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पाकिस्तान: विनाशकारी बाढ़ से राहत के लिये, 16 करोड़ डॉलर की राहत योजना

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान की ओर जा रहा एक बच्चा.
© UNICEF/A. Sami Malik
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान की ओर जा रहा एक बच्चा.

पाकिस्तान: विनाशकारी बाढ़ से राहत के लिये, 16 करोड़ डॉलर की राहत योजना

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ से उपजी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में, 16 करोड़ डॉलर की एक आपात राहत योजना पेश की है. इस योजना के ज़रिये देश में सर्वाधिक निर्बल 52 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है.

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय (UN OCHA) के प्रवक्ता येंस लार्क ने मंगलवार को बताया कि पिछले कई दशकों में यह पहली बार है जब पाकिस्तान को इतने व्यापक पैमाने पर बाढ़ का सामना करना पड़ा है.

एक अनुमान के अनुसार, तीन करोड़ 30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और मध्य-जून से अब तक एक हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं.

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पाकिस्तान इस वर्ष जून महीने से ही भीषण वर्षा से जूझ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस्लामाबाद और जिनीवा में राहत अपील जारी करते हुए अपने वीडियो सन्देश में कहा कि पाकिस्तान पीड़ा में डूबा हुआ है.

“पाकिस्तान में लोगों को स्टेरॉयड पर मॉनसून का सामना करना पड़ रहा है – बारिश और बाढ़ का विशाल स्तर पर अनवरत प्रभाव.”

यूएन एजेंसी के प्रवक्ता के अनुसार, बाढ़ से प्रभावित पाँच लाख से अधिक लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है.

लगभग 10 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और सात हज़ार मवेशियों का नुक़सान हुआ है.  

तीन अहम उद्देश्य

बुनियादी ढाँचे को गम्भीर क्षति पहुँचने की वजह से मौजूदा मानवीय परिस्थितियाँ और अधिक जटिल हो गई हैं.

साढ़े तीन हज़ार किलोमीटर सड़क मार्ग और 150 पुलों को क्षति पहुँचने से लोगों के सुरक्षित इलाक़े तक पहुँचने की क्षमता पर असर हुआ है और लाखों ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने के प्रयास भी प्रभावित हुए हैं.

यूएन प्रवक्ता ने बताया कि फ़िलहाल तीन उद्देश्यों पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है:

“पहला, जीवनरक्षक और आजीविका सहायता का वितरण, जैसेकि स्वास्थ्य सेवाएँ, भोजन, स्वच्छ जल और शरण.”

“दूसरा, बड़े पैमाने पर हैज़ा जैसे संचारी रोगों के प्रकोप की रोकथाम और छोटे बच्चों व उनकी माताओं के पोषण के लिये सहायता.”

यूएन एजेंसी का तीसरा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ज़रूरतमन्दों तक सहायता व संरक्षण, सुरक्षित व गरिमामय ढंग से पहुँचाया जाए.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के प्रवक्ता मैथ्यू साल्टमार्श ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि अब तक यूएन एजेंसी ने मुख्य तौर पर प्रभावित इलाक़ों में आपात ज़रूरतों को पूरा करने पर ध्यान केन्द्रित किया है.

इस क्रम में, खाना पकाने के लिये स्टोव, कम्बल, सोलर लैम्प समेत अन्य बुनियादी आवश्यकताएँ मुहैया कराई गई हैं.

उन्होंने कहा कि अब तक 15 लाख डॉलर की राहत वितरित की गई है, लेकिन आने वाले हफ़्तों में और अधिक सहयता धनराशि की आवश्यकता होगी.

विनाशकारी असर

पाकिस्तान ने जून महीने से ही मॉनसून के दौरान गम्भीर मौसम का सामना किया है, जिस दौरान औसत से 67 प्रतिशत ज़्यादा वर्षा हुई है.

27 अगस्त तक देश में हुई वर्षा का स्तर, पिछले 30 वर्षों में राष्ट्रीय औसत का 2.9 गुना आँका गया है.

अब तक, पाकिस्तान में 72 ज़िलों को आपदा-प्रभावित घोषित किया जा चुका है और आने वाले दिनों में ऐसे ज़िलों की संख्या बढ़ने की आशंका है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिंडमायर ने कहा कि जब बाढ़ के बारे में सुना जाता है, तो केवल लोगों के डूबने के बारे में ही सोचा जाता है, लेकिन यह समस्या इससे कहीं बड़ी है.

WFP पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मानसून बाढ़ से प्रभावित समुदायों के लिये भोजन वितरित करते हुए
© WFP/Balach Jamali
WFP पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मानसून बाढ़ से प्रभावित समुदायों के लिये भोजन वितरित करते हुए

उन्होंने बताया कि पानी में बहते मलबे की चपेट में आने से लोगों को चोटें आई हैं, तारों से बिजली के झटके लगे हैं और पीने के पानी कमी है.

यह ना केवल तात्कालिक समस्या है बल्कि मध्यम अवधि के लिये भी यह एक बड़ी चुनौती है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रवक्ता ने चेतावनी जारी की है कि कम से कम 888 स्वास्थ्य केन्द्र गम्भीर रूप से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 180 पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

चरम मौसम घटनाएँ

वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक 2021 और Climate Watch के अनुसार, चरम मौसम की घटनाओं से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले 10 देशों में पाकिस्तान भी है, जबकि देश बेहद कम स्तर पर कार्बन उत्सर्जन के लिये ज़िम्मेदार है.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की प्रवक्ता क्लेयर न्युलिस का कहना है कि जानलेवा बाढ़, जलवायु परिवर्तन का एक पदचिन्ह है, जोकि ज़्यादा चरम रूप धारण कर रहा है.

इस वर्ष मार्च और अप्रैल महीने में, पाकिस्तान को विनाशकारी ताप लहर और सूखे से जूझना पड़ा और अब दूसरे छोर पर मौजूद चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.