यूएन महासभा के 77वें सत्र का उदघाटन - एकजुटता, सततता, विज्ञान पर बल
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 77वाँ सत्र मंगलवार को आरम्भ हुआ है, और इस अवसर पर महासभा के नए अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने विश्व नेताओं से, यूक्रेन में युद्ध समेत मानवता के समक्ष मौजूद सबसे कठिन चुनौतियों से निपटने का आग्रह किया है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गहरी दरारों को दूर करने के लिये, एक साथ मिलकर काम करने और पुल निर्माण की ज़रूरत होगी.
यूएन महासभा प्रमुख ने सचेत किया कि दुनिया अनिश्चितताओं में घिरी है और भूराजनैतिक दरारें चौड़ी हो रही हैं.
कसाबा कोरोसी ने प्रतिनिधियों को ध्यान दिलाया कि युद्ध व विध्वंस की राख के ढेर से ही संयुक्त राष्ट्र का सृजन हुआ था, और उसका उद्देश्य समाधानों को ढूंढना था.
“मानवता के समक्ष मौजूद सबसे कठिन चुनौतियों से निपटने के लिये यह ज़रूरी है कि हम एक साथ मिलकर काम करें, और एक समावेशी, आपस में गुँथे हुए और कारगर बहुपक्षवाद में ऊर्जा भरें; और उन चीज़ों पर ध्यान केन्द्रित करें, जोकि हमें जोड़ती हैं.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन में युद्ध को रोका जाना होगा जोकि, लोगों, विकास, प्रकृति और लाखों लोगों की जान जाने के लिये ज़िम्मेदार है.
कसाबा कोरोसी ने आगाह किया कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल किये जाने का जोखिम, अतीत के 40 वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है.
उनके अनुसार यह ख़तरे भरी वास्तविकता, हम सभी से निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर एकजुट होने का आहवान करती है.
पर्यावरण पर संकट
महासभा अध्यक्ष ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि गर्माती पृथ्वी के कारण, हिंसक संघर्ष के हालात बद से बदतर हो जाएंगे, जल संकट एक बड़े जोखिम के रूप में पनपेगा और प्राकृतिक संसाधनों की तंगी बढ़ेगी.
कसाबा कोरोसी ने स्पष्ट किया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद अब कामकाज के पुराने ढर्रों पर नहीं लौटा जा सकता है.
हंगरी के राजनयिक ने कहा कि वैश्विक महामारी अब पहले की तुलना में संभल चुकी है, लेकिन अब भी यह स्वास्थ्य चुनौती के रूप में बरक़रार है.
साथ ही, हाल के समय में पनपी खाद्य असुरक्षा, बढ़ती ऊर्जा क़ीमतों, रिकॉर्ड तोड़ मुद्रास्फीति और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आए व्यवधानों से हालात और विकट हुए हैं.
विज्ञान, एक मार्गदर्शक
कसाबा कोरोसी के अनुसार बेहतर नतीजों के लिये यह ज़रूरी है कि रूपान्तरकारी बदलाव सुनिश्चित किया जाएँ.
“हम कायापलट कर देने वाले इन बदलावों की रूपरेखा को पहले से ही जानते हैं. टिकाऊ विकास के लिये 2030 एजेंडा, सेंडाई फ़्रेमवर्क, पैरिस समझौता, और हमारा साझा एजेंडा, हमें सही रास्ते की ओर ले जाते हैं.”
उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में उनका ध्यान समाधानों को एकजुटता, सततता व विज्ञान के ज़रिये आगे बढ़ाने पर होगा, और इस क्रम में, निर्णय को आकार देने वाले यूएन मंच में विज्ञान की भूमिका को मज़बूत किया जाएगा.
साझा प्रयासों पर बल
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन महासभा के 77वें सत्र के लिये अध्यक्ष कसाबा कोरोसी का स्वागत किया.
हंगरी के राजदूत कसाबा कोरोसी ने एकजुटता, सततता व विज्ञान के माध्यम से, वैश्विक चुनौतियों के समाधान तलाश करने की मंशा प्रकट की है, जोकि महासभा के 77वें सत्र के दिग्दर्शक भी होंगे.
महासचिव गुटेरेश ने कहा, “साझा चुनौतियों से निपटने और एक बेहतर, ज़्यादा शान्तिपूर्ण भविष्य के लिये समाधान विकसित करने में ये तीनों घटक अति-आवश्यक हैं.”
यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि महासभा के 76वें सत्र को निर्धारित करने वाली अनेक चुनौतियाँ, 77वें सत्र के दौरान भी हमारे सामने मौजूद हैं.
“शान्ति, मानवाधिकारों और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के हमारे कार्य में, हम जोखिमों से घिरी दुनिया को देखते हैं.”
उन्होंने हिंसक संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, दरकती वैश्विक वित्तीय प्रणाली, निर्धनता, विषमता, भूख, विभाजन व अविश्वास समेत अन्य वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख किया.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि साझा चुनौतियों से निपटने के लिये निरन्तर एकजुटता की आवश्यकता होगी, और इस कार्य में संगठन में निहित सम्भावनाओं व उसके वादे का समर्थन होगा.