलाक़ों के, मौजूदा युद्ध में आज़ाद होने के बाद आई है, जोकि अब से पहले रूस या रुस समर्थित बलों के नियंत्रण थे.

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यूक्रेन के एक पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए बताया गया है कि एक स्थान पर 400 से ज़्यादा शव पाए जाने की ख़बरें सामने आई हैं.

यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को जिनीवा में कहा कि यूक्रेन में पहले से ही मौजूद यूएन जाँचकर्ता ये पड़ताल करेंगे कि जिन लोगों को वहाँ दफ़नाया गया है, वो सैनिक थे या आम नागरिक, और क्या उनकी मौत लड़ाई के दौरान हुई या, प्राकृतिक कारणों से.

मारियूपोल की छाया

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की प्रवक्ता लिज़ थ्रॉसेल ने कहा, “जैसाकि सबको याद होगा, कुछ इसी तरह का मामला मारियूपोल में लड़ाई और उस पर नियंत्रण स्थापित किये जाने के दौरान भी सामने आया था.”

“सामूहिक क़ब्रों की भी ख़बरें थीं; वो भी उसी तरह की ख़बरों का मामला था कि क्या लोगों को मारा गया या उनकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई ,क्योंकि उन्हें उपचार नहीं मिल सका और उन्हें दरअसल सामूहिक क़ब्रों में दफ़नाया गया.”

यूक्रेन पर 24 फ़रवरी को रूस का हमला शुरू होने के बाद से, आम लोगों के ख़िलाफ़ अत्याचारों के अनगिनत आरोप सामने आए हैं.

मई में, यूक्रेन में यूएन मानवाधिकार निगरानी मिशन ने कुछ लोगों के बयान दर्ज किये थे जिनमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने इमारतों की छतों पर तैनात ऐसे बन्दूकधारी देखे थे जो आम लोगों पर अन्धाधुन्ध गोलियाँ चलाते थे, उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने से रोकने के लिये.

और बूचा व राजधानी कीयेव के अन्य उत्तरी क़स्बों में, जहाँ रूसी सैनिक दाख़िल हुए थे, वहाँ संयुक्त राष्ट्र के उन्हीं जाँचकर्ताओं ने 300 से ज़्यादा पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की ग़ैर-क़ानूनी हत्याएँ दर्ज की थीं.

मानवाधिकार निगरानी मिशन की मुखिया मटिल्डा बोगनेर ने मई में जिनीवा में एक प्रैस वार्ता में यूएन न्यूज़ को बताया था कि यूक्रेन के बहुत से लोग अब भी अपने लापता प्रियजनों और मित्रों की तलाश में जुटे हैं – जिनमें बहुत से युवा पुरुष थे.

मटिल्डा बोगनेर ने बताया कि ऐसा लगता है कि कुछ लोगों को बेलारूस और उसके बाद रूस ले जाया गया है.