शिक्षा संरक्षण दिवस: स्कूलों को ‘शान्ति व शिक्षा’ के स्थल बने रहने देने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा संरक्षण दिवस पर ज़ोर देते हुए कहा है कि शिक्षा एक मूलभूत मानवाधिकार है और “शान्ति व टिकाऊ विकास की प्राप्ति के लिये एक अनिवार्य उत्प्रेरक भी है.”
यूएन प्रमुख ने इस दिवस पर जारी एक वक्तव्य में कहा है, “दुर्भाग्य की बात है कि ये अधिकार लगातार हमलों की चपेट में है, विशेष रूप से युद्ध व संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में.”
🏫Schools are #NotATarget🚫 If children miss education, they miss childhood. Today, on the International Day to #ProtectEducationFromAttack, we call for support to ensure schools and education facilities remain safe places for girls and boys to learn #EducationUnderAttack pic.twitter.com/fwMu0nL5R7
UNICEF_EU
“शिक्षा स्थलों को, शान्ति व सीखने के स्थान बने रहना होगा.”
शिक्षा पर हमले तुरन्त बन्द हों
हमलों से शिक्षा के संरक्षण के लिये वैश्विक गठबन्धन ने, वर्ष 2020 और 2021 में, शिक्षा स्थलों पर हमलों के 5 हज़ार मामले दर्ज किये, जिनमें स्कूलों और विश्वविद्यालयों का सैन्य प्रयोग किये जाने के मामले भी शामिल थे.
और 9 हज़ार से ज़्यादा छात्र व शिक्षक मारे गए, उनका अपहरण किया गया, या उन्हें मनमाने तरीक़े से गिरफ़्तार किया गया, कुछ घायल हुए, और उनमें बहुसंख्या महिलाओं व लड़कियों की थी.
यूएन प्रमुख ने कहा, “इस तरह के हमले निर्बल हालात वाले लाखों शिक्षार्थियों को शिक्षा तक पहुँच से वंचित करते हैं और यौन हिंसा व हथियारबन्द गुटों द्वारा लड़ाई के लिये बच्चों की भर्ती किये जाने का जोखिम बढ़ाते हैं.”
सुरक्षित शिक्षा के लिये एकता
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अनेक देशों द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के संरक्षण के लिये उठाए गए क़दमों का स्वागत किया और “तमाम सदस्य देशों से, सुरक्षित स्कूल घोषणा की स्वीकृति व क्रियान्वयन” का भी आग्रह किया.
शीर्ष यूएन अधिकारी ने कहा, “अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून की ज़िम्मेदारियों का सम्मान किया जाना होगा. हमें तमाम हमलों की निगरानी व जाँच करनी होगी और ज़िम्मेदारों की जवाबदेही निर्धारित करनी होगी.”
यूएन प्रमुख ने यह दिवस मनाए जाने के अवसर और आगामी 16 से 19 सितम्बर तक, यूएन मुख्यालय में आयोजित होने वाले शिक्षा परिवर्तन सम्मेलन के मौक़े पर, सभी को, सर्वजन के लिये सुरक्षित शिक्षा की गारंटी की ख़ातिर, एकजुट होकर काम करने के लिये भी प्रोत्साहित किया.
जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत
यूएन महासभा ने सर्वसम्मति से इस दिवस की स्थापना करते हुए, यूनेस्को और यूनीसेफ़ से, युद्ध प्रभावित देशों में रहने वाले करोड़ों बच्चों की तकलीफ़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आहवान किया था.
महासभा ने इस आशय के प्रस्ताव में पुष्टि की कि तमाम शिक्षार्थियों को संरक्षण मुहैया कराने, और सभी स्तरों पर, समावेशी व गुणवत्ता वाली समान शिक्षा सुनिश्चित करने की प्राथमिक ज़िम्मेदारी, देशों की सरकारों पर ही है. इनमें मुख्य रूप से निर्बल परिस्थितियों वाले शिक्षार्थी भी शामिल हैं.
कुछ अहम तथ्य
शिक्षा पर हमलों और स्कूलों के सैन्य प्रयोग के मामलों में, वर्ष 2019 की तुलना में, 2020 में एक तिहाई बढ़ोत्तरी हुई, और वर्ष 2021 में भी यही स्तर जारी रहा.
प्रतिदिन, शिक्षा पर छह हमलों व स्कूलों और शिक्षा स्थलों के सैन्य प्रयोग के छह मामले होते हैं.
इस अवधि में, शिक्षा पर हमलों के तमाम मामलों में से, लगभग 20 प्रतिशत विस्फोटक हथियारों का भी प्रयोग किया गया.