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इस उथल-पुथल भरे दौर में, संयुक्त राष्ट्र का काम और भी अहम, गुटेरेश

यूक्रेन में एक माँ और बच्चा, एक ट्रेन में सफ़र करते हुए.
© UNICEF/Giovanni Diffidenti
यूक्रेन में एक माँ और बच्चा, एक ट्रेन में सफ़र करते हुए.

इस उथल-पुथल भरे दौर में, संयुक्त राष्ट्र का काम और भी अहम, गुटेरेश

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन में युद्ध, और गहराते जलवायु संकट का ज़िक्र करते हुए कहा है कि बीत वर्ष गहरे और आपस में गुँथे हुए संकटों में से एक रहा है जिसका दायरा व गम्भीरता लगातार बढ़ रहे हैं.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कामकाज पर गुरूवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि सीमाओं से भी परे अपना दायरा फैलाने वाली इन चुनौतियों ने संयुक्त राष्ट्र के कामकाज को, अभूतपूर्व रूप से प्रासंगिक व अहम बना दिया है.

यूएन प्रमुख ने यूएन महासभा के 77वें सत्र के मौक़े पर अगले सप्ताह विश्व नेताओं के आगमन के मौक़े पर जारी इस वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि महामारी अब भी मौजूद है और, निम्न आय वाले देशों में 20 प्रतिशत से भी कम आबादी का टीकाकरण हुआ है, इसलिये पुनर्बहाली विषम है.

उससे भी ज़्यादा, यूक्रेन में युद्ध ने देश के भीतर व अन्य देशों में लाखों लोगों के लिये मायूसी और तकलीफ़ें पैदा की हैं और दुनिया भर में जलवायु संकट के प्रभावों व लम्बे समय से चली आ रही असमानताओं को और ज़्यादा बढ़ा दिया है.

संयु्क्त राष्ट्र के कामकाज पर, यूएन प्रमुख की वार्षिक रिपोर्ट - 2022
United Nations
संयु्क्त राष्ट्र के कामकाज पर, यूएन प्रमुख की वार्षिक रिपोर्ट - 2022

एंतोनियो गुटेरेश ने इस सबका ज़िक्र करते हुए रिपोर्ट की प्रस्तावना में ज़ोर दिया कि पूरे वर्ष 2021 के दौरान संयुक्त राष्ट्र ने अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व एकजुटता के मंच के रूप में काम किया, हितधारकों की बैठकें आयोजित कीं, और निर्धनता कम करने, जलवायु परिवर्तन का सामना करने और ऊर्जा व डिजिटल परिवर्तन, और खाद्य प्रणालियों में सुधार के लिये वैश्विक पैरोकारी और सहयोग में जान फूँकी.

यूएन प्रमुख का कहना है, “हमने पूरे संयुक्त राष्ट्र में सामूहिक रूप में नीति विकल्प और समाधान पेश किये, रणनीतियों को आकार देने में मदद की और अग्रिम मोर्चों पर तैनात लोगों और हाशिये पर धकेल दिये गए लोगों की आवाज़ों को बुलन्द किया.”

हमारा साझा एजेंडा

यूएन महासचिव ने कहा कि हमारा साझा एजेंडा पर ऐतिहासिक रिपोर्ट के ज़रिये, संगठन ने एक ज़्यादा समान, सहनशील और टिकाऊ विश्व बनाने के लिये, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरों पर समाधानों के प्रस्ताव पेश किये और दीर्घकालीन सिफ़ारिशें आगे बढ़ाईं.

ऐसी दुनिया का आधार 2030 के टिकाऊ विकास एजेंडा और टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) पर आधारित होगा, जिनमें मानवाधिकार भी महत्वपूर्ण होंगे.

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सामाजिक समरसता और एकजुटता मज़बूत करने, संकटों की रोकथाम व प्रबन्धन और सुरक्षा के लिये जारी और नए जोखिमों का सामना करने के तरीक़ों पर प्रस्ताव शामिल हैं.

“सदस्य देशों ने जवाब में कुछ ऐसे प्रस्तावों को मंज़ूरी दी है जिन्हें तत्काल आगे बढ़ाया जा सकता है...”

टिकाऊ विकास का 2030 एजेण्डा, सर्वजन के लिये एक बेहतर व टिकाऊ भविष्य प्राप्ति का ब्लूप्रिंट है.
© UNDP
टिकाऊ विकास का 2030 एजेण्डा, सर्वजन के लिये एक बेहतर व टिकाऊ भविष्य प्राप्ति का ब्लूप्रिंट है.

शान्ति व सुरक्षा पर भारी दबाव

यूएन प्रमुख ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा ढाँचा, भारी दबाव में है और इस दबाव में हाल ही में यूक्रेन में छिड़े युद्ध के कारण और भी इज़ाफ़ा हुआ है.

उससे भी ज़्यादा रूप बदलते जोखिमों, भूरणनैतिक प्रतिस्पर्धा और व्यवस्थागत विषमताओं के विध्वंसकारी परिणाम हो रहे हैं, और ऐसा केवल हिंसा में फँसे लोगों के लिये ही नहीं हो रहा है.

“संयुक्त राष्ट्र ने लड़ाई-झगड़ों की रोकथाम, उनके प्रभावों को कम करने, उनके प्रबन्धन और समाधानों के लिये, आम लोगों की सुरक्षा, महिलाओं व बच्चों के सामने दरपेश जोखिमों का मुक़ाबला करने और संघर्षों से बाहर निकलने के रास्ते बनाने के लिये अनेक तरीक़ों का इस्तेमाल किया.”

यूएन प्रमुख ने इस सम्बन्ध में यमन का उदाहरण दिया जहाँ अप्रैल 2022 में दो महीने का एक युद्ध विराम समझौता लागू हुआ था जिसे लगातार बढ़ाया जाता रहा और इस समझौते ने पूरे देश में हिंसा में कमी की है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद से ही संयुक्त राष्ट्र, देश की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का, यूएन चार्टर के अनुरूप समर्थन करता रहा है.

उनका कहना है कि संयुक्त राष्ट्र ने, वैश्विक खाद्य संकट का समाधान निकालने के प्रयासों के तहत, अनाज व अन्य खाद्य सामग्रियों, और उर्वरकों के निर्बाध निर्यात को आसान बनाने के लिये भी संवाद का सहारा लिया. इसके फलस्वरूप, 22 जुलाई 2022 को काला सागर अनाज निर्यात समझौता वजूद में आया जिस पर, संयुक्त राष्ट्र के समर्थन के साथ-साथ यूक्रेन, रूसी महासंघ और तुर्कीये ने हस्ताक्षर किये.

यूक्रेन संकट पर, यूएन सुरक्षा परिषद की देर रात आपात बैठक
© UN Photo/Mark Garten
यूक्रेन संकट पर, यूएन सुरक्षा परिषद की देर रात आपात बैठक

संयुक्त राष्ट्र का काम पहले से कहीं ज़्यादा अहम

यूएन प्रमुख ने कहा कि ये विश्व संगठन अपने तमाम प्रयासों में यूएन चार्टर, मानवाधिकार ढाँचों, टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) और अन्य ऐसे अन्तरराष्ट्रीय सहमत संकल्पों से दिशा-निर्देशित होता है जो सर्वजन के लिये एक टिकाऊ, शान्तिपूर्ण व समावेशी भविष्य और ख़ुशहाली पर लक्षित है, जो प्रकृति के साथ सुलह-सफ़ाई पर आधारित हो, और जिसमें कोई भी पीछे ना छूट जाए.

उन्होंने कहा, “इस उथल-पुथल भरे दौर में, संयुक्त राष्ट्र का काम, पहले से कहीं ज़्यादा अहम है. हम दरअसल ये भी समझते हैं कि संकटों के लिये प्रक्रियात्मक रुख़, दुनिया के लोगों की उम्मीदों पर नाकाम हो रहा है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने भविष्य के सन्दर्भ में ज़ोर देकर कहा कि अगले वर्ष के दौरान, “हम सहनशीलता का निर्माण करने और तकलीफ़ें कम करने के लिये काम करना जारी रखेंगे, साथ ही संकटों की रोकथाम, जोखिमों का प्रबन्धन और सर्वजन के ये एक टिकाऊ विकास निर्माण की ख़ातिर, ‘हमारा साझा एजेंडा’ पर रिपोर्ट में वर्णित दीर्घकालीन रणनीतियों पर भी अमल जारी रहेगा.”