अफ़ग़ानिस्तान: आधी आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर, सतत समर्थन की दरकार

अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर अगस्त 2021 में तालेबान का वर्चस्व स्थापित होने के एक वर्ष बाद, देश का लगभग हर नागरिक निर्धनता से जूझ रहा है और व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर है. इस विकराल संकट के मद्देनज़र, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अपने प्रयासों का विस्तार किया है.
अफ़ग़ानिस्तान में फ़िलहाल दो करोड़ 44 लाख लोग, यानि देश की क़रीब 59 प्रतिशत आबादी, अपने दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहायता और आपात राहत पर निर्भर हैं.
इस विशाल मानवीय त्रासदी की एक बड़ी वजह बढ़ती खाद्य क़ीमतें, गम्भीर कुपोषण, आजीविका के सीमित अवसर, हिंसक टकराव के कारण हुआ विस्थापन और आपात हालात में आश्रय व्यवस्था समेत अन्य संरक्षण ज़रूरतें हैं.
It is invigorating to get to the field and see the excellent work of @IOMAfghanistan teams in such a remote area of #Afghanistan and to meet with the communities that continue to really need support following the #earthquake pic.twitter.com/M01QoemVUM
Ash_Carl80
अफ़ग़ानिस्तान के सभी 34 प्रान्तों में लोगों को आपात सहायता की बेहद आवश्यकता है.
बुनियादी सेवाओं को मुहैया कराये जाने की व्यवस्था पर गम्भीर असर हुआ है और विकास कार्यक्रमों को रोकना भी पड़ा है.
आर्थिक व पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच, देश की आय में बड़ी गिरावट आई है, धन प्रेषण (remittance) का प्रवाह धीमा हुआ है और खाद्य व अन्य ज़रूरी वस्तुओं के दामों में उछाल दर्ज किया गया है.
इन जटिल परिस्थितियों में, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने और अपने घर से दूर होने के लिये मजबूर होने वाले लोगों के लिये संरक्षण सम्बन्धी जोखिमों में कमी लाने के इरादे से प्रयास जारी रखे हैं.
इसके साथ ही, उन संकटों के असर से भी निपटने का प्रयास किया जा रहा है, जो या तो पहले से जारी हैं या फिर हाल के दिनों में उभरे हैं, जैसेकि इस वर्ष जून महीने में भूकम्प से हुई तबाही.
पिछले 12 महीनों में, यूएन प्रवासन एजेंसी ने 13 लाख अफ़ग़ान नागरिकों को सहायता प्रदान की है, जिसके तहत, भोजन वितरण, अस्थाई शरण, स्वास्थ्य व संरक्षण सेवाओं की सुलभता, और साफ़-सफ़ाई समेत अन्य बुनियादी ज़रूरतों का ध्यान रखा गया है.
लोगों को शरण स्थल मुहैया कराये जाने के प्रयासों का दायरा बढ़ाया गया है और लगभग हर दो में से एक ज़रूरतमन्द तक मदद पहुँचाई गई है.
वर्ष 2021 के अगस्त महीने से पहले, यूएन प्रवासन एजेंसी द्वारा स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ केवल चार प्रान्तों में उपलब्ध कराई जा रही थीं, मगर 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 13 हो गई है.
इस क्रम में, चार लाख 11 हज़ार से अधिक व्यक्तियों के लिये जीवन-रक्षक सेवाएँ मुहैया कराई गई हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान की वापसी का एक वर्ष बीतने के बाद, यूएन एजेंसी की व्यापक कार्रवाई योजना (2021-2024) में प्रस्तावित सहायता धनराशि के केवल 34 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया है.
फ़िलहाल, राहत प्रयासों के ज़रिये सबसे बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.
बढ़ती महंगाई, यूक्रेन में युद्ध से भोजन व ईंधन क़ीमतों में आए उछाल, जलवायु व्यवधानों व आपदाओं और बेरोज़गारी बढ़ने से स्थानीय आबादी के लिये हालात बेहद विकट हैं.
इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, यूएन एजेंसी ने अफ़ग़ानिस्तान में पुनर्बहाली कार्यक्रमों के लिये अतिरिक्त धनराशि का अनुरोध किया है.