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लोकतांत्रिक समाज के लिये मीडिया स्वतंत्रता की रक्षा किया जाना अहम

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में अफ़ग़ान राष्ट्रीय पत्रकार दिवस (मार्च 2019) के मौक़े पर वहाँ पत्रकारों के प्रति एकजुटता जताने के लिए एकत्रित मीडियाकर्मी.
UNAMA/Fardin Waezi
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में अफ़ग़ान राष्ट्रीय पत्रकार दिवस (मार्च 2019) के मौक़े पर वहाँ पत्रकारों के प्रति एकजुटता जताने के लिए एकत्रित मीडियाकर्मी.

लोकतांत्रिक समाज के लिये मीडिया स्वतंत्रता की रक्षा किया जाना अहम

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार, 15 सितम्बर, को ‘अन्तरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ के अवसर पर स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं बहुलवादी मीडिया को लोकतांत्रिक समाजों की आधारशिला बताया है. उन्होंने अपने वीडियो सन्देश में ये भी कहा है कि दुनिया भर में लोकतंत्र कमज़ोर हो रहा है.

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इस वर्ष, अन्तरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर लोकतंत्र, शान्ति और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मीडिया स्वतंत्रता की अहमियत पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

उन्होंने इस स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने और सभी लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिये एकजुटता पर बल दिया है. 

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने सचेत किया कि वर्ष 2022 में अन्तरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की 15वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है.  

“फिर भी दुनिया भर में लोकतंत्र पीछे खिसक रहा है. नागरिक स्थान सिकुड़ते जा रहे हैं. अविश्वास व दुष्प्रचार बढ़ रहा है.”

उन्होंने आगाह किया कि ध्रुवीकरण से लोकतांत्रिक संस्थाएँ कमज़ोर पड़ रही हैं, और इसलिये यह ख़तरे की घंटी बजाने का समय है.

महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि लोकतंत्र, विकास और मानवाधिकार, परस्पर आश्रित हैं व एक-दूसरे को मज़बूती देते हैं.

“यह समय - समानता, समावेश और एकजुटता के लोकतांत्रिक सिद्धान्तों के लिये आवाज़ बुलन्द करने का है.”

"और उन लोगों के साथ खड़े होने का, जो क़ानून के शासन को लागू करने का प्रयास करते हैं और निर्णयों में पूर्ण भागीदारी को बढ़ावा देते हैं."

महासचिव ने कहा कि इस वर्ष लोकतांत्रिक समाजों की आधारशिला - स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं बहुलवादी मीडिया पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

मीडिया पर हमले चिन्ताजनक

उन्होंने चिन्ता जताई कि पत्रकारों की आवाज़ दबाने की कोशिशें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं.

“मौखिक हमलों से लेकर ऑनलाइन निगरानी एवं क़ानूनी उत्पीड़न तक – ख़ासतौर पर महिला पत्रकारों के विरुद्ध.”

मीडिया कर्मियों को सेंसरशिप, नज़रबन्दी, शारीरिक हिंसा और यहाँ तक ​​कि हत्याओं का सामना करना पड़ता है – जिनमें अपराधी, अक्सर दंड पाने से बच जाते हैं.

"ऐसे अन्धेरे रास्ते अनिवार्य रूप से अस्थिरता, अन्याय और बदतर स्थिति की ओर ले जाते हैं."

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि स्वतंत्र प्रेस के बिना लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना आज़ादी का कोई मतलब नहीं है.

इसके मद्देनज़र उन्होंने लोकतंत्र दिवस पर और हर दिन, स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने और सभी लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिये, हर जगह एकजुटता दर्शाए जाने का आहवान किया है.