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यूक्रेन: युद्ध में 14 हज़ार से अधिक लोग हताहत, वास्तविक संख्या अधिक होने की आशंका

15 वर्षीय ऐरीना इरपिन में अपने स्कूल के पास खड़ी हैं, जोकि मार्च 2022 में भीषण बमबारी की चपेट में आया था.
© UNICEF
15 वर्षीय ऐरीना इरपिन में अपने स्कूल के पास खड़ी हैं, जोकि मार्च 2022 में भीषण बमबारी की चपेट में आया था.

यूक्रेन: युद्ध में 14 हज़ार से अधिक लोग हताहत, वास्तविक संख्या अधिक होने की आशंका

मानवाधिकार

यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन की प्रमुख ने कहा है कि यूक्रेन में हिंसक युद्ध में अब तक 5 हज़ार 800 लोगों की मौत हो चुकी है और रूस के नियंत्रण वाले इलाक़ों में युद्धबन्दियों के लिये परिस्थितियाँ बेहद चिन्ताजनक हैं.  

यूएन मिशन की प्रमुख मातिल्दा बोगनर ने, अपनी पड़ताल के बाद तैयार की गई नई रिपोर्ट शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकरों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए यह बात कही है.

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यूक्रेन में युद्ध अब सातवें महीने में प्रवेश कर रहा है और यूएन टीम ने 14 हज़ार 59 आम लोगों के हताहत होने की जानकारी जुटाई है.

इनमें से 5 हज़ार 767 लोगों की मौत हुई है और 8 हज़ार 292 लोग घायल हुए हैं.

“जैसाकि हमने बार-बार कहा है कि, हम जानते हैं कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की सम्भावना है.”

मातिल्दा बोगनेर ने दक्षिणी यूक्रेन मे ओडेसा शहर से यह जानकारी दी है.

यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में सरकारी सुरक्षा बलों और अलगाववादियों के बीच लड़ाई की शुरुआत के बाद से, यूएन मानवाधिकार निगरानी मिशन की वर्ष 2014 से देश में उपस्थिति रही है.

यूएन मिशन की यह नई रिपोर्ट 27 सितम्बर को जारी की जाएगी.

रिपोर्ट में मनमाने ढंग से हिरासत में लिये गए और रूसी क़ब्ज़े वाले इलाक़े से जबरन गुमशुदगी के 416 पीड़ितों की पुष्टि की गई है.

इनमें से 16 लोगों के शव बरामद हुए जबकि 166 लोगों को रिहा कर दिया गया.

इस बीच, मनमाने ढंग से गिरफ़्तार में लिये जाने के 51 मामलों और जबरन गुमशुदगी के 30 से अधिक मामलों के लिये, यूक्रेन की क़ानून एजेंसियों को ज़िम्मेदार बताया गया है.

यूएन मिशन ने युद्धबन्दियों के अधिकारों के हनन पर भी जानकारी एकत्र की है.

यूक्रेन के नियंत्रण वाले इलाक़ों में स्थित हिरासत केन्द्रों में यूएन मिशन को बिना किसी अवरोध के जाने की अनुमति दी गई थी, मगर रूस ने अपने क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में यह अनुमति नहीं दी है.

मिशन ने पूछताछ के दौरान युद्धबन्दियों को यातना दिये जाने और उनके साथ बुरा बर्ताव किये जाने के मामलों में भी जानकारी जुटाई है.

ज़ैपरोझझिया परमाणु केन्द्र पर जोखिम

इस बीच, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने शुक्रवार को आगाह किया है कि यूक्रेन के ऐनेहोडर शहर में गोलाबारी से शहर के ऊर्जा संयंत्र को क्षति पहुँची है, जिससे ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिये जोखिम पैदा हो गया है.  

गोलाबारी के कारण शहर में बिजली आपूर्ति के लिये बुनियादी ढाँचा ध्वस्त हो गया है, जिससे आसपास का इलाक़ा अन्धकार में डूब गया है और परमाणु केन्द्र के लिये ख़तरा उत्पन्न हो गया है.

ऐनेहोडर शहर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र के संचालक और उनके परिवार रहते हैं, जहाँ अब जल आपूर्ति, बिजली और निकासी व्यवस्था ठप है.

यूएन परमाणु एजेंसी के महानिदेशक ने कहा है कि गोलाबारी बढ़ने और जारी रहने की वजह से, ऊर्जा संयंत्र के लिये भरोसेमन्द बिजली आपूर्ति की पुनर्व्यवस्था कर पाने की सम्भावना कम है.

इसके परिणामस्वरूप, यूक्रेन इस बात पर विचार कर रहा है कि संयंत्र के एकमात्र संचालित रिएक्टर को बन्द कर दिया जाए.  

इसके बाद, पूरा संयंत्र बचाव व परमाणु सुरक्षा प्रयासों के लिये केवल आपात डीज़ल जनरेटर पर पूरी तरह से निर्भर होगा, जोकि ख़तरनाक हो रहा है.

यूक्रेन के ज़ैपोरिझिझिया में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र.
Ⓒ IAEA
यूक्रेन के ज़ैपोरिझिझिया में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र.

सुरक्षा ज़ोन पर बल

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि संयंत्र पर तैनात विशेषज्ञों ने उन्हें हालात के बारे में जानकारी दी है. यूक्रेन में युद्ध के शुरुआती दिनों से ही यह संयंत्र रूसी सैन्य बलों के नियंत्रण में रहा है.

उन्होंने कहा कि ऐनेहोडर में हालात गम्भीर होते जा रहे हैं और इसका अर्थ यह है कि केन्द्र पर अति-आवश्यक कर्मचारियों की उपलब्धता पर असर होने का जोखिम है. ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के सुरक्षित संचालन के लिये उनकी मौजूदगी बेहद ज़रूरी है.

यूएन एजेंसी महानिदेशक ने पूरे इलाक़े में तत्काल सभी प्रकार की गोलाबारी रोके जाने का आग्रह किया है.

उन्होंने सचेत किया कि यह नाटकीय घटनाक्रम, परमाणु सुरक्षा व बचाव के लिये अब एक संरक्षण ज़ोन स्थापित किये जाने की अनिवार्यता को दर्शाता है.

“यही ये सुनिश्चित करने का एकमात्रा रास्ता है कि हम किसी प्रकार के परमाणु हादसे का सामना ना करें.”