विस्थापन, वैश्विक व आम जन की सुरक्षा, यूक्रेन युद्ध की बड़ी चुनौतियाँ

संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए बताया कि यूक्रेन में जारी युद्ध में अब तक पाँच हज़ार 718 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 372 बच्चे हैं.
उन्होंने कहा कि ये केवल वो संख्याएँ हैं, जिनकी पुष्टि हो पाई है और इसलिये मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.
All wars are tragic, but none more than wars of choice. The disturbing allegations of forced displacement and abuse in "filtration" camps in #Ukraine must be investigated. We need peace in Ukraine, peace based on the @UN Charter and international law. https://t.co/JVE3epY1x5
DicarloRosemary
युद्ध के कारण देश में विशाल स्तर पर विस्थापन भी हुआ है और अब तक 69 लाख लोग घरेलू विस्थापन का शिकार हुए हैं.
वहीं योरोपीय देशों में यूक्रेनी शरणार्थियों की संख्या 70 लाख को पार कर गई है, जबकि दो सप्ताह पहले तक यह संख्या 67 लाख थी.
यूएन अवर महासचिव ने कहा, “अधिकांश नए विस्थापित लोग, पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन से निकल रहे हैं.”
इन शरणार्थियों में आधी आबादी यूक्रेनी महिलाओं की है, जिन्हें असुरक्षा, यौन व लिंग-आधारित हिंसा, तस्करी, शोषण व दुर्व्यवहार जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है.
रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि इस बेतुके युद्ध को रोक पाने में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की विफलता के बीच, इसके भयावह दुष्परिणामों का, सटीकता से आलेखन किया जाना ज़रूरी है.
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन के आम नागरिकों के समक्ष उपजी विकराल चुनौतियों के मद्देनज़र अपने सहायता प्रयास जारी रखे हैं.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने स्वास्थ्य, शिक्षा सुलभता, आजीविका, खाद्य सुरक्षा और निर्धनता व मानव विकास के स्तर पर युद्ध के प्रभाव की समीक्षा की है.
इस आकलन के नतीजे इस वर्ष दिसम्बर महीने तक सार्वजनिक किये जाने की सम्भावना है.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत प्रयासों का दायरा व स्तर निरन्तर बढ़ा है और अब एक करोड़ 27 लाख लोगों तक राहत पहुँचाई जा रही है.
बताया गया है कि 560 मानवीय सहायता संगठन अब देश भर में सक्रिय हैं और हज़ारों यूक्रेनी स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं के प्रयासों को मज़बूती दे रहे हैं.
यूएन अवर महासचिव ने भोजन और उर्वरक की क़िल्लत का उल्लेख करते हुए चिन्ता जताई कि पहले से ही जलवायु परिवर्तन, सूखे और अस्थिरता से पीड़ित देशों के लिये हालात और भी चुनौतीपूर्ण हो गए हैं.
सोमालिया में अभूतपूर्व सूखे के कारण हज़ारों लोगों पर मौत का साया मंडरा रहा है और यूक्रेन में युद्ध ने परिस्थितियों को और भी अधिक गम्भीर बना दिया है.
इस बीच, काला सागर अनाज निर्यात पहल के ज़रिये यूक्रेन से खाद्य निर्यात कर पाने में सफलता मिली है, जिससे उम्मीद की किरण जागी है.
“1 अगस्त से अब तक, यूक्रेनी बन्दरगाह से 100 जहाज़ रवाना हो चुके हैं, जिनमें 23 लाख मीट्रिक टन अनाज, तीन महाद्वीपों की ओर गया है. इनमें 30 फ़ीसदी निम्न- और निम्नतर-मध्य आय वाले देश हैं.”
विश्व भर में, खाद्य वस्तुओं की क़ीमतें अब भी अपने बढ़े हुए स्तर पर हैं, आगामी दिनों में इससे क़ीमतों में कमी लाने में मदद मिलने की आशा है.
राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों की यूएन प्रमुख ने यूक्रेन के ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की ओर ध्यान आकृष्ट किया है, जहाँ सैन्य गतिविधियों से बड़ी त्रासदी घटित होने की आशंका व्यक्त की गई है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस परमाणु केन्द्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एकमात्र रास्ता, यहाँ से सैन्य बलों को हटाना है.
आने वाले दिनों में, ओलेनिवका में तथ्यों की पड़ताल के लिये एक मिशन वहाँ भेजे जाने की योजना है, जिसका दायित्व 29 जुलाई को हुई एक घटना की जाँच करना होगा.
इस घटना में 53 यूक्रेनी युद्धबन्दियों की मौत हो गई थी और 75 से 130 घायल हुए थे.
अवर महासचिव ने स्पष्ट किया कि मिशन को बिना किसी हस्तक्षेप के काम करने की अनुमति दी जानी होगी और लोगों, स्थानों व तथ्यों तक सुरक्षित व निर्बाध पहुँच सुनिश्चित करनी होगी.