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समावेश को बढ़ावा देने पर केन्द्रित, साक्षरता कार्यक्रमों को यूनेस्को सम्मान

कंप्यूटर साक्षरता और नैतिकता वर्ग के दौरान एक लड़की अपनी नोटबुक से पढ़ती है
यूनेस्को/जोशुआ एस्टे
कंप्यूटर साक्षरता और नैतिकता वर्ग के दौरान एक लड़की अपनी नोटबुक से पढ़ती है

समावेश को बढ़ावा देने पर केन्द्रित, साक्षरता कार्यक्रमों को यूनेस्को सम्मान

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन - UNESCO ने 8 सितम्बर को मनाए जाने वाले ‘अन्तरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ के अवसर पर, अन्तरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कारों के विजेताओं के रूप में ब्राज़ील, भारत, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के छह उत्कृष्ट साक्षरता कार्यक्रमों का चयन किया है.

आइवरी कोस्ट के आबिजान में 8 और 9 सितम्बर को एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा. 

इस सम्मेलन की थीम "Transforming the literacy spaces” है, जिसके ज़रिये सीखने-समझने के माहौल और तौर-तरीक़ों में रूपान्तरकारी बदलाव लाये जाने पर ज़ोर दिया जाएगा. 

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने कहा, “साक्षरता एक अनिवार्य मानव अधिकार है. अन्तरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस, इस क्षेत्र में प्रगति का आकलन करने और उसमें तेजी लाने का एक अवसर है.” 

“मैं हमारे पुरस्कारों के छह विजेताओं को बधाई देती हूँ: वे सफल प्रयासों के उदाहरण और प्रेरणा के स्रोत हैं, जिन्हें यूनेस्को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगा.”

9 सितम्बर को पुरस्कार विजेताओं के साथ एक विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य साक्षरता प्राप्त करने के तौर-तरीक़ों की कायापलट करने पर होगा.

यूनेस्को किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कार

कोरिया गणराज्य की सरकार द्वारा प्रायोजित यूनेस्को किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कार मातृभाषा आधारित साक्षरता विकास में योगदान को बढ़ावा देता है. इस पुरस्कार के लिये निम्न साक्षरता कार्यक्रमों को सम्मानित किया जायेगा:
 
भारत में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज का मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा कार्यक्रम

इस कार्यक्रम का उद्देश्य, आरम्भिक स्कूलों में आदिवासी छात्रों की सीखने व याद करने की कमज़ोर क्षमता की चुनौती से निपटना है, जिसकी वजह कक्षा में भाषायी बाधाएँ और शिक्षकों में बहुभाषी व बहुसांस्कृतिक कक्षाओं की आवश्यकताओं को पूरा कर पाने की क्षमता का अभाव है. 

इस कार्यक्रम का मिलाजुला प्रारूप (hybrid) है जिसमें टेलीविज़न, रेडियो समेत जैसे निम्न-तकनीकी समाधानों का उपयोग करके, सीखने समझने के लिये आमने-सामने बैठकर और दूरस्थ तौर-तरीक़ों को अपनाया जाता है.

'मदरसा अरबी पाठ' कार्यक्रम, संयुक्त अरब अमीरात

वर्ष 2018 में ‘मदरसा’ की शुरुआत हुई जिसे एक प्रमुख ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य अरबी शैक्षिक सामग्री को विकसित व समृद्ध करना है.

इस क्रम में, विशेषज्ञों की एक समिति के साथ मिलकर सीखने-समझने के पारम्परिक तौर-तरीक़ों में बदलाव लाते हुए इंटरएक्टिव और दिलचस्प उपायों का सहारा लिया जाता है. 

मूल निवासी वैज्ञानिक कार्यक्रम, ब्रिटेन ( Native Scientist’ programme of Native Scientist) 

'मूल निवासी वैज्ञानिक'(Native Scientist) एक गैर-लाभकारी संगठन है जोकि योरोप में छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच सार्थक सम्बन्धों को मज़बूती प्रदान करके, हाशिएकरण का शिकार बच्चों और किशोरों में वैज्ञानिक साक्षरता और भाषा विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रयासरत है. 

ये कार्यक्रम प्रवासी बच्चों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा के क्षेत्र में अनुभवी अन्तरराष्ट्रीय पेशेवरों के साथ जोड़ता है, जो एक साझा सांस्कृतिक विरासत और शिक्षार्थियों के समान भाषायी पृष्ठभूमि से आते हैं.

यूनेस्को के तीन किंग सेजोंग पुरस्कार विजेताओं में से प्रत्येक को एक पदक, एक डिप्लोमा और 20 हज़ार डॉलर से सम्मानित किया जाएगा.

साक्षरता के लिये यूनेस्को कन्फ्यूशियस पुरस्कार

इसके साथ-साथ साक्षरता के लिये यूनेस्को कन्फ्यूशियस पुरस्कार से, ब्राज़ील, दक्षिण अफ़्रीका और मलेशिया के साक्षरता कार्यक्रमों को चुना गया है. 

चीन सरकार द्वारा प्रायोजित यह पुरस्कार ग्रामीण इलाक़ों और स्कूल के दायरे से बाहर रह गए युवजन को समर्थन प्रदान करने के लिये तकनीकी वातावरण का सहारा लेकर साक्षरता प्रयासों में योगदान देता है. 

हर एक विजेता को एक पदक, एक डिप्लोमा और 30 हज़ार डॉलर से सम्मानित किया जाएगा.