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अफ़ग़ानिस्तान: काबुल में रूसी दूतावास के बाहर हुए हमले की कठोर निन्दा

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक दृश्य. यह तस्वीर जून 2020 की है.
ADB/Jawad Jalali
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक दृश्य. यह तस्वीर जून 2020 की है.

अफ़ग़ानिस्तान: काबुल में रूसी दूतावास के बाहर हुए हमले की कठोर निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को रूसी महासंघ के दूतावास के नज़दीक हुए हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की है. इस घटना में कम से कम छह लोगों की मौत होने औऱ अनेक अन्य के हताहत होने की ख़बर है.

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समाचार माध्यमों के अनुसार, इस आत्मघाती हमले में रूसी दूतावास के दो कर्मचारियों समेत कुल छह लोगों की मौत हुई है.  

बताया गया है कि हमलवार, रूसी दूतावास के कौंसुलर विभाग के प्रवेश द्वार की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहा था, जब सुरक्षाकर्मियों ने उस पर गोलियाँ चला दीं जिसमें उसकी मौत हो गई.

महासचिव गुटेरेश ने दोहराया है कि राजनयिक मिशन समेत नागरिक और नागरिक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध हमलों पर अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून के अन्तर्गत सख़्त पाबन्दी है.

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) ने भी काबुल में रूसी दूतावास के बाहर हुए इस हमले की निन्दा की है.

“हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी सम्वेदना प्रकट करते हैं और घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं.”

यूएन मिशन ने दोहराया है कि देश में आम नागरिकों व राजनयिक मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने के लिये तालेबान प्रशासन को क़दम उठाने होंगे.

इससे पहले, 3 सितम्बर को सुरक्षा परिषद ने अफ़ग़ानिस्तान में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किये जा रहे जघन्य आतंकी हमलों की कठोर निन्दा की थी.

इनमें हेरात प्रान्त के गुज़रगाह में 2 सितम्बर को हुआ हमला भी है जिसमें 18 लोगों की मौत हुई और अनेक अन्य घायल हुए थे.

देश भर में नागरिकों व नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बना कर किये जाने वाले हमलों में तेज़ी आई है, जिसमें अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जाता है.

इनमें से अनेक हमलों की ज़िम्मेदारी लेने का दावा, ख़ोरासान प्रान्त में इस्लामिक स्टेट ने किया है जोकि आइसिल/दाएश से सम्बन्धित है.

इस वर्ष केवल अगस्त महीने में इन हमलों में 250 से अधिक लोग हताहत हुए हैं, जिनमें बच्चे भी हैं.