वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूएन मिशन में पुलिस – ‘वचन, उम्मीद व आशावाद का मूर्त रूप’

माली के मोपती क्षेत्र में गश्त के दौरान यूएन पुलिस की एक टीम.
MINUSMA/Harandane Dicko
माली के मोपती क्षेत्र में गश्त के दौरान यूएन पुलिस की एक टीम.

यूएन मिशन में पुलिस – ‘वचन, उम्मीद व आशावाद का मूर्त रूप’

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में यूएन पुलिस प्रमुखों की तीसरी शिखर बैठक (UNCOPS) को सम्बोधित करते हुए कहा कि 90 से अधिक देशों में सेवारत यूएन पुलिस अधिकारी बहुपक्षवाद का मूर्त रूप हैं.  

इस बैठक में मंत्री, पुलिस प्रमुख और क्षेत्रीय व पेशेवर पुलिस संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने शिरकत की है.

महासचिव ने कहा, “वर्ष 1960 में संयुक्त राष्ट्र पुलिस की पहली तैनाती के बाद से अब तक, उन्होंने हमारे संगठन के वायदे, उम्मीद और आशावाद को मूर्त रूप देना जारी रखा है.”

Tweet URL

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि इस वर्ष UNCOPS 2022 एक बेहद अहम समय में हो रहा है.

वर्ष 1945 के बाद से ये पहली बार है जब विश्व में हिंसक टकरावों की संख्या सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गई है, और उसके समानान्तर कोविड-19 महामारी व जलवायु संकट से हालात और चुनौतीपूर्ण हुए हैं.

भूराजनैतिक तनावों की वजह से हिंसक संघर्ष और अधिक जटिल हो गए हैं और उनकी अवधि भी लम्बी हो रही है.

महासचिव ने सचेत किया कि शान्ति के लिये सेवारत यूएन पुलिस की तैनाती, बेहद जटिल व चुनौतीपूर्ण होती जा रही परिस्थितियों में की जाती है. अक्सर ऐसे स्थानों पर जहाँ शान्तिरक्षा अत्यंत कठिन है.

हिंसक चरमपंथियों और शान्ति प्रयासों में व्यवधान डालने वाले तत्वों द्वारा यूएन शान्तिरक्षा अभियानों को निशाना बनाये जाने की घटनाएँ भी बढ़ रही हैं.

शान्तिरक्षा के लिये कार्रवाई

संयुक्त राष्ट्र ने विशाल चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018 में ‘एक्शन फ़ॉर पीसकीपिंग’ पहल की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य यूएन अभियानों को अधिक मज़बूत, सुरक्षित व प्रभावी बनाना है.

यूएन प्रमुख ने कहा, “हम नई सैन्य व पुलिस क्षमताओं को अधिक तेज़ी से तैनात कर पाने, और हमारे अभियानों में अधिक संख्या में महिला शान्तिरक्षकों, पुलिसकर्मियों व असैनिक कर्मचारियों को शामिल करने में में सफल हुए हैं.”

पिछले वर्ष ‘एक्शन फ़ॉर पीसकीपिंग प्लस’ को पेश किया गया, जिसका उद्देश्य इन पहल को लागू करने के प्रयासों में तेज़ी लाना है.

न्याय के लिये अति-आवश्यक

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि शान्ति व सार्वजनिक व्यवस्था बनाये रखने के लिये विशेषीकृत पुलिस विशेषज्ञता की पहले से कहीं अधिक ज़रूरत है.

साथ ही, इससे संगठित अपराध और प्राकृतिक संसाधनों की तस्करी से लड़ने में भी मदद मिलेगी और इन ज़िम्मेदारियों को पर्यावरण अनुकूल तौर-तरीक़ों को अमल में लाते हुए पूरा किया जा सकेगा.

महासचिव ने कहा कि जैसे-जैसे समाज टकराव, हिंसा और अस्थिरता से उभरते हैं, पुलिस समेत क़ानून का राज बनाये रखने वाले संस्थान बेहद आवश्यक हैं, ताकि समाजों को फिर से हिंसक संघर्ष के गर्त में धँसने से रोका जा सके और सतत शान्ति का मार्ग प्रशस्त हो सके.

संयु्क्त राष्ट्र पुलिस प्रमुखों की तीसरी शिखर बैठक में शामिल हुए प्रतिभागी.
UN Photo/Eskinder Debebe
संयु्क्त राष्ट्र पुलिस प्रमुखों की तीसरी शिखर बैठक में शामिल हुए प्रतिभागी.

यूएन पुलिस

यूएन प्रमुख के अनुसार, यूएन शान्तिरक्षा की सफलता का एक पैमाना, सामयिक ढँग से शान्तिरक्षा अभियान का पूरा हो जाना है, यानि तब जब सुरक्षा व संरक्षण का प्राथमिक दायित्व मेज़बान देश के पास हो.

“हमने बार-बार, इसे हासिल करने के लिये संयुक्त राष्ट्र पुलिस की शक्ति को देखा है – उदाहरणस्वरूप, आइवरी कोस्ट, लाइबेरिया, तिमोर-लेस्ते में.”

एंतोनियो गुटेरेश ने संयुक्त राष्ट्र अभियानों में अपने सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों को भेजने के लिये पुलिस प्रमुखों का आभार व्यक्त किया.

उन्होंने कहा कि महिला अधिकारियों की तैनाती से, संगठन के लिये लैंगिक बराबरी के लक्ष्यों को पूरा कर पाने में मदद मिली है और पुलिस टीम अपनी गतिविधियों में लैंगिक ज़रूरतों व परिप्रेक्ष्यों का भी ध्यान रखती हैं.

यूएन महासचिव ने देशों से संयुक्त राष्ट्र पुलिस के लिये टैक्नॉलॉजी समर्थन बढ़ाने का अनुरोध किया है ताकि मौजूदा व भावी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.