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यूक्रेन: काला सागर समझौते के तहत, 10 लाख टन अनाज निर्यातित

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, तुर्की के इस्तान्बूल में, यूक्रेनी अनाज से भरे एक जहाज़ की रवानगी देखते हुए.
UN Photo/Mark Garten
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, तुर्की के इस्तान्बूल में, यूक्रेनी अनाज से भरे एक जहाज़ की रवानगी देखते हुए.

यूक्रेन: काला सागर समझौते के तहत, 10 लाख टन अनाज निर्यातित

मानवीय सहायता

काला सागर अनाज निर्यात समझौते के लिये, संयुक्त राष्ट्र के समन्वयक आमीर अब्दुल्ला ने बताया है कि युद्ध जारी रहते हुए भी, इस ऐतिहासिक समझौते के तहत अभी तक निर्यात हुए, यूक्रेनी अनाज और अन्य खाद्य सामग्रियों की मात्रा 10 लाख टन को पार कर गई है.

अमीर अब्दुल्ला ने शनिवार को बताया कि ये शानदार उपलब्धि, इस समझौते के क्रियान्वयन को आसान बनाने के लिये गठित संयुक्त समन्वय केन्द्र (JCC) के सामूहिक प्रयासों और अथक मेहनत की बदौलत सम्भव हुई है.

जेसीसी का मुख्यालय इस्तान्बूल में स्थित है जो, समझौते की शर्तों का पालन करने के लिये, जहाज़ों की निगरानी और अन्य प्रक्रियात्मक कार्य पूरे करता है.

जेसीसी में यूक्रेन, रूस, तुर्कीये और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल हैं. याद रहे कि इस समझौते पर इन्हीं पक्षों ने हस्ताक्षर किये थे.

एक महत्वपूर्ण पहल

काला सागर अनाज निर्यात समझौते के तहत अभियान 1 अगस्त को शुरू हुए थे और तब से जेसीसी ने, काला सागर से होकर गुज़रने वाले अनेक जहाज़ों की रवानगी के लिये औपचारिकताएँ पूरी की हैं. 

शनिवार को, इस केन्द्र की टीमों ने जहाज़ों का 100वाँ निरीक्षण किया.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कुछ दिन पहले, इस अभियान के तहत, इस्तान्बूल में दो जहाज़ों की रवानगी देखी थी.

अमीर अब्दुल्ला का कहना है कि ऐसे में जबकि दुनिया खाद्य असुरक्षा और बढ़ती क़ीमतों की चपेट में है, तो इस समझौते की महत्ता स्पष्ट है. 

“अब जबकि यूक्रेन के कृषि उत्पाद, समुद्र के ज़रिये वैश्विक बाज़ारों में पहुँचने के लिये रवाना हो रहे हैं, तो खाद्य और परिवहन क्षेत्रों में भरोसा बढ़ने लगा है, जिससे क़ीमतें नीचे आ रही हैं और जोखिम भी कम हो रहा है.”

उन्होंने याद करते हुए इस समझौते में एक तरफ़ अनाज निर्यात के लिये व्यावसायिक अभियान शामिल हैं, वहीं, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने भी इथियोपिया और यमन जैसे देशों में चलाए जा रहे अपने मानवीय सहायता अभियानों के लिये भी, यूक्रेन से गेहूँ की ख़रीद शुरू कर दी है.

अमीर अब्दुल्ला ने कहा कि ये कुछ शुरुआती महत्वपूर्ण क़दम हैं, मगर अभी और भी ज़्यादा किये जाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, “दुनिया भर में ईंधन व उर्वरकों के उच्च दामों, जलवायु परिवर्तन और संघर्षों व युद्धों की स्थितियों ने, किसानों व उपभोक्ताओं पर समान रूप से भारी दबाव डाल रखा है, और ये हालात लाखों-करोड़ों लोगों को निर्धनता व भुखमरी के हालात में धकेल रहे हैं.”

भण्डारों की स्थिति

काला सागर अनाज निर्यात पहल ने, यूक्रेन के अनाज भण्डार गृहों में मौजूद, पिछली फ़सलों के अनाजों का निर्यात सम्भव बनाकर, कुछ स्थान ख़ाली तो किया है, मगर अगली फ़सलों के लिये जगह बनाने की ख़ातिर, अभी और ज़्यादा अनाज के निर्यात की आवश्यकता है.

अमीर अब्दुल्ला ने कहा कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत अम्मोनिया सहित, उर्वरकों का निर्यात होना भी बहुत अहम और तात्कालिक है, ताकि दुनिया भर के किसान अगले साल भी, किफ़ायती स्तर पर अपनी फ़सलों का उत्पादन जारी रखे सकें.

उन्होंने अभी तक हुए दस लाख टन अनाज निर्यात को, केवल एक शुरुआत क़रार दिया.

अमीर अब्दुल्ला ने कहा कि खाद्य पदार्थों और उर्वरकों की आपूर्ति किसी भी कारण से बाधित रहे, दुनिया के लिये ये बहुत कठिन बात है. इस मार्ग से हर एक जहाज़ की रवानगी को जब हरी झण्डी दिखाई जाती है तो उससे बाज़ारों में स्थिरता लाने, खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति बढ़ाने और किसानों का कामकाज उत्पादक बनाए रखने में मदद मिलती है.