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पाकिस्तान: भीषण बाढ़ से प्रभावित इलाक़ों में संक्रामक बीमारियाँ फैलने का ख़तरा

पाकिस्तान में जून 2022 में भीषण वर्षा के बाद बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएँ हुईं जिनसे व्यापक नुक़सान हुआ है.
© WFP/Saiyna Bashir
पाकिस्तान में जून 2022 में भीषण वर्षा के बाद बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएँ हुईं जिनसे व्यापक नुक़सान हुआ है.

पाकिस्तान: भीषण बाढ़ से प्रभावित इलाक़ों में संक्रामक बीमारियाँ फैलने का ख़तरा

मानवीय सहायता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अभूतपूर्व स्तर पर बाढ से प्रभावित पाकिस्तान में विशाल स्वास्थ्य जोखिम पनप रहे हैं. बाढ़ की चपेट में आए इलाक़ों में मलेरिया, डेंगू बुखार और अन्य जल-जनित बीमारियों के फैलने का ख़तरा उत्पन्न हो गया है.

तीन करोड़ 30 लाख से अधिक लोग और तीन-चौथाई ज़िले, मॉनसून के दौरान हुई भीषण वर्षा से उपजी इस आपदा से प्रभावित हुए हैं. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पाकिस्तान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रशासन के हवाले से बताया है कि अब तक कम से कम एक हज़ार लोगों की मौत होने और डेढ़ हज़ार से अधिक के घायल होने की पुष्टि हो चुकी है. 

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एक लाख 61 हजार से अधिक लोग अब राहत शिविरों में रह रहे हैं. 

पाकिस्तान सरकार ने देश में आपात हालात की घोषणा कर दी है और संयुक्त राष्ट्र ने राहत प्रयासों को मज़बूती देने के लिये, 16 करोड़ डॉलर की एक अपील जारी की है. 

जीवनरक्षक सामग्री की आपूर्ति

पाकिस्तान में 888 स्वास्थ्य केन्द्रों को नुक़सान पहुँचा है जिनमें से 180 पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. लाखों लोगों के लिये स्वास्थ्य देखभाल और उपचार सेवाएँ उपलब्ध नहीं हैं. 

पूर्वी भूमध्यसागर के लिये यूएन स्वास्थ्य एजेंसी में क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर अहमद अल-मन्दहारी ने बताया कि WHO ने घायलों का उपचार करने के लिये तात्कालिक सेवा शुरू की है.

इस क्रम में, स्वास्थ्य केन्द्रों को जीवनरक्षक सामान की आपूर्ति कराई गई है, सचल स्वास्थ्य टीम को समर्थन दिया गया है और संक्रामक बीमारियों के फैलाव की रोकथाम के प्रयास किये जा रहे हैं. 

यूएन एजेंसी और साझीदार संगठन ने एक शुरुआती आकलन किया है, जिसके अनुसार अतीत में बाढ़ की घटनाओं की तुलना में इस बार कहीं बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है. 

इनमें वर्ष 2010 की बाढ़ भी है जिससे देश में व्यापक पैमाने पर जान-माल की हानि हुई थी.

राहत सेवाओं की सुलभता

मौजूदा संकट ने डेंगू, मलेरिया बुखार, पोलियो, कोविड-19 और जल-जनित बीमारियों के प्रकोप को और अधिक गम्भीर बना दिया है. 

राहत शिविर भी इससे अछूते नहीं हैं जहाँ जल और साफ़-सफ़ाई सेवाओं को नुक़सान पहुँचा है. 

पाकिस्तान में इस वर्ष भीषण वर्षा और बाढ़ से पहले ही ख़सरा के साढ़े चार हज़ार से अधिक और जंगली पोलियोवायरस के 15 मामले सामने आ चुके थे.

विनाशकारी बाढ़ और प्रभावित इलाक़ों में गम्भीर हालात की पृष्ठभूमि में राष्ट्रव्यापी पोलियो मुहिम में भी व्यवधान आया है.

हालात बिगड़ने की आशंका

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले दिनों में बाढ़ के कारण हालात बद से बदतर हो सकते हैं.

इसके मद्देनज़र, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ज़मीनी स्तर पर राहत प्रयासों में तेज़ी लाने पर ध्यान केन्द्रित किया है. 

बताया गया है कि बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में अति-आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को त्वरित ढंग से मुहैया कराना, बीमारियों के फैलाव की निगरानी व्यवस्था का विस्तार करना, बीमारियों के फैलाव की रोकथाम करना और उन पर नियंत्रण पाने के प्रयास करना है. 

पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर जवाबी राहत कार्रवाई को आगे बढ़ाया है और प्रान्तीय व ज़िला स्तर पर नियंत्रण कक्ष और मेडिकल शिविर स्थापित किये गए हैं.

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान की ओर जा रहा एक बच्चा.
© UNICEF/A. Sami Malik
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान की ओर जा रहा एक बच्चा.

स्थानीय प्रशासन ने वायु मार्ग से लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के प्रयास भी किये हैं और जल-जनित व संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिये स्वास्थ्य जागरूकता सत्र संचालित किये जा रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन, पाकिस्तान में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हैज़ा, दस्त समेत अन्य संचारी बीमारियों की रोकथाम के लिये नज़दीकी तौर पर प्रयासरत है. 

प्रभावित समुदायों के उपचार के लिये उन स्वास्थ्य केन्द्रों पर अति-आवश्यक दवाओं व सामग्री की आपूर्ति की गई है जहाँ फ़िलहाल सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं. 

रोग निगरानी व नियंत्रण प्रयास

बाढ़ से पहले, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और साझीदार संगठन ने हैज़ा से बचाव के लिये टीकाकरण प्रयास आगे बढ़ाए थे. 

पाकिस्तान दुनिया के उन दो देशों में से एक है जहाँ पोलियो के मामले अब भी सामने आए हैं.

बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में चिकित्सा दल पोलियो व अन्य बीमारियों के सम्भावित फैलाव की निगरानी कर रहे हैं. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित ज़िलो में सचल चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था के लिये भी प्रयास किये हैं और लोगों के लिये स्वच्छ जल सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है.

साथ ही, संक्रामक बीमारियों का समय रहते पता लगाने के लिये किट भी प्रदान की गई हैं.