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कोविड-19: 2022 में 10 लाख मौतों का 'त्रासद पड़ाव'

भारत के ओडीसा प्रदेश में, कोविड-19 की वैक्सीन का टीका लगाए जाते हुए.
© UNICEF/Priyanka Parashar
भारत के ओडीसा प्रदेश में, कोविड-19 की वैक्सीन का टीका लगाए जाते हुए.

कोविड-19: 2022 में 10 लाख मौतों का 'त्रासद पड़ाव'

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसेस ने गुरूवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी से वर्ष 2022 के दौरान अब तक दस लाख लोगों की मौत हो चुकी है – जोकि एक त्रासद पड़ाव है और इसमें से, इस त्रासदी में से, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इसकी वैक्सीन का टीका लगाने का रास्ता निकलना चाहिये.

डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसेस ने जिनीवा में नियमित प्रैस वार्ता में पत्रकारों को बताया, “केवल इसी वर्ष में अभी तक जब कोविड-19 महामारी से दस लाख लोगों की मौत हो गई है तो ऐसे में हम ये नहीं कह सकते कि हम कोविड-19 के साथ ही जीना सीख रहे हैं.”

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“और ये सब तब हो रहा है जब हम इस महामारी का सामना करने के प्रयासों में ढाई साल गुज़ार चुके हैं और हमारे पास इन मौतों को रोकने के तमाम आवश्यक उपकरण मौजूद हैं.”

उन्होंने तमाम देशों की सरकारों से, वैश्विक आबादी के 70 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण करने की मुहिम के तहत, तमाम स्वास्थ्यकर्मियों, वृद्धजन, और उच्च जोखिम वाले अन्य लोगों को टीके लगवाने की कार्रवाई तेज़ करने का आग्रह किया.

प्राथमिकता वाले समूहों के लिये प्रगति

डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसेस ने कहा कि उन्हें ये देखकर प्रसन्नता हुई है कि कम टीकाकरण की दर वाले कुछ देशों में अब टीकाकरण की दर बढ़ रही है, विशेष रूप से अफ़्रीका में.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और उसके सहयोगी संगठनों ने जनवरी 2022 में कोविड-19 वैक्सीन आपूर्ति पार्टनरशिप शुरू की थी जिसका मुख्य मक़सद ऐसे 34 देशों में वैक्सीन आपूर्ति सुनिश्चित करना था जहाँ 10 प्रतिशत से भी कम टीकाकरण हुआ था.

आज 10 प्रतिशत से कम टीकाकरण की दर वाले केवल 10 देश बचे हैं, जिनमें से अधिकतर मानवीय आपदाओं का सामना कर रहे हैं.

टीकाकरण अब भी धीमा है डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसेस ने उच्च प्राथमिकता वाले समूहों की टीकाकरण कवरेज पर प्रगति का स्वागत करते हुए ज़ोर भी दिया कि अभी और ज़्यादा प्रयास करने होंगे क्योंकि अब भी दुनिया की एक तिहाई आबादी का टीकाकरण नहीं हो सका है.

इनमें निम्न आय वाले देशों में दो तिहाई स्वास्थ्यकर्मी, और वृद्ध जन की तीन चौथाई आबादी शामिल है.

उन्होंने कहा, “आमदनी के सभी स्तरों वाले सभी देशों को अत्यधिक जोखिम वाले समूहों को टीके लगवाने के लिये और ज़्यादा प्रयास व कार्रवाई करें... और ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये आनुपातिक नीतियाँ व उपाय लागू करें. एक टिकाऊ पुनर्बहाली हासिल करने के लिये, यही सर्वश्रेष्ठ रास्ता है.”

मंकीपॉक्स की वापसी

इस बीच, मंकीपॉक्स का सघन संक्रमण, अमेरिका क्षेत्र में फैलना जारी है, अलबत्ता दुनिया भर में इसके मामलों की संख्या गत सप्ताह 20 प्रतिशत से ज़्यादा गिरी है.

वैसे तो इस बीमारी के फैलाव के शुरुआती दिनों में ज़्यादातर मामले योरोप में सामने आए थे, और उतने ही मामले अमेरिकी देशों में भी थे, मगर अब स्थिति पलट गई है.

इस समय, कुल दर्ज मामलों में से 40 प्रतिशत से भी कम, योरोपीय देशों से हैं, जबकि अमेरिकी देशों में ये संख्या 60 प्रतिशत है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने बताया कि योरोप में इस बीमारी के धीमी पड़ने के संकेत मिल रहे हैं, जहाँ असरदार सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय, बर्ताव में बदलाव, और टीकाकरण किये जाने के संयुक्त प्रयासों से संक्रमण के फैलाव में मदद मिल रही है.

उन्होंने कहा, “अलबत्ता, विशेष रूप से लातीनी अमेरिका में, जागरूकता या सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों में कमी और वैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण, इस बीमारी के संक्रमण फैलाव को ईंधन मिल रहा है.”