अफ़्रीका सूखा: यूनीसेफ़ की चेतावनी - कुछ बच्चे 'विनाश से केवल एक बीमारी दूर'

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष - UNICEF ने मंगलवार को चेतावनी दी कि हॉर्न ऑफ अफ्ऱीका और विशाल साहेल क्षेत्र में तत्काल हस्तक्षेप और समर्थन के अभाव में "भारी संख्या में बच्चों की मौत हो सकती है". पिछले पाँच महीनों में, इथियोपिया, केनया और सोमालिया में सुरक्षित पानी तक विश्वसनीय पहुँच के अभाव का सामना करने वाले लोगों की संख्या, 90 लाख से बढ़कर एक करोड़ 62 लाख हो गई है.
साहेल में बच्चे भी पानी की असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. इस संकट के कारण गम्भीर कुपोषण का प्रसार हुआ है और जल जनित बीमारियों का भारी ख़तर बढ़ गया है.
Children in the Horn of Africa and the Sahel could die in devastating numbers unless urgent support is provided, as severe malnutrition and the risk of water-borne disease collide – UNICEF warns during #WorldWaterWeek Read the full press release.https://t.co/n1YhBosibr
UNICEFmedia
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशिका कैथरीन रसैल ने कहा, "जब पानी उपलब्ध न हो या असुरक्षित हो, तो बच्चों के लिये जोखिम अधिक हो जाता है. हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र और साहेल में, लाखों बच्चे तबाही से सिर्फ़ एक बीमारी दूर हैं."
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में विश्व जल सप्ताह (World water week) चल रहा है और साथ ही, सूखा, संघर्ष और पानी की असुरक्षा के कारण, बुर्कीना फ़ासो, चाड, माली, नाइजर और नाइजीरिया में, पानी के संकट की समस्या बढ रही है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी -WHO के आँकड़ों के अनुसार, 4 करोड़ बच्चे पानी की अतिसम्वेदनशीलता का सामना कर रहे हैं.
असुरक्षित पानी और स्वच्छता के कारण साहेल में पहले से ही दुनिया के किसी भी और हिस्से की तुलना में अधिक बच्चों की मौत होती है. यूनीसेफ़ ने कहा कि यह स्थिति इस नए संकट से और बदतर होगी.
इसके अलावा, केनया में, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में, तालाब और कुएँ जैसे खुले पानी के 90 प्रतिशत से अधिक स्रोत या तो जर्जर हालत में है या पूरी तरह सूख गए हैं, जिससे बीमारी फैलने का गम्भीर ख़तरा उत्पन्न हो रहा है.
साहेल में, पिछले 20 वर्षों में पानी की उपलब्धता में भी 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. जल संसाधनों में यह भारी गिरावट मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन और विनाशकारी संघर्ष पैटर्न जैसे जटिल कारकों के कारण है.
इस असुरक्षा ने पिछले छह वर्षों में इस क्षेत्र के सबसे ख़राब हैज़ा के प्रकोप को और भी बढ़ा दिया है, जिससे केन्द्रीय साहेल में 5 हज़ार 610 मामले सामने आए और 170 लोगों की मौतें हुईं.
मुख्य रूप से, सोमालिया में, लगभग सभी सूखा प्रभावित ज़िलों में द्रव्य दस्त और हैज़ा के प्रकोप की सूचना मिली है. जनवरी और जून 2022 के बीच 8 हज़ार 200 मामले दर्ज किये गए, जो 2021 की इसी अवधि के दौरान दर्ज किये गए मामलों की संख्या से दोगुने से अधिक थे.
यूनीसेफ़ ने कहा कि पहले से ही 28 लाख कुपोषित बच्चों के बोझ से दबे इस क्षेत्र में, पानी की सम्वेदनशीलता का सामना कर रहे बच्चों की जलप्रसारित बीमारियों से मौत की सम्भावना 11 गुना अधिक हो जाती है.
इनमें से लगभग दो-तिहाई बच्चे पाच साल से कम उम्र के हैं. जून 2021 और जून 2022 के बीच, यूनीसेफ़ और भागीदारों ने इथियोपिया के अफ़ार, सोमालिया, एसएनएनपी और ओरोमिया के सबसे ख़राब सूखा प्रभावित क्षेत्रों में, पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में, दस्त के 12 लाख से अधिक पीड़ितों का इलाज किया.
यूनीसेफ़, हॉर्न ऑफ अफ्ऱीका और साहेल में इस संकट से निपटने के लिये बच्चों और उनके परिवारों को जीवन रक्षक सहायता और प्रबल सेवाएँ प्रदान कर रहा है.
योजनाओं में जलवायु-अनुकूल पानी, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं तक पहुच में सुधार; भूजल के विश्वसनीय स्रोतों के लिये खुदाई, सौर प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा; कुपोषित बच्चों की पहचान करना, उनका इलाज करना और रोकथाम सेवाओं को बढ़ाना शामिल हैं.
हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका क्षेत्र में परिवारों के दीर्घकालिक संघर्ष में, यूनीसेफ़ की सुधार करने की अपील को फ़िलहाल केवल तीन प्रतिशत ही धन मिल सका है.
पानी, स्वच्छता और स्वच्छता कार्यक्रमों के साथ कमज़ोर बच्चों और परिवारों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये, केन्द्रीय साहेल क्षेत्र की अपील को भी केवल 22 प्रतिशत ही धन प्राप्त हो सका है.
यूनीसेफ़ क कार्यकारी निदेशिका, कैथरीन रसैल ने इस साल के विश्व जल सप्ताह की शुरुआत में, बेहतर वित्त पोषण की अपील करते हुए कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में परिवारों को असम्भव विकल्पों के लिये, विवश किया जा रहा है.
इस संकट को रोकने का एकमात्र तरीक़ा सरकारों, दानदाताओं और अन्तरराष्ट्रीय समुदायों के हाथ में है कि वे आगे आएँ और बच्चों की मौलिक आवश्यकताओं को पूरा करने में योगदान करें.