सीरिया: ‘बच्चों की एक पूरी पीढ़ी ग़ायब हो जाने का जोखिम’

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों की सहायक महासचिव जॉयस म्सूया ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि सीरिया में अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों के लिये पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं होने के कारण, आम लोगों को अपरिवर्तनीय नुक़सान हो रहा है, और एक पूरी पीढ़ी का भविष्य दाव पर लग गया है.
जॉयस म्सूया ने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राजदूतों से कहा, “पर्याप्त धन की कमी के भीषण परिणाम हो रहे हैं, जिनमें बच्चों का बड़ी संख्या में स्कूलों से बाहर होना, कुपोषण की उच्च दर, और सहायता व संरक्षण के कम कार्यक्रमों का होना शामिल है. अगर हमने अभी ठोस कार्रवाई नहीं की तो, सीरिया के बच्चों की एक पूरी पीढ़ी ग़ायब होने का जोखिम है.”
After more than 11 years of war, people in #Syria need life-saving and early recovery support to get back on their feet. We remain committed to reach all those in need across the country. Read my remarks to the Security Council: https://t.co/ZF3eV69ecc pic.twitter.com/A7ZhCf36E9
JoyceMsuya
उन्होंने कहा, “ये बहुत महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा परिषद, सीरिया में जीवन-रक्षक मानवीय सहायता की ज़िम्मेदारी उठाए.”
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों की समन्वय एजेंसी – OCHA की वरिष्ठ अधिकारी जॉयस म्सूया के साथ-साथ सीरिया के लिये विशेष दूत गियर पैडरसन ने भी सुरक्षा परिषद को, देश की ताज़ा स्थिति से अवगत कराया.
दोनों हस्तियों ने सुरक्षा परिषद को बताया कि हाल के महीनों में सैन्य गतिविधियाँ बढ़ने के, चिन्ताजनक संकेत नज़र आ रहे हैं, जबकि युद्ध समाप्त करने के लिये, शान्ति प्रक्रिया को बहाल करने के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं.
जॉयस म्सूया ने कहा कि सीरिया में 11 वर्ष से भी ज़्यादा समय से जारी गृहयुद्ध से सम्बद्ध तमाम पक्षों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो सभी ज़रूरतमन्द लोगों तक, मानवीय सहायता की निर्बाध पहुँच सुनिश्चित बनाएँ.
उन्होंने सीरिया सरकार और उसके अन्तरराष्ट्रीय समर्थकों से भी सहायता सामग्री की पहुँच आसान बनाने की पुकार लगाई, जिनमें रूस, विद्रोही गुट, कुर्दिश लड़ाके और अन्य पक्ष शामिल हैं.
सहायक महासचिव जॉयस म्सूया ने कहा कि वैसे तो इस मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है, मगर तापमान गिरने पर इसकी ज़रूरत और ज़्यादा होगी, “और हमें अपने सहायता कार्यक्रमों की रणनीति बदलनी होगी.”
“हम जानते हैं कि सीरिया में सर्दियों के दौरान कठिनाइयाँ और बढ़ेंगी, और हम जहाँ भी हो सके, वहीं लोगों की मदद करने के लिये कृत संकल्प हैं. हमें ये सहायता कार्यक्रम जारी रखने के लिये, आपके समर्थन की आवश्यकता है.”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि पश्चिमोत्तर के बचे-खुचे विद्रोही नियंत्रण वाले इलाक़ों और आइसिल आतंकवादी लड़ाकों के हज़ारों परिजन को रखे जाने वाले शिविरों में हिंसा में बढ़ोत्तरी देखी गई है.
उन्होंने कहा कि हिंसा में सीरियाई बच्चों की ज़िन्दगियाँ या तो समाप्त हो रही हैं या फिर हमेशा के लिये बदल रही हैं.
“हिंसा से और ज़्यादा हिंसा होने का भय फैलता है और दोनों ही परिस्थितियों में लोग सुरक्षा के लिये अन्यत्र भागने को मजबूर होते हैं. और हम ऐसे नए वक्तव्य और ख़बरें पढ़ते हैं कि सीरिया के उत्तरी हिस्से में, किसी सैन्य अभियान की तैयारियाँ हो रही हैं, ऐसे में पहले ही विस्थापन शुरू हो गया है.”
उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से, युद्ध के नियमों का सम्मान सुनिश्चित करने और गम्भीर उल्लंघन के मामलों के लिये जवाबदेही सुनिश्चित करने की ज़ोरदार अपील की है.